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Lucknow News : निजी अस्पताल में मरीज को बनाया बंधक, डिप्टी सीएम के हस्तक्षेप के बाद छोड़ा

राजधानी (Lucknow News) के निजी अस्पतालों में मरीजों और तीमारदारों को शोषण थम नहीं रहा है. मड़ियांव स्थित होपवेल हॉस्पिटल में एक कैंसर मरीज को बंधक बनाने का मामला संज्ञान में आया है. इसके अलावा अन्य निजी अस्पताल में लापरवाही के कारण एक प्रसूता की मौत हो गई.

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Published : Feb 23, 2023, 1:40 PM IST

लखनऊ : मड़ियांव विध्यांचल मंदिर मार्ग स्थित होपवेल हॉस्पिटल में कैंसर मरीज को बिल खातिर बंधक बना लिया. आरोप है इलाज में कोताही हुई. इससे मरीज की हालत बिगड़ गई. तीमारदार मरीज को बड़े सरकारी संस्थान ले जाना चाह रहे थे, मगर अस्पताल प्रबंधन बिना बिल भुगतान छोड़ने को राजी हुआ. तीमारदार ने बुधवार को मामले की शिकायत डिप्टी सीएम तक पहुंचाई. डिप्टी सीएम कार्यालय से फोन सीएमओ ऑफिस पहुंचा. मामले की जांच के आदेश के साथ ही मरीज को छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं.

सीतापुर मिश्रिख के रहने वाले श्यामू (55) जबड़े के कैंसर से ग्रस्त हैं. अस्पताल के एक दलाल ने मरीज को बेहतर व सस्ता ऑपरेशन कराने की सलाह देकर होपवेल हॉस्पिटल भेज दिया था. बीती 15 फरवरी को मरीज अस्पताल में भर्ती किया गया. दो दिन में ऑपरेशन के बाद मरीज को ठीक करके घर भेजने का दावा किया गया था. श्यामू बेटे का आरोप है कि दो बार जबड़े का ऑपरेशन किया गया. इससे मरीज की हालत में सुधार की बजाए बिगड़ गई. जबड़े से लगातार पानी का रिसाव हो रहा है. इस दौरान इलाज की खातिर करीब चार लाख रुपये लिए गए. इसके बाद दो लाख 80 हजार रुपये का बिल थमाया गया. बेटे का आरोप है अस्पताल के डॉक्टरों ने ऑपरेशन के बाद पूरा केस बिगाड़ दिया है. डिस्चार्ज के लिए कहा तो बिना बिल भुगतान छोड़ने को राजी नहीं हुए. मामले की शिकायत डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के पास पहुंची तो डिप्टी सीएम आफिस से सीएमओ कार्यालय फोन किया गया तब अफसरों की नींद टूटी. नर्सिंग होम के नोडल अफसर डॉ. एपी सिंह ने अस्पताल प्रबंधन को फोन करके मरीज को छुड़वाया. अस्पताल प्रबंधन के सदस्य डॉ. शहीर सिद्दीकी ने बताया कि तीमारदारों के आरोप गलत है. अस्पताल व नर्सिंग फीस छोड़ दी गई है. दवाओं का बिल मांगा जा रहा था.

अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से प्रसूता की मौत : शहीद पथ स्थित मातृ एवं शिशु रेफरल सेंटर में प्रसव बाद महिला की हालत बिगड़ गई. तीमारदार डॉक्टर-स्टॉफ को बुलाते रहे, मगर किसी का दिल नहीं पसीजा. करीब 15 मिनट बाद स्टॉफ आया तो मरीज को खून की जरूरत बताकर दो यूनिट खून की मांग की गई. तीमारदार दो यूनिट ब्लड भी ले आए. इसके बाद मरीज को वेंटीलेटर सपोर्ट पर डाल दिया गया. हालत में सुधार न होने पर बुधवार को विभूतिखंड लोहिया संस्थान भेजा गया. वहां पर प्रसूता की मौत हो गई. परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.

छोटा भरवारा विज्ञानखंड गोमतीनगर निवासी साधना चौधरी (32) को परिजनों ने मंगलवार सुबह नौ बजे मातृ एवं शिशु रेफरल सेंटर में भर्ती कराया गया था. सुबह करीब 11:30 बजे डॉक्टरों ने सिजेरियन ऑपरेशन की सलाह दी. ऑपरेशन से लड़का हुआ तब जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ थे. मंगलवार रात करीब साढ़े आठ बजे प्रसूता की हालत अचानक बिगड़ने लगी. काफी देर बाद डॉक्टर-स्टॉफ आए, जांच पड़ताल बाद डॉक्टरों ने अंदरूनी ब्लीडिंग होने की बात कही. दो यूनिट खून लोहिया ब्लड बैंक से मंगवाया गया. साधना के ससुर बाबू वर्मा का आरोप है कि रात में ही बहू की मौत हो गई थी. मौत के बाद भी उसे वेंटीलेटर पर लिटाए रखा गया. इसके बाद लोहिया संस्थान रेफर कर दिया गया. वहां पर डॉक्टरों ने कुछ घंटे भर्ती रखने बाद मृत घोषित कर दिया. बाबू वर्मा ने विभूतिखंड थाने में तहरीर दी है.

यह भी पढ़ें : UP Legislative Council में स्वामी प्रसाद मौर्य बोले-दलितों पिछड़ों का आरक्षण लूट रही भाजपा, बाबा विश्वनाथ को कर्जदार बनाने का आरोप

लखनऊ : मड़ियांव विध्यांचल मंदिर मार्ग स्थित होपवेल हॉस्पिटल में कैंसर मरीज को बिल खातिर बंधक बना लिया. आरोप है इलाज में कोताही हुई. इससे मरीज की हालत बिगड़ गई. तीमारदार मरीज को बड़े सरकारी संस्थान ले जाना चाह रहे थे, मगर अस्पताल प्रबंधन बिना बिल भुगतान छोड़ने को राजी हुआ. तीमारदार ने बुधवार को मामले की शिकायत डिप्टी सीएम तक पहुंचाई. डिप्टी सीएम कार्यालय से फोन सीएमओ ऑफिस पहुंचा. मामले की जांच के आदेश के साथ ही मरीज को छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं.

सीतापुर मिश्रिख के रहने वाले श्यामू (55) जबड़े के कैंसर से ग्रस्त हैं. अस्पताल के एक दलाल ने मरीज को बेहतर व सस्ता ऑपरेशन कराने की सलाह देकर होपवेल हॉस्पिटल भेज दिया था. बीती 15 फरवरी को मरीज अस्पताल में भर्ती किया गया. दो दिन में ऑपरेशन के बाद मरीज को ठीक करके घर भेजने का दावा किया गया था. श्यामू बेटे का आरोप है कि दो बार जबड़े का ऑपरेशन किया गया. इससे मरीज की हालत में सुधार की बजाए बिगड़ गई. जबड़े से लगातार पानी का रिसाव हो रहा है. इस दौरान इलाज की खातिर करीब चार लाख रुपये लिए गए. इसके बाद दो लाख 80 हजार रुपये का बिल थमाया गया. बेटे का आरोप है अस्पताल के डॉक्टरों ने ऑपरेशन के बाद पूरा केस बिगाड़ दिया है. डिस्चार्ज के लिए कहा तो बिना बिल भुगतान छोड़ने को राजी नहीं हुए. मामले की शिकायत डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के पास पहुंची तो डिप्टी सीएम आफिस से सीएमओ कार्यालय फोन किया गया तब अफसरों की नींद टूटी. नर्सिंग होम के नोडल अफसर डॉ. एपी सिंह ने अस्पताल प्रबंधन को फोन करके मरीज को छुड़वाया. अस्पताल प्रबंधन के सदस्य डॉ. शहीर सिद्दीकी ने बताया कि तीमारदारों के आरोप गलत है. अस्पताल व नर्सिंग फीस छोड़ दी गई है. दवाओं का बिल मांगा जा रहा था.

अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से प्रसूता की मौत : शहीद पथ स्थित मातृ एवं शिशु रेफरल सेंटर में प्रसव बाद महिला की हालत बिगड़ गई. तीमारदार डॉक्टर-स्टॉफ को बुलाते रहे, मगर किसी का दिल नहीं पसीजा. करीब 15 मिनट बाद स्टॉफ आया तो मरीज को खून की जरूरत बताकर दो यूनिट खून की मांग की गई. तीमारदार दो यूनिट ब्लड भी ले आए. इसके बाद मरीज को वेंटीलेटर सपोर्ट पर डाल दिया गया. हालत में सुधार न होने पर बुधवार को विभूतिखंड लोहिया संस्थान भेजा गया. वहां पर प्रसूता की मौत हो गई. परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.

छोटा भरवारा विज्ञानखंड गोमतीनगर निवासी साधना चौधरी (32) को परिजनों ने मंगलवार सुबह नौ बजे मातृ एवं शिशु रेफरल सेंटर में भर्ती कराया गया था. सुबह करीब 11:30 बजे डॉक्टरों ने सिजेरियन ऑपरेशन की सलाह दी. ऑपरेशन से लड़का हुआ तब जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ थे. मंगलवार रात करीब साढ़े आठ बजे प्रसूता की हालत अचानक बिगड़ने लगी. काफी देर बाद डॉक्टर-स्टॉफ आए, जांच पड़ताल बाद डॉक्टरों ने अंदरूनी ब्लीडिंग होने की बात कही. दो यूनिट खून लोहिया ब्लड बैंक से मंगवाया गया. साधना के ससुर बाबू वर्मा का आरोप है कि रात में ही बहू की मौत हो गई थी. मौत के बाद भी उसे वेंटीलेटर पर लिटाए रखा गया. इसके बाद लोहिया संस्थान रेफर कर दिया गया. वहां पर डॉक्टरों ने कुछ घंटे भर्ती रखने बाद मृत घोषित कर दिया. बाबू वर्मा ने विभूतिखंड थाने में तहरीर दी है.

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