लखनऊ: केजीएमयू के होल्डिंग एरिया में इलाज न मिलने की वजह से एक किशोर की मौत हो गई. उसे 2 घंटे सिविल अस्पताल से रेफर किया गया था. तीमारदारों का आरोप है कि, मरीज दो घंटे तक वेटिंग एरिया में पड़ा रहा लेकिन किसी भी डॉक्टर ने उसे हाथ तक नहीं लगाया. बेटे की मौत के बाद पिता का रो-रो कर बुरा हाल है.
बाराबंकी निवासी ओमप्रकाश के बेटे अंशु (14 साल) को अचानक पेट में दर्द शुरू होने के बाद परिजन पहले उसे नजदीकी अस्पताल ले गए. जहां से उसके लखनऊ रेफर कर दिया गया. इसके बाद परिजन अंशु को लेकर राजधानी के सिविल अस्पताल लेकर गए. जहां डॉक्टर्स ने अंशु की गंभीर हालत देखकर उसे केजीएमयू के लिए रेफर कर दिया. लेकिन केजीएमयू पहुंचने के बाद मरीज कई घंटों तक वेटिंग एरिया में पड़ा तड़पता रहा और इलाज न मिलने की वजह से उसकी मौत हो गई.
तीमारदारों ने आरोप लगया कि वो घंटों वेटिंग एरिया में डॉक्टर के आने का इंतजार करते रहे, लेकिन डॉक्टर ने उनके मरीज को छुआ तक नहीं. इसकी वजह से इलाज के अभाव में उनके मरीज की मौत हो गई. युवक के पिता कई घंटों तक अपने बेटे के मुंह में पानी डालते रहे. शरीर में हरकत न होने की वजह से जब उन्होंने अपने बेटे को स्पर्श किया तो उन्हें एहसास हुआ कि उनका बेटा अब नहीं रहा.
केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ सुधीर सिंह ने कहा कि, मामला संज्ञान में है. साथ ही उन्होंने अस्पताल स्टाफ की तरफ से किसी भी लापरवाही इनकार किया है.
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