लखनऊ: कोरोना संकट के कारण अब भी काफी कम संख्या में ट्रेनों का संचालन हो रहा है. जिसकी वजह से यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. खासकर कम दूरी के यात्रियों को, जिन्हें पैसेंजर और मेमू ट्रेनों के संचालन न होने के कारण रोजाना समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. रोजाना मासिक पास से पैसेंजर ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्रियों के मासिक पास न रिन्यूअल हो रहे हैं न ही नए सिरे से जारी ही हो पा रहे हैं. हजारों यात्री पैसेंजर और मेमू ट्रेनों के फिर से संचालन शुरू होने से परेशान हैं.
इसमें सबसे ज्यादा यात्री लखनऊ से कानपुर रूट के हैं. दैनिक यात्रियों को ट्रेन के संचालन न होने से बस से यात्रा करनी पड़ रही है, जो उनके लिए काफी महंगा साबित होता है. कोरोना संक्रमण की वजह से सभी ट्रेने बंद कर दी गई थीं. रेलवे प्रशासन ने एक जून से करीब 200 ट्रेनों का संचालन शुरू किया. इसके बाद 12 सितंबर से शताब्दी, हमसफर और एसी स्पेशल जैसी ट्रेनों की भी शुरुआत हुई. लेकिन इस दौरान मेमू, इंटरसिटी और पैसेंजर गाड़ियों के शुरू नहीं होने से दैनिक यात्रियों को काफी दिक्कत हो रही है.
लखनऊ से कानपुर के बीच रोजाना यात्रा करने वाले दैनिक यात्रियों के एसोसिएशन के अध्यक्ष एसएस उप्पल ने बताया कि पहले ही दैनिक यात्रियों के लिए कोरोना की वजह से आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. वहीं अब उन्हें ट्रेन की जगह बस से सफर करना पड़ता है. इस वजह से उनका बजट बिगड़ रहा है. कानपुर, सुलतानपुर, बाराबंकी, हरदोई, सीतापुर से बड़ी संख्या में दैनिक यात्री लखनऊ आते जाते हैं. उनकी संख्या करीब 45 हजार है. बस में ट्रेन से दो से ढाई गुना ज्यादा कीमत चुका कर अपने सफर को यात्रियों को पूरा करना पड़ रहा है. पहले इनका सफर काफी सस्ता था. अब इनकी जेब पर भार बढ़ रहा है.
उन्होंने बताया कि करोना की वजह से ट्रेनों का संचालन जब बंद हुआ तो एमएसटी धारकों के लिए भी मुश्किलें खड़ी हो गईं. अब छह माह पूरे होने के बाद भी मेमू और पैसेंजर ट्रेनें शुरू नहीं हुईं. ऐसे में एमएसटी धारकों की एमएसटी का भी नवीनीकरण नहीं हो पा रहा है.
किस रूट पर कितने एमएसटी पास धारक यात्री
रूट | यात्री |
लखनऊ-बाराबंकी | 1500 |
लखनऊ-सुलतानपुर | 1500 |
लखनऊ-हरदोई | 3000 |
लखनऊ-सीतापुर | 5000 |
लखनऊ-कानपुर | 32000 |