लखनऊ : उत्तर प्रदेश के सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों के महत्वपूर्ण स्थलों का चयन कर पर्यटन संभावनाओं को देखते हुए वहां पर पर्यटक स्थल के रूप में चयनित कर विकास किया जाएगा. इन सभी स्थलों को उच्च स्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में प्रदेश सरकार द्वारा विकसित किया जाएगा. इसके लिए मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना के तौर पर 50-50 प्रतिशत सहभागिता के आधार पर योजना के अंतर्गत विकसित किया जाएगा.
यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने दी. उन्होंने कहा कि इस योजना के क्रियान्वयन से न केवल स्थानीय एवं घरेलू पर्यटकों के आवागमन में बढ़ोतरी होगी. साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार भी सृजित होंगे. पर्यटन मंत्री मंगलवार को अपने आवास पर आयोजित बैठक में पिछले कैबिनेट बैठक में मंजूर किए गए मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना के प्रमुख बिंदुओं की जानकारी दे रहे थे. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के लगभग हर जनपद में महत्वपूर्ण धार्मिक, आध्यात्मिक, पौराणिक, प्राचीन सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक स्थल हैं. इन सभी स्थलों पर विविध आकर्षणों को विश्व के नक्शे पर स्थापित करने व पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए यह नई योजना सरकार की ओर से शुरू की गई है. इसके तहत सभी विधानसभाओं में चयनित पर्यटक स्थलों पर पर्यटकों व श्रद्धालुओं के लिए मूलभूत सुविधाओं को विकसित करने के साथ ही अधिक से अधिक पर्यटकों को यहां कैसे आने के लिए लुभाया जाए इस और भी काम किया जाएगा.
मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना के तहत शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सांसद व विधायकों, नगर निकायों के अध्यक्षों तथा निजी क्षेत्र के सीएसआर, निजी व्यक्ति, प्रवासी भारतीय, एनजीओ व ट्रस्ट द्वारा पर्यटन विकास व निर्माण के लिए जो भी परियोजनाएं राज्य सरकार व पर्यटन विभाग के सामने प्रस्तुत की जाएंगी. इस परियोजना के डीपीआर को देखने के बाद सरकार उसे पास करेगी. इस योजना के लिए न्यूनतम 25 लाख तथा अधिकतम 5 करोड़ रुपये का प्रस्ताव लिया जाएगा. योजना की डीपीआर मंजूर होने के बाद उसका 50% धनराशि की व्यवस्था पर्यटन विभाग की ओर से किया जाएगा. साथ ही 50% धनराशि सांसद व विधायक अपने निधि से करेंगे. नगर निकायों, ग्राम पंचायतों द्वारा अपनी निधियों के अंतर्गत तथा पौराणिक व धार्मिक स्थलों की प्रबंध समिति/ट्रस्ट, ख्याति प्राप्त एनजीओ, कारपोरेट फर्म, वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अथवा निजी क्षेत्र के सीएसआर के अंतर्गत कन्वर्जेन्स प्रस्ताव दिया जा सकेगा. इस योजना से हर विधानसभा क्षेत्र में एक पर्यटक स्थल को विकास करने के साथ ही वहां पर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिलेगा. जयवीर सिंह ने बताया कि चयनित पर्यटन स्थल का कार्य पूरा होने के बाद पर्यटन स्थल का रखरखाव एवं संचालन तथा अनुरक्षण का जिम्मा संबंधित जनपद के जिलाधिकारी व अधिकृत संस्थाओं का होगा.
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