लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने 16 अगस्त से 50 प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति के साथ स्कूल खोलने के निर्देश दे दिए हैं. अभिभावकों ने सरकार से अपील की कि बच्चों के वैक्सीनेशन के बाद ही स्कूल खोले जाएं. जब तक बच्चों के वैक्सीनेशन का कार्य पूरा नहीं होता तब तक उनकी पढ़ाई ऑनलाइन के माध्यम से जारी रखी जाए.
इस संबंध में ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान लखनऊ के बख्शी के तालाब में रहने वाले अभिभावक अनिल ने बताया कि सरकार जल्दबाजी में फैसला ले रही है. दूसरी लहर कम तो हो गई है, लेकिन अभी भी विशेषज्ञ तीसरी लहर का खतरा बता रहे हैं. उनका कहना है कि जब तक तीसरी लहर का खतरा है और इसमें बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा है तो ऐसे में स्कूल क्यों खोले जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को अपना फैसला वापस लेना चाहिए या फिर सरकार सभी बच्चों को वैक्सीन लगवा दे तब स्कूल खोलने के आदेश दें. तीसरी लहर की आशंका के बीच सरकार बच्चों की जान से खिलवाड़ क्यों कर रही है.
दूसरे अभिभावक सुनील भदौरिया ने कहा कि अभी तक बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे थे और घर में सुरक्षित थे लेकिन, स्कूल खुलने के बाद तो उन्हें खतरा रहेगा, या फिर सरकार बच्चों के वैक्सीनेशन लगने तक ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखे नहीं तो हम अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे. इनका कहना हा कि अभी तक जैसे ऑनलाइन पढ़ाई होती रही है. हम अपने बच्चों को वैसे ही पढ़ाना चाहेंगे. स्कूल में कितना सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होगा. यह हमें पता है क्योंकि कुछ दिन तक तो सारे नियम अपनाए जाते हैं, लेकिन उसके बाद स्कूल अपनी मनमानी तरीके से कार्य करता है. इसलिए हम लोग अभी भी ऑनलाइन पढ़ाई के पक्ष में हैं.
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अभिभावक नीता वर्मा ने बताया कि स्कूल बंद होने से हालांकि बच्चों की पढ़ाई का नुकसान काफी ज्यादा हो रहा है. हम सभी चाहते हैं कि जल्द ही स्कूल खुले, ताकि बच्चे अपनी पढ़ाई कर सकें. लेकिन अगर सुरक्षा व्यवस्था की बात की जाए तो उसको लेकर हमारी राय यह है कि सरकार बच्चों के वैक्सीनेशन के बाद ही स्कूल खोले, ताकि हम जब अपने बच्चे को स्कूल भेजें तो असुरक्षित महसूस न कर सकें.