लखनऊ: राजधानी लखनऊ की पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक सुरेश कुमार श्रीवास्तव ने सादगी के साथ पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती मनाई. पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 104वीं जयंती पर विधायक सुरेश श्रीवास्तव ने चित्र पर माल्यार्पण किया. कार्यक्रम का आयोजन देर शाम पश्चिमी विधायक के आवास पर किया गया.
विधायक ने बताया कि 1951 में जब भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई. उस दौरान डॉ. श्याम प्रसाद मुखर्जी से गुरू जी ने कहा कि हमको एक ऐसा कार्यकर्ता दीजिए जो भारतीय जनसंघ का विस्तार कर सके. गुरू जी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय को भारतीय जनसंघ का विस्तार करने के लिए राजनीति में भेजा. उन्होंने काफी विस्तार भी किया. साल 1967 में वह भारतीय जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने, जिस समय जनसंघ आगे बढ़ रहा था, उस समय मुस्लिम लीग, वामपंथी विचारधारा के लोग और कम्युनिस्ट पार्टी उनके दुश्मन बन गए.
विधायक ने बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने जो आर्थिक चिंतन राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में रखा, उससे वामपंथी विचारधारा के लोगों की कीले हिल गईं. कहा जाता है कि 11 फरवरी 1968 को जब वह ट्रेन में सफर कर रहे थे. तब मुगलसराय के पास उनकी हत्या कर दी गई. उनके शव को मुगलसराय स्टेशन के यार्ड में फेंक दिया गया. उनको पहचाना न जाता तो उनका शव अज्ञात में जला दिया जाता.
इस मौके पर पार्षद साधना वर्मा, सौरभ श्रीवास्तव, राजेश मिश्रा, शक्ति, आकांक्षा व विजय शुक्ला समेत कई भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया.