हरिद्वारः अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद अब उनके उत्तराधिकारी को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. एक तरफ नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या से पहले लिखे सुसाइड नोट में बलबीर गिरि को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है. जिसके बाद माना जा रहा था कि बलबीर गिरि को बाघंबरी गद्दी और नरेंद्र गिरि का उत्तराधिकारी बनना लगभग तय है. लेकिन हरिद्वार निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रामरतन गिरि ने बलबीर गिरि के बाघंबरी गद्दी और नरेंद्र गिरि का उत्तराधिकारी बनाए जाने से फिलहाल इनकार किया है.
बलबीर गिरि को बाघंबरी गद्दी और नरेंद्र गिरी का उत्तराधिकारी बनाने के मामले पर नया पेंच आ गया है. हरिद्वार के निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रामरतन गिरि का कहना है कि इस पर जल्द ही श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी की कार्यकारिणी की बैठक होगी. जिसमें निर्णय लिया जाएगा कि कौन बाघंबरी गद्दी का उत्तराधिकारी बनेगा. साथ ही उन्होंने बताया कि हमारी कार्यकारिणी में 16 सदस्य होते हैं, जिसमें 8 अष्ट कौशल महंत होते हैं और 8 उपमहंत होते हैं. बलबीर गिरि उपमहंतों की श्रेणी में आते हैं.
निरंजनी अखाड़ा सचिव महंत रामरतन गिरि का साफ तौर पर कहना है कि बाघंबरी गद्दी निरंजनी अखाड़े के अधीन है. महंत नरेंद्र गिरि गद्दी का अच्छे से संचालन कर रहे थे. लेकिन अब इसका फैसला श्री निरंजनी अखाड़े करेगा कि बाघंबरी गद्दी पर कौन विराजमान होगा.
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बलबीर पुरी है बलबीर गिरि का नाम
उन्होंने कहा कि जल्द ही कार्यकारिणी की बैठक में यह निर्णय ले लिया जाएगा कि कौन बाघंबरी गद्दी मठ में विराजमान होगा. साथ ही उन्होंने बताया की बलबीर गिरि का नाम बलबीर पुरी है. 2003 में उन्होंने संन्यास लिया था और उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र से वह आते हैं. फिलहाल बिल्केश्वर मंदिर हरिद्वार में व्यवस्थापक पद पर तैनात हैं. जो हर 3 साल में बदली जाती है.