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लखनऊ: लोकबंधु अस्पताल में पंचकर्म विधि से होगा मरीजों का इलाज

प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में आयुष विधि के माध्यम से पंचकर्म की प्रथम इकाई स्थापित की जा रही है. जिसके बाद अब इस विधि से मरीजों का इलाज किया जाएगा.

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पंचकर्म विधि से होगा मरीजों का इलाज.
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Published : Dec 25, 2019, 7:33 PM IST

लखनऊ: देश-विदेश में आयुष विधि से इलाज की तमाम प्रक्रियाएं चल रही हैं, जिससे लोग अपने जीवन को बेहतर बना रहे हैं. इसी के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में आयुष विधि के माध्यम से पंचकर्म की प्रथम इकाई स्थापित कर रहा है. जिसके बाद इस पद्धति से लोगों का उपचार किया जाएगा.

पंचकर्म विधि से होगा मरीजों का इलाज.

पंचकर्म विधि से किया जाएगा मरीजों का इलाज

  • पंचकर्म चिकित्सा आयुर्वेद की शोध पद्धति के अंतर्गत की जाती है, जो कि दोनों उद्देश्यों की पूर्ति हेतु महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
  • देश-विदेश में अनेक चिकित्सा केंद्र पंचकर्म विधि से इलाज कर रहे हैं.
  • अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में इसकी इकाई स्थापित की जा रही है.
  • इसके माध्यम से पंचकर्म क्रिया शुरू की जा रही है, अभी दो पंचकर्म विशेषज्ञ लोकबंधु अस्पताल में अक्टूबर से कार्यरत हैं.
  • यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश का पायलट प्रोजेक्ट है.

यदि इस विधि के बेहतर परिणाम इस अस्पताल के माध्यम से सामने आएंगे तो उसके बाद नेशनल हेल्थ मिशन द्वारा प्रदेश के अन्य अस्पतालों समेत सीएचसी और पीएचसी में भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा इसे लागू करने की योजना बनाई जाएगी.

मुख्यतः इन रोगों में कारगर होती है पंचकर्म विधि

  • जोड़ संबंधी रोगी, स्पॉन्डिलाइटिस, साटिका, न्यूरोलॉजी संबंधी, मानसिक रोग, त्वचा संबंधी रोग, विशेषकर सोरायसिस अक्षी रोगों में इसकी खास उपयोगिता है.
  • इसके अतिरिक्त मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसे अनियमित जीवन शैली से उत्पन्न रोगों में भी पंचकर्म की चिकित्सा की विशेष उपयोगिता है.
  • इसके साथ-साथ रोगों के समूह नाश में तो आयुर्वेद में शोधन की उपयोगिता पर अधिक जोर दिया गया है.

लखनऊ: देश-विदेश में आयुष विधि से इलाज की तमाम प्रक्रियाएं चल रही हैं, जिससे लोग अपने जीवन को बेहतर बना रहे हैं. इसी के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में आयुष विधि के माध्यम से पंचकर्म की प्रथम इकाई स्थापित कर रहा है. जिसके बाद इस पद्धति से लोगों का उपचार किया जाएगा.

पंचकर्म विधि से होगा मरीजों का इलाज.

पंचकर्म विधि से किया जाएगा मरीजों का इलाज

  • पंचकर्म चिकित्सा आयुर्वेद की शोध पद्धति के अंतर्गत की जाती है, जो कि दोनों उद्देश्यों की पूर्ति हेतु महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
  • देश-विदेश में अनेक चिकित्सा केंद्र पंचकर्म विधि से इलाज कर रहे हैं.
  • अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में इसकी इकाई स्थापित की जा रही है.
  • इसके माध्यम से पंचकर्म क्रिया शुरू की जा रही है, अभी दो पंचकर्म विशेषज्ञ लोकबंधु अस्पताल में अक्टूबर से कार्यरत हैं.
  • यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश का पायलट प्रोजेक्ट है.

यदि इस विधि के बेहतर परिणाम इस अस्पताल के माध्यम से सामने आएंगे तो उसके बाद नेशनल हेल्थ मिशन द्वारा प्रदेश के अन्य अस्पतालों समेत सीएचसी और पीएचसी में भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा इसे लागू करने की योजना बनाई जाएगी.

मुख्यतः इन रोगों में कारगर होती है पंचकर्म विधि

  • जोड़ संबंधी रोगी, स्पॉन्डिलाइटिस, साटिका, न्यूरोलॉजी संबंधी, मानसिक रोग, त्वचा संबंधी रोग, विशेषकर सोरायसिस अक्षी रोगों में इसकी खास उपयोगिता है.
  • इसके अतिरिक्त मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसे अनियमित जीवन शैली से उत्पन्न रोगों में भी पंचकर्म की चिकित्सा की विशेष उपयोगिता है.
  • इसके साथ-साथ रोगों के समूह नाश में तो आयुर्वेद में शोधन की उपयोगिता पर अधिक जोर दिया गया है.
Intro:



देश तथा विदेश में आयुष विधि से इलाज होने की तमाम प्रक्रिया चल रही हैं।जिससे लोग अपने जीवन को बेहतर बना रहे हैं। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश द्वारा राजधानी लखनऊ के लोग बंधु अस्पताल में आयुष कि माध्यम से पंचकर्म की प्रथम इकाई स्थापित गई।इसके माध्यम से लोगों को अब उपचार दिया जाएगा।




Body:आयुर्वेद का मूल उद्देश्य स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य का संरक्षण व रोगी के विकारों को नष्ट करना है पंचकर्म चिकित्सा आयुर्वेद की शोध पद्धति के अंतर्गत की जाती है।जो कि दोनों उद्देश्यों की पूर्ति हेतु महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसी कड़ी में देश तथा विदेश में अनेक चिकित्सा केंद्र पंचकर्म का इलाज दिया जा रहा है। जिससे कि लोगों को बेहतर स्वास्थ सेवाएं आयुष के माध्यम से मिल पाए। इसके बाद ऐसे कई लोग हैं जिसके द्वारा लाभनवित हो रहे हैं।इसलिए अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में इसकी स्थापित के जा रही है। इसके माध्यम से पंचकर्म क्रिया शुरू की जा रही है। जिससे इलाज दिया जाएगा। पंचकर्म इकाई सी प्रायोजित ढंग से अभी कार्यशील है। पंचकर्म विशेषज्ञ अभी दो लोकबंधु अस्पताल में अक्टूबर से कार्यरत हैं। जो अब आने वाले मरीजों को पंचकर्म विधि जोकि आयुष की एक विधि है। उस के माध्यम से मरीजो को इलाज देंगे। यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश का पायलट प्रोजेक्ट है। यदि इस विधि के बेहतर परिणाम इस अस्पताल सामने आएंगे। तो उसके बाद नेशनल हेल्थ मिशन द्वारा प्रदेश के अन्य अस्पतालो समेत सीएचसी व पीएचसी में भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा लागू करने की योजना बनाई जाएगी।

मुख्यतः इन रोगों में होता है पंचकर्म कारगर

जोड़ संबंधी रोगी, स्पॉन्डिलाइटिस, साटिका ,न्यूरोलॉजी संबंधी, मानसिक रोग ,त्वचा संबंधी रोग, विशेषकर सोरायसिस अक्षी रोगों में इस की उपयोगिता है। इसके अतिरिक्त मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसे अनियमित जीवन शैली से उत्पन्न रोगों में भी पंचकर्म की चिकित्सा की विशेष उपयोगिता है। इसके साथ-साथ रोगों के समूह नाश तो आयुर्वेद में शोधन की उपयोगिता पर अधिक जोर दिया गया है।

बाइट- डॉ डी एस नेगी,निदेशक, लोकबन्धु अस्पताल




Conclusion:जल्द ही पायलट प्रोजेक्ट यदि बेहतर परिणाम लोकबंधु अस्पताल में देता है। तो इसको पूरे प्रदेश भर के जिला अस्पतालों व सीएचसी पीएचसी में भी लागू करके। इसकी सेवाएं लोगों को देने का प्रावधान भी लाया जाएगा

एन्ड
पीटीसी
शुभम पाण्डेय
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