लखनऊ: सरकार और सीएम योगी की टीम-11 के अफसर भले ही राजधानी लखनऊ के अस्पतालों में भरपूर ऑक्सीजन होने के दावे कर रहे हैं, लेकिन उनके इस दावे को शहर के अस्पतालों के बाहर लगे पोस्टर गलत साबित कर रहे हैं. मंगलवार से पांच अस्पतालों में ऑक्सीजन का संकट चल रहा है. उस दिन जैसे-तैसे व्यवस्था कर काम चलाया गया. वहीं बुधवार यानी आज समस्या और विकराल हो गई. कोविड अस्पताल के रूप में बदले गए मेयो अस्पताल ने बुधवार को ऑक्सीजन न होने का नोटिस चस्पा कर दिया. साथ ही भर्ती मरीजों को दूसरे अस्पताल शिफ्ट करने की सलाह दी गई है. इतना ही नहीं बलरामपुर अस्पताल में भी ऑक्सीजन का संकट है.
नहीं हो पा रही रिफलिंग
विवेकानंद अस्पताल, अथर्व हॉस्पिटल में भी मंगलवार शाम से व्यवस्था लड़खड़ाई हुई है. वहीं ऑक्सीजन प्लांटों में रिफलिंग का काम बेपटरी हो गया है. बुधवार दोपहर तक कई बॉटलिंग प्लांट में ऑक्सीजन टैंकर नहीं पहुंचे. ऐसे में सिलेंडर की रिफलिंग नहीं हो सकी.राजधानी के अस्पतालों में ऑक्सीजन का संकट छाया रहा है. वहीं अस्पतालों में ऑक्सीजन न होने को लेकर लोग हंगामा कर रहे हैं.
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टीएसएम मेडिकल कॉलेज में हो गई थी ऑक्सीजन खत्म
कानपुर रोड स्थित टीएसएम मेडिकल कॉलेज कोविड का लेवल-थ्री हॉस्पिटल है. यहां पर 50 बेड का आइसीयू है. वहीं आइसोलेशन वार्ड में 150 बेड हैं. यहां सभी बेड फुल थे. लेकिन, मंगलवार को यहां प्लांट से ऑक्सीजन की आपूर्ति समय पर नहीं हुई. ऐसे में बीती रात यहां ऑक्सीजन संकट पैदा हो गया. उधर, मरीजों की जिंदगी दांव पर देखकर तीमारदार भी हंगामा करने लगे. जिसके बाद यहां से मरीजों को शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू की गई. टीएसएम मेडिकल कॉलेज में 24 घण्टे में 350 ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत है. बैकअप में भी ऑक्सीजन का स्टॉक नहीं है. ऐसे में सुबह भी 30 मरीजों को शिफ्ट किया गया.
नॉन कोविड अस्पतालों में भी गहराया ऑक्सीजन का संकट
कोविड के साथ-साथ शहर के नॉन कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन का संकट गहरा गया है. कई अस्पतालों में ऑक्सीजन खत्म हो गई है. ऐसे में 'नो ऑक्सीजन' का पोस्टर दीवार पर चस्पा कर भर्ती मरीजों को जबरन डिस्चार्ज कर दिया गया है. सुबह तक शहर के कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन का संकट था. सूत्रों के मुताबिक, इसके बाद अफसरों ने ज्यादातर कंपनियों ने नॉन कोविड अस्पतालों को ऑक्सीजन देने पर रोक लगा दी. इससे नॉन कोविड अस्पताल में भर्ती सामान्य बीमारियों से पीड़ित गंभीर मरीजों के इलाज पर संकट गहरा गया. गोमतीनगर स्थित मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन सपोर्ट पर भर्ती कई मरीजों की जबरन छुट्टी कर दी गई. इसी तरह फैजाबाद रोड और रिंग रोड के निजी अस्पतालों से मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया. मरीज गुहार लगाते रहे लेकिन उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हुई. गोमतीनगर स्थित मनोज पांडेय चौराहे के पास तीन निजी अस्पतालों ने कई मरीजों डिस्चार्ज कर दिया.
आठ हजार से ज्यादा मरीजों की जान पर खतरा
ऑक्सीजन के इंतजाम न होने से मरीजों की हालत गंभीर हो रही है. बलरामपुर कोविड हॉस्पिटल में 300 से अधिक मरीज भर्ती हैं. अस्पताल के निदेशक डॉ. राजीव लोचन के मुताबिक 24 घंटे की ऑक्सीजन बची है. डीआरडीओ से 40 सिलेंडर आ गए हैं, इसी तरह 30 सिलेंडर दूसरी जगह से मिले हैं. ऑक्सीजन की कमी से आठ हजार से ज्यादा कोविड व नॉन कोविड अस्पतालों में भर्ती मरीजों की जान का खतरा बन गया है. मरीज बिना ऑक्सीजन के तड़प रहे हैं. उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है. अफसर तीमारदारों के फोन नहीं उठा रहे हैं. हेल्पलाइन पर भी मदद नहीं मिल रही है.