लखनऊ : शहर में इन दिनों वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. सरकारी अस्पतालों व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर वायरल बुखार से पीड़ित काफी लोग इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. इस दौरान बहुत से सामुदायिक केंद्र और जिला अस्पताल में खून की जांच के दौरान कुछ तकनीकी समस्याएं आ रही हैं. जिसके कारण मरीज को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. एक तरफ मरीज वायरल बुखार से परेशान हैं और दूसरी तरफ मरीज अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से आहत हो रहे हैं. इन दिनों मरीज वायरल बुखार से ही परेशान हैं. यह वायरल बुखार एक रहस्यमय तरीके से फैला है, जिसमें रिपोर्ट तो पॉजिटिव नहीं आ रही है, लेकिन प्लेटलेट्स की संख्या कम हो रही है. जिसके चलते मरीज को अस्पताल में भर्ती भी किया जा रहा है.
बता दें कि हजरतगंज स्थित डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में बुधवार को सरवर ठप हो जाने के कारण दो घंटे मरीज को इंतजार करना पड़ रहा, वहीं लोकबंधु अस्पताल में भी बुधवार को पैथोलॉजी में मशीन का सर्वर ठप हो जाने के कारण मरीज का हाल बेहाल रहा. इस दौरान पैथोलॉजी में लंबी लाइन लगी रही. मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ा, लेकिन मशीन का सर्वर काम नहीं किया. जिसके कारण बहुत से मरीज बगैर सैंपल दिए ही वापस लौट गए. इसी दिन मोहनलालगंज स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी जो मरीज इलाज के लिए पहुंचे वह बगैर जांच के ही वापस लौटे क्योंकि स्वास्थ्य केंद्र में भी कोई भी जांच नहीं हो पाई. इसके अलावा मरीजों का कहना है कि यहां पर सारी जांच ठप है.
बीते दिन बलरामपुर अस्पताल का था सर्वर ठप्प : बता दें कि यही हाल बीते दिन मंगलवार को बलरामपुर अस्पताल की पैथोलॉजी में हुआ था, जहां पर जांच के लिए सैंपल देने के लिए पैथोलॉजी में मरीज खड़े रहे, लेकिन सर्वर ठप होने के कारण घंटे मरीज को इंतजार करना पड़ा. बलरामपुर अस्पताल में रोजाना करीब तीन हजार मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. इस समय ज्यादातर मरीज वायरल बुखार से पीड़ित हैं. बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर अतुल मल्होत्रा के मुताबिक, 'इस समय अस्पताल में मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है. लोड अधिक होने के कारण समस्याएं हो रही हैं, लेकिन पूरी कोशिश की जा रही है कि मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके. बीते दिन कुछ समय के लिए सर्वर डाउन हुआ था, लेकिन कुछ समय बाद सर्वर आने के बाद मरीज का तुरंत ब्लड सैंपल लिया गया था. तकनीकी समस्याएं कभी भी आ सकती हैं.
स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाएं फेल : मौसम में लगातार परिवर्तन हो रहे हैं, जिसके चलते लोग तेजी से वायरल बुखार की चपेट में आ रहे हैं. कभी बारिश हो रही है तो कभी धूप निकल रही है तो कभी रात के समय मौसम ठंडा हो रहा है. लगातार मौसम में परिवर्तन के कारण बीमारियां फैलना तेज हो गई हैं. इस दौरान सरकारी अस्पतालों, सीएचसी व पीएचसी में चिकित्सा सुविधा चाकचौबंद नहीं होने के चलते मरीजों को खास दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सरकारी महकमों में खून की जांच नहीं होने के चलते मजबूरी में मरीजों को निजी पैथोलॉजी की तरफ रुख करना पड़ रहा है. बुधवार को लोक बंधु अस्पताल में इलाज करने के लिए पहुंचे देवेंद्र सिंह ने बताया कि 'पिछले सात दिनों से लगातार बुखार आ रहा है. बुखार के चलते काफी कमजोरी हो गई है. डॉक्टर ने खून की जांच के लिए लिखा है, लेकिन जब पैथोलॉजी में पहुंचे तो पता चला कि सर्वर काम नहीं कर रहा है. सर्वर के काम नहीं करने पर निजी डायग्नोस्टिक सेंटर से जांच करना पड़ेगा. निजी पैथोलॉजी में कम से कम ढाई तीन हजार रुपए का खर्चा बैठ जाएगा.'
स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ डॉ मनोज अग्रवाल के मुताबिक, 'सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया गया है और अगर कहीं समस्या आ रही है तो उसे हम तुरंत सुन रहे हैं. स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है. दवाई उपलब्ध है. खून की जांच हो रही है. अगर कहीं कोई समस्या हो रही है तो उसको जरूर सुना जा रहा है. मशीनों में तकनीकी समस्या कुछ समय के लिए होती है फिर उसे ठीक करवा दिया जाता है.'