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दूर-दराज से आए मरीजों का बुरा हाल, बिना इलाज वापस लौटे घर - कोरोना वायरस का कहर

उत्तर प्रदेश में बेकाबू हो चले कोरोना संक्रमण से स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की कलई खुल गई है. कहीं मरीजों को एंबुलेंस नहीं मिल रही है तो कहीं मरीजों की एंबुलेंस के इंतजार में मौत हो रही है. यही नहीं ओपीडी सेवाएं बंद होने दूर-दराज से आए मरीजों को बिना इलाज के ही वापस लौटना पड़ रहा है.

दूर-दराज से आए मरीजों का बुरा हाल
दूर-दराज से आए मरीजों का बुरा हाल
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Published : Apr 15, 2021, 6:34 PM IST

लखनऊ: राजधानी में इन दिनों कोरोना वायरस कहर बरपा रहा है. राजधानी के जो इलाके कोरोना से ज्यादा प्रभावित हैं, वहां कंटेनमेंट जोन बनाया गया है. सरकारी अस्पतालों की भी ओपीडी सेवाएं ऑनलाइन कर दी गई हैं, जिस कारण यहां डॉक्टरों को दिखाने आने वाले मरीज वापस लौट रहे हैं.

दरअसल, राजधानी के चिकित्सा संस्थानों में जिन मरीजों को किसी भी विभाग में अगले महीने दिखाने की निर्धारित डेट दी गई थी, वह अपने शहर से अस्पताल तो पहुंच रहे हैं, लेकिन बिना डॉक्टर से मिले वह वापस अपने जिले को लौट रहे हैं. केजीएमयू और लोहिया अस्पताल में अन्य जिलों से आए मरीज भी वापस लौट गए. उन्हें अस्पताल के अंदर एंट्री नहीं मिली. किसी का ऑपरेशन हो चुका है तो किसी को ऑपरेशन की डेट मिली थी, लेकिन इलाज किसी को नहीं मिल रहा. अस्पतालों के बाहर तीमारदार अपने मरीज को लेकर रहते हैं, जिनका कोई हाल तक पूछने नहीं आता.

एक महीने की दवा खत्म, नहीं मिले डॉक्टर
हरदोई निवासी किरन अपने पिता का इलाज पिछले कुछ महीनों से केजीएमयू के मेंटल विभाग में करवा रही हैं. हर महीने वह अपने शहर से लखनऊ आकर दी गई डेट पर डॉक्टर से मिलतीं और दवा लेकर वापस लौट जाती थीं, लेकिन पिछली बार उन्हें 14 अप्रैल की तारीख दी गई थी. 13 की रात को वह अपने पिता के साथ लखनऊ पहुंचीं. अस्पताल जाकर पता चला कि ओपीडी नहीं चल रही है, जिसके कारण बिना दवाई ही वह अपने शहर वापस लौट गईं. इसी तरह भदोही निवासी शैलेश अपने 14 वर्षीय बच्चे का इलाज कराने अस्पताल पहुंचे, लेकिन बाद में पता चला कि ओपीडी नहीं चल रही है, जिसके कारण उन्हें बगैर इलाज के ही वापस लौटना पड़ा.

इसे भी पढ़ें:- तड़प-तड़पकर मर गईं पूर्व जिला जज की पत्नी, लेने नहीं आई एंबुलेंस

डॉक्टर्स से ऑनलाइन लें परामर्श
केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह का कहना है कि जैसा कि पहले ही मीडिया के माध्यम से बताया गया है कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए ओपीडी सेवाएं ऑनलाइन कर दी गई हैं. जिन मरीजों को इस महीने की तारीख दी गई थी, उस दिन ऑनलाइन पंजीकरण कराकर डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं.

लखनऊ: राजधानी में इन दिनों कोरोना वायरस कहर बरपा रहा है. राजधानी के जो इलाके कोरोना से ज्यादा प्रभावित हैं, वहां कंटेनमेंट जोन बनाया गया है. सरकारी अस्पतालों की भी ओपीडी सेवाएं ऑनलाइन कर दी गई हैं, जिस कारण यहां डॉक्टरों को दिखाने आने वाले मरीज वापस लौट रहे हैं.

दरअसल, राजधानी के चिकित्सा संस्थानों में जिन मरीजों को किसी भी विभाग में अगले महीने दिखाने की निर्धारित डेट दी गई थी, वह अपने शहर से अस्पताल तो पहुंच रहे हैं, लेकिन बिना डॉक्टर से मिले वह वापस अपने जिले को लौट रहे हैं. केजीएमयू और लोहिया अस्पताल में अन्य जिलों से आए मरीज भी वापस लौट गए. उन्हें अस्पताल के अंदर एंट्री नहीं मिली. किसी का ऑपरेशन हो चुका है तो किसी को ऑपरेशन की डेट मिली थी, लेकिन इलाज किसी को नहीं मिल रहा. अस्पतालों के बाहर तीमारदार अपने मरीज को लेकर रहते हैं, जिनका कोई हाल तक पूछने नहीं आता.

एक महीने की दवा खत्म, नहीं मिले डॉक्टर
हरदोई निवासी किरन अपने पिता का इलाज पिछले कुछ महीनों से केजीएमयू के मेंटल विभाग में करवा रही हैं. हर महीने वह अपने शहर से लखनऊ आकर दी गई डेट पर डॉक्टर से मिलतीं और दवा लेकर वापस लौट जाती थीं, लेकिन पिछली बार उन्हें 14 अप्रैल की तारीख दी गई थी. 13 की रात को वह अपने पिता के साथ लखनऊ पहुंचीं. अस्पताल जाकर पता चला कि ओपीडी नहीं चल रही है, जिसके कारण बिना दवाई ही वह अपने शहर वापस लौट गईं. इसी तरह भदोही निवासी शैलेश अपने 14 वर्षीय बच्चे का इलाज कराने अस्पताल पहुंचे, लेकिन बाद में पता चला कि ओपीडी नहीं चल रही है, जिसके कारण उन्हें बगैर इलाज के ही वापस लौटना पड़ा.

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डॉक्टर्स से ऑनलाइन लें परामर्श
केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह का कहना है कि जैसा कि पहले ही मीडिया के माध्यम से बताया गया है कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए ओपीडी सेवाएं ऑनलाइन कर दी गई हैं. जिन मरीजों को इस महीने की तारीख दी गई थी, उस दिन ऑनलाइन पंजीकरण कराकर डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं.

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