लखनऊ : प्रदेश के कक्षा एक से लेकर आठ तक के सरकारी विद्यालयों में नई शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत छात्रों को शिक्षा मुहैया हो सके, इसके लिए शैक्षिक अनुसंधान परिषद (एससीईआरटी) की ओर से एक नई पहल की शुरुआत की गई है. इसके तहत विद्यालयों में कैसे पॉलिसी को पूर्ण रूप से लागू किया जाए इस पर कार्य योजना तैयार हो रही है. इसी कड़ी में बुधवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया, जिसमें लखनऊ डायट सहित प्रदेश के सभी डाइट के प्राचार्य और वरिष्ठ शिक्षक प्रवक्ता शामिल हुए. इस कार्यक्रम का उद्देश्य न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत डाइट पर शिक्षा प्राप्त कर रहे प्रशिक्षकों को कैसे प्रशिक्षित किया जाए इस पर गहन चर्चा की गई. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पशुधन, दुग्ध विकास, राजनैतिक पेंशन, अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज, नागरिक सुरक्षा विभाग सुरक्षा विभाग मंत्री धर्मपाल सिंह और बेसिक शिक्षा विभाग के मंत्री संदीप सिंह मौजूद थे.
इस अवसर पर बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि 'विभाग प्रदेश के सभी परिषदीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को कम्प्यूटर की बेसिक ट्रेनिंग देगा. साथ ही विद्यार्थियों को विद्यालय लेवल पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और कोडिंग भी सिखाई जाएगी. इससे विद्यालयों में डिजिटल लिटरेसी बढ़ेगी. इस पूरी योजना की पूरी रूपरेखा एससीईआरटी ने तैयार की है. एससीईआरटी ने राज्य पाठ्यचर्या (फाउंडेशनल स्टेज) को रिकॉर्ड समय में तैयार किया है. डिजिटल लिटरेसी से छात्रों में कम्प्यूटेशनल थिकिंग बढ़ाने में मदद मिलेगी, वहीं फाउंडेशन स्टेज पर स्थानीय भाषाओं में भी किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी. उन्होंने बताया कि एससीईआरटी की ओर से एनईपी 2020 की सिफारिशों को लागू करने के संबंध में प्राचार्य एवं डायट प्रवक्ताओं के अभिमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन इस उद्देश्य से किया है, इसमें उच्च प्राथमिक विद्यालयों (कक्षा 6 से 8) के विद्यार्थियों को अब कम्प्यूटर सिखाने पर जोर रहेगा. इससे छात्र आगे चलकर तमाम चुनौतियों का सामना कर सकेंगे.'
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मुस्लिम वक्फ एवं हज मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि 'इस साल से सारे मदरसों को नई शिक्षा नीति से जोड़ा गया है, जिसमें सबसे पहले बच्चों का आधार प्रमाणीकरण कराया गया, जिसके फल स्वरुप प्रदेश में 16513 मद्रास में कुल 13 लाख 92 हजार 3225 छात्र अध्यनरत हैं. उन्होंने कहा कि यहां के विद्यार्थियों को मुख्य धारा से जोड़ने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश अशासकीय अरबी और फारसी मदरसा मान्यता प्रशासन एवं सेवा नियमावली 2016 में संशोधन किया गया है. उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग के नेतृत्व में टीम ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की जानकारी देने के लिए विषय विशेषज्ञ के सहयोग से 22 वीडियो बनाए हैं. गुरुवार को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़ा पहला वीडियो जारी होगा.'
इस अवसर पर प्रमुख सचिव मोनिका एस गर्ग ने कहा कि 'आधुनिकता को देखते हुए परिषदीय विद्यालयों एवं मदरसों में इसकी शुरुआत करने के लिए अप्रैल महीने में टीम 'उपाय' गठित हुई. उन्होंने कहा कि इसके बारे में जैसा मैंने अपने सभी अधिकारियों को पहली बार बताया कि हम लोग यह सोच रहे थे कि कैसे जनजन को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बारे में बताया जाए तो उसी परिपेक्ष में हम लोगों ने यह सोचा कि कुछ लोगों को लेकर इस योजना पर काम शुरू किया जाए. इसी कड़ी में हमने कुछ राज्य विश्वविद्यालय और केंद्रीय विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों के साथ मिलकर इस पर काम करना शुरू किया. उन्होंने कहा कि टीम बनने के बाद हमने सोचा कि किस-किस बारे में आम जनता जानना चाहेगी, उन टॉपिक को हमने चिन्हित किया. उसके बाद उनसे कहा गया कि इसका आप एक कुछ राइट अप बनाएं. उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 4.50 लाख रुपए ही खर्च हुए हैं. जिसमें हमने करीब 22 वीडियो बनाए हैं. गुरुवार 5 अक्टूबर को पहला वीडियो जारी किया जाएगा, फिर धीरे-धीरे करके सभी वीडियो जारी कर दिए जाएंगे. वेबसाइट पर यह वीडियो आसानी से उपलब्ध होंगे.