लखनऊ: राजधानी में शनिवार को अटल बिहारी वाजपई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में एक टॉक शो का आयोजन किया गया. टॉक शो में मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. रजनीश दुबे, केजीएमयू के कुलपति एमएलबी भट्ट, प्रोफेसर विनोद जैन, प्रोफेसर मधुमति गोयल समेत कई डॉक्टर प्रोफेसर और छात्र-छात्राएं मौजूद रहीं.
जब मन संतुष्ट हो जाएगा तो शरीर का इलाज स्वतः हो जाएगा. जब मन बीमार होता है, तो शरीर का इलाज भी कहीं न कहीं मुश्किल हो जाता है. इसका मतलब मन की स्थिति भी शरीर पर प्रभाव डालती है. ये बातें किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के द्वारा आयोजित एक व्याख्यान में कही गयीं.
यह कार्यक्रम अटल बिहारी बाजपई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया था. इस व्याख्यान के तहत हीलिंग सेल्फ थ्रू सेल्फ रिलाइजेशन पर चर्चा हुई.ब्रह्माकुमारी सिस्टरशिवानी ने अपने संबोधन नहीं कहा कि चिकित्सा ही एक ऐसा प्रोफेशन है जिसमें हमें सेवा करने का अवसर मिलता है. लेकिन जरूरी है कि हम खुद सकारात्मक सोच के साथ रहे.
उन्होने कहा कि यदि डॉक्टर पॉजिटिव एनर्जी से भरपूर रहेंगे, तो मरीज की आधी बीमारी डॉक्टर से मिलने पर ही दूर हो जाएगी. शिवानी ने कहा कि डॉक्टरों का व्यवहार ही मरीज के लिए बेहतरीन टॉनिक का काम करता है.