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लखनऊ: अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में हुआ टॉक शो का आयोजन

लखनऊ में शनिवार को किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के द्वारा एक टॉक शो का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ रजनीश दुबे,केजीएमयू के कुलपति एमएलबी भट्ट, प्रोफेसर विनोद जैन, प्रोफेसर मधुमति गोयल शहर के तमाम डॉक्टर प्रोफेसर और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे.

लखनऊ राजधानी में हुआ टॉक शो का आयोजन
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Published : Mar 18, 2019, 2:32 PM IST

लखनऊ: राजधानी में शनिवार को अटल बिहारी वाजपई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में एक टॉक शो का आयोजन किया गया. टॉक शो में मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. रजनीश दुबे, केजीएमयू के कुलपति एमएलबी भट्ट, प्रोफेसर विनोद जैन, प्रोफेसर मधुमति गोयल समेत कई डॉक्टर प्रोफेसर और छात्र-छात्राएं मौजूद रहीं.

लखनऊ राजधानी में हुआ टॉक शो का आयोजन

जब मन संतुष्ट हो जाएगा तो शरीर का इलाज स्वतः हो जाएगा. जब मन बीमार होता है, तो शरीर का इलाज भी कहीं न कहीं मुश्किल हो जाता है. इसका मतलब मन की स्थिति भी शरीर पर प्रभाव डालती है. ये बातें किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के द्वारा आयोजित एक व्याख्यान में कही गयीं.

यह कार्यक्रम अटल बिहारी बाजपई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया था. इस व्याख्यान के तहत हीलिंग सेल्फ थ्रू सेल्फ रिलाइजेशन पर चर्चा हुई.ब्रह्माकुमारी सिस्टरशिवानी ने अपने संबोधन नहीं कहा कि चिकित्सा ही एक ऐसा प्रोफेशन है जिसमें हमें सेवा करने का अवसर मिलता है. लेकिन जरूरी है कि हम खुद सकारात्मक सोच के साथ रहे.

उन्होने कहा कि यदि डॉक्टर पॉजिटिव एनर्जी से भरपूर रहेंगे, तो मरीज की आधी बीमारी डॉक्टर से मिलने पर ही दूर हो जाएगी. शिवानी ने कहा कि डॉक्टरों का व्यवहार ही मरीज के लिए बेहतरीन टॉनिक का काम करता है.

लखनऊ: राजधानी में शनिवार को अटल बिहारी वाजपई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में एक टॉक शो का आयोजन किया गया. टॉक शो में मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. रजनीश दुबे, केजीएमयू के कुलपति एमएलबी भट्ट, प्रोफेसर विनोद जैन, प्रोफेसर मधुमति गोयल समेत कई डॉक्टर प्रोफेसर और छात्र-छात्राएं मौजूद रहीं.

लखनऊ राजधानी में हुआ टॉक शो का आयोजन

जब मन संतुष्ट हो जाएगा तो शरीर का इलाज स्वतः हो जाएगा. जब मन बीमार होता है, तो शरीर का इलाज भी कहीं न कहीं मुश्किल हो जाता है. इसका मतलब मन की स्थिति भी शरीर पर प्रभाव डालती है. ये बातें किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के द्वारा आयोजित एक व्याख्यान में कही गयीं.

यह कार्यक्रम अटल बिहारी बाजपई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया था. इस व्याख्यान के तहत हीलिंग सेल्फ थ्रू सेल्फ रिलाइजेशन पर चर्चा हुई.ब्रह्माकुमारी सिस्टरशिवानी ने अपने संबोधन नहीं कहा कि चिकित्सा ही एक ऐसा प्रोफेशन है जिसमें हमें सेवा करने का अवसर मिलता है. लेकिन जरूरी है कि हम खुद सकारात्मक सोच के साथ रहे.

उन्होने कहा कि यदि डॉक्टर पॉजिटिव एनर्जी से भरपूर रहेंगे, तो मरीज की आधी बीमारी डॉक्टर से मिलने पर ही दूर हो जाएगी. शिवानी ने कहा कि डॉक्टरों का व्यवहार ही मरीज के लिए बेहतरीन टॉनिक का काम करता है.

Intro:लखनऊ। जब मन संतुष्ट हो जाएगा तो शरीर का इलाज स्वतः हो जाएगा। जब मन बीमार होता है तो शरीर का इलाज भी कहीं न कहीं मुश्किल हो जाता है। मन की स्थिति भी शरीर पर प्रभाव डालती है। डॉक्टर शरीर ही नही मन का इलाज भी करते हैं इसलिये हम हीलर हैं। ये बातें प्रजापिता ब्रह्मकुमारी की सिस्टर शिवानी ने कहीं वह किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के द्वारा आयोजित एक व्याख्यान में आई थी यह व्याख्यान अटल बिहारी वाजपई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया था इस व्याख्यान के तहत हीलिंग सेल्फ थ्रू self-realization पर चर्चा हुई।


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ब्रह्माकुमारी शिवानी ने अपने संबोधन नहीं कहा कि चिकित्सा ही एक ऐसा प्रोफेशन है जिसमें सेवा करने का अवसर मिलता है, लेकिन अशांत मन से सेवा कभी पूरी नहीं होती और जो आपके पास परेशान होकर आ रहा है यानी मरीज और अधिक परेशान हो जाता है। ऐसे में जरूरी है कि हम खुद सकारात्मक सोच के साथ रहे। यदि डॉक्टर पॉजिटिव एनर्जी से भरपूर रहेंगे तो मरीज की आधी बीमारी डॉक्टर से मिलने पर ही दूर हो जाएगी। 'हीलिंग सेल्फ थ्रू सेल्फ रिलाइजेशन' के इस व्याख्यान में बीके सिस्टर शिवानी ने किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के तमाम डॉक्टरों शिक्षकों और छात्र छात्राओं को अपने संबोधन से आह्वान किया और उन्हें अपने अंतर्मन में झांकने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि जिस तरह हम सब मंदिर जाते हैं तो उसके लिए हम घंटों यात्रा करते हैं, लंबी लाइन में खड़े रहते हैं और मात्र दो पल के लिए जब हमें दर्शन होते हैं तो उसके बाद भी हम कहते हैं कि दर्शन बहुत अच्छे हुए। मरीज भी डॉक्टर के पास लंबी दूरी तय करके आता है घंटों लाइन में लगता है और उसके बाद डॉक्टर उसे कुछ पल ही दे पाते हैं लेकिन यह थोड़े से समय में भी यदि डॉक्टर हीलर की तरह काम करेंगे तो मरीज की आधी परेशानी स्वत: ही ठीक हो जाएगी। डॉक्टरों का व्यवहार ही मरीज के लिए बेहतरीन टॉनिक का काम करेगा। अपने संबोधन में बीके सिस्टर शिवानी ने डिप्रेशन को खत्म करने और अपने गुस्से को काबू करने के बारे में भी डॉक्टरों को बताया। उन्होंने कहा कि जीवन में तीन चीजों की आवश्यकता होती है दवा, दुआ और दया। यह तीन चीजें रोगों की रोकथाम में काफी सहायक साबित हो सकती हैं।



Conclusion:इस टॉक शो में मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ रजनीश दुबे केजीएमयू के कुलपति एमएलबी भट्ट प्रोफेसर विनोद जैन, प्रोफेसर मधुमति गोयल, डॉ एस पी जैसवार, प्रोफेसर शादाब मुहम्मद, डॉक्टर आरके चक, डॉ जीपी सिंह समेत कई अन्य डॉक्टर प्रोफेसर और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

विसुअल
रामांशी मिश्रा
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