लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सभी बिजली संगठन पावर कारपोरेशन के चेयरमैन (Uttar Pradesh Power Corporation Chairman) को हटाने के लिए लामबंद हैं. उनकी ये कोशिश लगातार जारी है. लेकिन, कामयाबी नहीं मिल रही है. ऊर्जा मंत्री से भी शिकायत कर प्रावधान के अनुसार, चेयरमैन और एमडी की तैनाती की मांग हो रही है. लेकिन संगठन की शिकायत, मांग और पुरजोर विरोध का कोई भी असर होता नजर नहीं आ रहा है. पावर कारपोरेशन के चेयरमैन (Power Corporation Chairman) छुट्टी पर चल रहे हैं. संगठन की इस मांग पर अब तक कोई सुनवाई न होने से पदाधिकारी चिंतित होने लगे हैं. अब फिर से आंदोलन की धमकी दी जा रही है.
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने भ्रष्ट बिजली अधिकारियों और कर्मचारियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की. चेयरमैन ने तमाम अधिकारियों को निलंबित और सेवा से बर्खास्त करने की कार्रवाई की है. इतना ही नहीं नौकरी के दौरान घोटाला करने वाले सेवानिवृत्त अधिकारियों से रिकवरी के भी आदेश कर दिए. उनके इस तरह के एक्शन से बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया. ताबड़तोड़ कार्रवाई होने से विभाग के संगठन भी सकते में आ गए. नतीजा ये हुआ कि संगठनों के पदाधिकारियों को चेयरमैन के खिलाफ ही लामबंद होकर आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ गया.
बीते 3 दिसंबर को प्रदेशभर में संगठनों ने अपनी 15 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन किया. चेयरमैन और एमडी की विभागीय नियमावली के अनुसार, तैनाती की मांग को शामिल किया. चेयरमैन एम. देवराज की तरफ से की गई कार्रवाई पर भी आपत्ति जताई गई. बाकायदा उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले तमाम संगठनों के नेताओं ने ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा से मिलकर चेयरमैन को हटाने की मांग भी कर डाली. हालांकि उस समय ऊर्जा मंत्री ने कुछ न कुछ सही निर्णय लेने का भरोसा देकर आंदोलन समाप्त करा दिया, लेकिन अभी तक चेयरमैन पर कोई एक्शन न लिए जाने से संगठन के पदाधिकारी परेशान हैं. उन्हें लग रहा है कि अगर ऊर्जा मंत्री ने कोई एक्शन नहीं लिया तो प्रबंधन कहीं संगठन के पदाधिकारियों और सदस्यों पर ही कड़ी कार्रवाई न कर डालें. कुल मिलाकर संगठन का विरोध अभी तक कामयाब होता नहीं दिख रहा है. चेयरमैन और एमडी अपने पद पर बरकरार हैं.
संगठन के अधिवेशन से दूर रहा प्रबंधन
हाल ही में उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन का 75वां अधिवेशन रविंद्रालय में आयोजित किया गया. इस अधिवेशन में ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा के साथ ऊर्जा राज्य मंत्री सोमेंद्र सिंह तोमर तो हिस्सा लेने पहुंचे, लेकिन संगठन के इस कार्यक्रम से प्रबंधन ने पूरी तरह दूरी बनाए रखी. अधिवेशन में न तो पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ही गए और न ही प्रबंध निदेशक पंकज कुमार. अब जब प्रबंधन ने संगठन के किसी भी पदाधिकारी के साथ मुलाकात और वार्ता से ही दूरी बना ली है तो अब संगठन के लिए प्रबंधन से समस्याओं का समाधान कराना भी चुनौती साबित होने लगा है. बता दें कि अधिवेशन में भी संगठन की तरफ से ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा से प्रबंधन की शिकायत की गई थी, खासकर पावर कारपोरेशन के चेयरमैन की.
क्या कहते हैं संगठन के महासचिव
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन के केंद्रीय महासचिव इंजीनियर जीवी पटेल का कहना है कि प्रबंधन के साथ सकारात्मक वार्ता की कोशिश की गई. समस्याओं को लेकर कई बार वार्ता और पत्राचार किया गया, लेकिन प्रबंधन बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहा है. इस समय बड़ी ही त्रासदीपूर्ण स्थिति बनी हुई है. हम संघर्ष कर रहे हैं और प्रयासरत हैं. हमें कामयाबी जरूर मिलेगी.
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