लखनऊः अवैध धर्मांतरण के मामले में अभियुक्त मोहम्मद कलीम सिद्दीकी को 10 दिन के लिए एटीएस की कस्टडी में सौंपने का आदेश दिया है. एनआईए और एटीएस के विशेष जज योगेन्द्र राम गुप्ता ने ये आदेश दिया है. अभियुक्त की कस्टडी रिमांड की ये अवधि 24 सितंबर की सुबह 10 बजे से शुरू होकर 4 अक्टूबर की सुबह 10 बजे तक होगी. कोर्ट ने ये आदेश इस मामले के विवेचक और एटीएस के निरीक्षक चैम्पियन लाल की अर्जी को मंजूर करते हुए दिया है.
मेरठ से गिरफ्तार इस अभियुक्त को 22 सितम्बर को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था. एटीएस ने इसका न्यायिक रिमांड हासिल करने के बाद इसे 12 दिन के लिए पुलिस कस्टडी में रिमांड में देने की अर्जी भी दाखिल की थी. गुरुवार को इस अर्जी पर सुनवाई के दौरान विवेचक का कहना था कि इसके कब्जे से मोबाइल फोन और सात देशी और विदेशी सिमकार्ड बरामद हुए हैं. इसके द्वारा कई मदरसों और जमीयत-ए-इमाम-वजीउल्ला ट्रस्ट का संचालन किया जाता है. जिसके माध्यम से गैर मुस्लिमों का मुस्लिम धर्म में परिवर्तन कराया जाता है.
जानकारी के मुताबिक अभियुक्त अपने तकरीरों और साहित्यों के जरिए लोगों को यकीन दिलाता है कि गैर मुस्लिम होना लानत की बात है. एटीएस का कहना था कि अभियुक्त से बरामद मोबाइल फोन, सिमकार्ड का डाटा एक्सट्रेशन संबंधी तथ्यों की रिकवरी करानी है. इसके साथ ही उसके बैंक खातों का विश्लेषण कर पूछताछ करना है. इस मामले में पहले से न्यायिक हिरासत में निरुद्ध मुल्जिम मोहम्मद उमर गौतम के इस्लामिक दावा सेंटर के माध्यम से कराए गए धर्म परिवर्तन से संबंधित व्यक्तियों को इससे चिन्हित कराना है. इसके लिए इसे मेरठ, मुजफ्फरनगर, दिल्ली और अन्य स्थानों पर ले जाना है. इसकी निशानदेही पर इसके द्वारा संचालित जमीयत-ए-इमाम-वलीउल्ला ट्रस्ट के अभिलेखों की बरामदगी करानी है.
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उल्लेखनीय है कि 20 जून 2021 को इस मामले की एफआईआर थाना एटीएस में उपनिरीक्षक विनोद कुमार ने दर्ज कराई थी. अबतक इस मामले में 11 मुल्जिमों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है. इनमें छह के खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल हो चुका है.