लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने लखनऊ क्रिश्चियन काॅलेज सोसायटी पर जिलाधिकारी लखनऊ को बतौर प्रशासक नियुक्त करने संबंधी एकल पीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है. हालांकि दो जजों की डिवीजन बेंच ने सोसायटी को भी नीतिगत व महत्वपूर्ण निर्णय लेने से अग्रिम आदेशों तक रोक दिया है.
न्यायालय ने सोसायटी पर किसी प्रकार की संपत्ति बेचने पर भी रोक लगा दी है. डिवीजन बेंच ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि सोसायटी को शैक्षिक व गैर शैक्षिक स्टाफ को वेतन देने व रोजमर्रा के जरूरी कार्य निपटाने की छूट रहेगी.
यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा व न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की खंडपीठ ने क्रिश्चन कॉलेज की ओर से दाखिल विशेष अपील पर पारित किया गया. अपील में एकल पीठ के 16 दिसंबर के आदेश को चुनौती देते हुए कहा गया कि अल्पसंख्यक संस्थान पर जिलाधिकारी को बतौर प्रशासक नियुक्त करने का कोई भी प्रावधान नहीं है.
यह भी पढ़ें: विधानसभा चुनाव में गड़बड़ी रोकने के लिए सीधे लाइव मॉनीटरिंग करेगा आयोग, ये है एक्शन प्लान
साथ ही यह भी दलील दी कि एकल पीठ के समक्ष जो याचिका थी, उसमें उल्लेखित दलीलों से बाहर जाकर यह आदेश पारित किया गया है. न्यायालय ने सुनवाई के पश्चात कहा कि मामले में विचार की आवश्यक्ता है. साथ ही प्रशासक नियुक्त किए जाने के आदेश पर रोक लगा दी.
उल्लेखनीय है कि 16 दिसंबर को पारित आदेश में एकल पीठ ने कहा था कि जिलाधिकारी बतौर प्रशासक लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज सहित सभी पांचों संस्थाओं का प्रबंधन अगले आदेशों तक तत्काल अपने हाथों में ले लें.
एकल पीठ ने कहा था कि याचिका में दिए गए तथ्यों के मद्देनजर यह स्पष्ट है कि लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज और संबंधित सोसायटी द्वारा चलाए जाने वाले अन्य संस्थानों का प्रबंधन बहुत ही खराब तरीके से किया जा रहा है. जो लोग जिम्मेदार हैं, वे ठीक से अपना दायित्व नहीं निभा रहे हैं.