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कानपुर में दलित परिवारों पर हुए हमले को लेकर विपक्ष का विधान परिषद से वॉक आउट - विधान परिषद

उत्तर प्रदेश विधान परिषद में सोमवार को कानपुर देहात के मंगटा गांव में अनुसूचित जाति के परिवारों के उत्पीड़न का मामला गूंजा. बहुजन समाज पार्टी के सदस्यों ने यह मामला सदन में उठाया.

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अहमद हसन नेता प्रतिपक्ष
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Published : Feb 17, 2020, 10:32 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान परिषद में सोमवार को कानपुर देहात के मंगटा गांव में अनुसूचित जाति के परिवारों के उत्पीड़न का मामला गूंजा. बहुजन समाज पार्टी के सदस्यों ने यह मामला सदन में उठाया. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के सदस्यों ने इसका समर्थन किया और गोरखपुर व अयोध्या में अनुसूचित जाति की बच्चियों के साथ दुष्कर्म को भी जोड़ा और सरकार को घेरने की कोशिश की. नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष के सदस्यों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया.

विपक्ष ने विधान परिषद में उठाया कानपुर में दलित पर हुए हमले का मुद्दा.
विधान परिषद में उठा दलित उत्पीड़न का मामला
बहुजन समाज पार्टी के नेता दिनेश चंद्रा और सुरेश कुमार कश्यप, भीमराव अंबेडकर, अतर सिंह राव व अन्य सदस्यों की ओर से सदन में नियम 105 के तहत यह मामला उठाया गया. बसपा के सदस्यों ने सदन को बताया कि पीड़ित परिवारों से मिलकर वह वापस लौटे हैं. लगभग 40 से ज्यादा लोगों को बुरी तरह से पीटा गया है.

समाजवादी पार्टी, कांग्रेस के सदस्यों ने भी इस सूचना से अपने को संबद्ध किया. कांग्रेस के नेता दीपक सिंह ने गोरखपुर में दलित युवती के साथ दुष्कर्म का मामला उठाया. समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने भी उनका साथ दिया. अयोध्या में दलित परिवार की नाबालिग किशोरी के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म का मामला भी सदन में उठाया गया.

इसे भी पढ़ें - अखिलेश यादव की सुरक्षा मामले को लेकर विधान परिषद में हंगामा, वेल में पहुंचे सपा सदस्य

नेता सदन ने दिया जवाब
इसका जवाब देने के लिए नेता सदन डॉक्टर दिनेश शर्मा खड़े हुए तो उन्होंने कहा कि विपक्ष के सदस्यों का यह कथन पूरी तरह गलत है कि उत्पीड़न करने वालों का भारतीय जनता पार्टी से रिश्ता है. उन्होंने कहा कि यह परंपरा बनती जा रही है कि जब भी कोई ऐसा मामला होता है तो विपक्ष के लोग उत्पीड़न करने वाले को भाजपा का बताना शुरू कर देते हैं.

कानपुर में जो घटना हुई है उसमें दो ग्राम प्रधानों की आपसी रंजिश का मामला है. पीड़ित पक्ष की ओर से जो शिकायत मिली है उसे प्राथमिकी में तब्दील किया गया है. घायलों का इलाज कराया जा रहा है और आरोपियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है. उनके इस बयान से विपक्ष के सदस्य संतुष्ट दिखे और एक-एक कर सदन का बहिर्गमन कर दिया.

प्रदेश में हालात बद से बदतर हैं. लगातार बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं सामने आ रही हैं. कोर्ट ने भी सरकार को फटकार लगाई है और कहा है कि प्रदेश में जंगलराज कायम है. सरकार द्वारा फर्जी एनकाउंटर कराए जा रहे हैं.
- अहमद हसन, नेता प्रतिपक्ष

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान परिषद में सोमवार को कानपुर देहात के मंगटा गांव में अनुसूचित जाति के परिवारों के उत्पीड़न का मामला गूंजा. बहुजन समाज पार्टी के सदस्यों ने यह मामला सदन में उठाया. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के सदस्यों ने इसका समर्थन किया और गोरखपुर व अयोध्या में अनुसूचित जाति की बच्चियों के साथ दुष्कर्म को भी जोड़ा और सरकार को घेरने की कोशिश की. नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष के सदस्यों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया.

विपक्ष ने विधान परिषद में उठाया कानपुर में दलित पर हुए हमले का मुद्दा.
विधान परिषद में उठा दलित उत्पीड़न का मामलाबहुजन समाज पार्टी के नेता दिनेश चंद्रा और सुरेश कुमार कश्यप, भीमराव अंबेडकर, अतर सिंह राव व अन्य सदस्यों की ओर से सदन में नियम 105 के तहत यह मामला उठाया गया. बसपा के सदस्यों ने सदन को बताया कि पीड़ित परिवारों से मिलकर वह वापस लौटे हैं. लगभग 40 से ज्यादा लोगों को बुरी तरह से पीटा गया है.

समाजवादी पार्टी, कांग्रेस के सदस्यों ने भी इस सूचना से अपने को संबद्ध किया. कांग्रेस के नेता दीपक सिंह ने गोरखपुर में दलित युवती के साथ दुष्कर्म का मामला उठाया. समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने भी उनका साथ दिया. अयोध्या में दलित परिवार की नाबालिग किशोरी के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म का मामला भी सदन में उठाया गया.

इसे भी पढ़ें - अखिलेश यादव की सुरक्षा मामले को लेकर विधान परिषद में हंगामा, वेल में पहुंचे सपा सदस्य

नेता सदन ने दिया जवाब
इसका जवाब देने के लिए नेता सदन डॉक्टर दिनेश शर्मा खड़े हुए तो उन्होंने कहा कि विपक्ष के सदस्यों का यह कथन पूरी तरह गलत है कि उत्पीड़न करने वालों का भारतीय जनता पार्टी से रिश्ता है. उन्होंने कहा कि यह परंपरा बनती जा रही है कि जब भी कोई ऐसा मामला होता है तो विपक्ष के लोग उत्पीड़न करने वाले को भाजपा का बताना शुरू कर देते हैं.

कानपुर में जो घटना हुई है उसमें दो ग्राम प्रधानों की आपसी रंजिश का मामला है. पीड़ित पक्ष की ओर से जो शिकायत मिली है उसे प्राथमिकी में तब्दील किया गया है. घायलों का इलाज कराया जा रहा है और आरोपियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है. उनके इस बयान से विपक्ष के सदस्य संतुष्ट दिखे और एक-एक कर सदन का बहिर्गमन कर दिया.

प्रदेश में हालात बद से बदतर हैं. लगातार बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं सामने आ रही हैं. कोर्ट ने भी सरकार को फटकार लगाई है और कहा है कि प्रदेश में जंगलराज कायम है. सरकार द्वारा फर्जी एनकाउंटर कराए जा रहे हैं.
- अहमद हसन, नेता प्रतिपक्ष

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