लखनऊ: विधानसभा में सोमवार को लोकतंत्र की अनुपम छटा देखने को मिली. लोकतंत्र की खूबसूरती ऐसे बहुत कम ही देखने को मिलती है. हुआ यूं कि राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान नेता विरोधी दल राम गोविंद चौधरी ने योगी सरकार पर खासकर नेता सदन पर कई चुभते हुए सवाल किए और सरकार को कटघरे में खड़ा किया. सरकार को दिशाहीन बताया.
यहां तक कि उन्होंने नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर व्यक्तिगत भी चुटकी ली. उनके भाषणों पर सवाल खड़ा किए. दूसरी तरफ नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुस्कराते रहे. राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान नेता विरोधी दल राम गोविंद चौधरी ने कहा कि जब नेता सदन की कुर्सी पर आयुष्मान भव जैसा आशीर्वाद देने वाला व्यक्ति बैठा हो तो वह यह कहे कि सबक सिखा दूंगा, गोली से उड़वा दूंगा, शोभा नहीं देता है.
'यूपी में आ गया है कंस राज'
राम गोविंद चौधरी ने सदन के भीतर बोलते हुए सबका ध्यान अपनी तरफ आकृष्ट किया. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर कटाक्ष करते हुए कहा कि लोग नौकरी मांगते हैं. योगी जी की सरकार में लाठी मिलती है. क्या यही राम राज्य है. उन्होंने कहा कि रामराज का दावा किया जा रहा है, लेकिन सच तो यह है कि अब रामराज्य नहीं है. कृष्णराज भी नहीं है. कंस का राज आ गया है.'
'विधायकों का सम्मान सर्वोपरि'
नेता विरोधी दल राम गोविंद चौधरी ने सत्ताधारी दल के विधायकों के पक्ष में भी बात रखी. चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि अगर यह नहीं होते तो आप नहीं होते, हम होते. इसलिए विधायकों का सम्मान सर्वोपरि है. विधायकों का अपमान नहीं होना चाहिए. विधायकों का सम्मान होना चाहिए. विधायिका को चोट पहुंचाने का षड्यंत्र देश में चला जा रहा है. यह बात हमने कई बार कही है. चौधरी यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि विकास कागज पर, नौकरी मुंह में, योगी सरकार में युवाओं को जुबानी दावों से केवल नौकरी दी जा रही है.
'कोई भी सड़क नहीं हुई गड्ढा मुक्त'
राम गोविंद चौधरी ने चुटकी लेते हुए कहा कि सत्ता पक्ष को तो हमें इनाम देना चाहिए, क्योंकि हम आपको यह सब याद दिला रहे हैं. आप जहाज से चलते हैं. दोनों डिप्टी सीएम जहाज से चलते हैं. इसलिए आपको नहीं पता चलता कि सड़क की हालत क्या है. कोई भी सड़क गढ्ढा मुक्त नहीं हुई है. विधानसभा में जितने देर राम गोविंद चौधरी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल करते रहे, उतनी देर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंद-मंद मुस्कुराते रहे.
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