लखनऊ: ब्लॉक प्रमुख चुनाव के नामांकन के दौरान प्रदेश भर के कई जिलों में जमकर उपद्रव व हिंसा हुई. ब्लॉक प्रमुख के विपक्षी उम्मीदवारों को नामांकन से रोका गया, मारपीट हुई और लखीमपुर खीरी जिले में एक महिला प्रत्याशी व प्रस्तावक के साथ अभद्रता भी हुई. महिला प्रस्तावक की साड़ी खींचने का प्रयास किया गया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा. मामले में लापरवाही बरतने पर सीएम योगी के निर्देश पर सीओ सहित पूरे थाने को सस्पेंड कर दिया गया.
कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी की तरफ से ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान हुई हिंसा को लेकर सरकार पर निशाना साधा गया. सपा और कांग्रेस का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है. प्रदेश भर में गोलीबारी हुई और हिंसक घटनाएं हुई हैं, जो सरकार के कानून-व्यवस्था की पोल खोल रही हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने कहा कि ब्लॉक प्रमुख के नामांकन के दौरान पूरे प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और नेता कट्टा, गोला-बारूद के साथ तालिबानी संस्कृति को बढ़ावा दे रहे थे. कहीं न कहीं लोकतंत्र को भारतीय जनता पार्टी की सरकार लगातार कमजोर करने का काम कर रही है, जो कांग्रेस पार्टी की तरफ से लगातार कहा जा रहा है. सिर्फ अधिकारियों पर कार्रवाई कर देने से चीजें ठीक नहीं हो सकती हैं. जिन भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उस महिला को अपमानित करने का काम किया था, लोकतंत्र का चीरहरण किया था, उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई. चुनाव में सत्ता के दुरुपयोग को लेकर शासन से निर्देश थे, नहीं तो किसी निचले स्तर के अधिकारी की हिम्मत नहीं थी कि वह हिंसा के दौरान मूकदर्शक बने रहते.
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समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि प्रदेश में ब्लॉक प्रमुख चुनाव के नामांकन के दौरान जिस प्रकार से योगी सरकार भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर तांडव कर रही थी, वह बहुत ही दुखद है. लोगों के हाथों से नामांकन पत्र खींचे जा रहे थे, गोला-बारूद चल रहे थे और महिलाओं की साड़ी खींची गई. ऐसा लगा ही नहीं कि यह उत्तर प्रदेश है. प्रदेश में लोकतंत्र की हत्या हो रही थी और तानाशाही की जा रही थी, लेकिन योगी सरकार मूकदर्शक बनकर तमाशा देखती रही.