लखनऊ: विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होने के बाद स्थगित हो गई. समाजवादी पार्टी के सदस्य नागरिकता कानून विरोधी पोस्टर लेकर वेल में आ गए. कार्यवाही स्थगित होने के बाद नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी मीडिया से मुखातिब हुए. वहीं बसपा नेता लालजी वर्मा ने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में मीडिया से मुखातिब होकर अपनी बात रखी.
विपक्षी पार्टियों ने वेल में आकर किया हंगामा
विपक्ष के सदस्य बैनर और पोस्टर के साथ वेल में आकर हंगामा करने लगे. विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद थे. नागरिकता संशोधन कानून पर सपा ने चर्चा की मांग की. विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने विपक्षी सदस्यों से सदन कार्यवाही संचालित करने की अपील की. उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों को उनकी कुर्सी पर जाने को कहा. हंगामा रुकते नहीं देख अध्यक्ष ने आधे घंटे के लिए सदन स्थगित कर दिया. अध्यक्ष ने दोबारा 11:30 बजे एक बार फिर सदन की कार्यवाही के स्थगन को 12:20 बजे तक बढ़ा दिया.
नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कहा कि भारत का संविधान धर्म के आधार पर नागरिकता का समर्थन नहीं करता. सरकार ने जो नया कानून बनाया है वह धर्म के आधार पर भेद करता है इसलिए यह काला कानून तुरंत वापस होना चाहिए. उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार हिटलर के तरीके से काम कर रही है. हिटलर ने भी इसी तरह एक धर्म विशेष के खिलाफ नागरिकता का कानून बनाया था. प्रदेश की कानून व्यवस्था की हालत बेहद नाजुक है. विश्वविद्यालयों में प्रदर्शन हो रहे हैं, महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, हर रोज बलात्कार हो रहे हैं. इन गंभीर विषयों को लेकर हम सदन में चर्चा करना चाहते थे लेकिन हमें सदन में बोलने नहीं दिया गया. जब तक यह काला कानून वापस नहीं होता है हमारा विरोध जारी रहेगा.
बसपा नेता लालजी वर्मा ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में पूरा प्रदेश विशेषकर छात्र आंदोलित हैं. हमारी पार्टी ने इसका विरोध किया. बसपा अध्यक्ष मायावती ने सबसे पहले इस कानून का मुखर होकर विरोध किया. मायावती ने यह बात कही थी कि यह संविधान विरोधी है, गैर कानूनी है. इससे इस देश के लोगों को बांटने का काम किया जा रहा है. इसके विरोध में जामिया विवि के छात्र आंदोलित हुए तो उनके खिलाफ पुलिस ने बर्बरता से कार्रवाई की. उनके पक्ष में अलीगढ़ विवि और नदवा के छात्रों ने आंदोलन शुरू किया. इस पर यूपी पुलिस ने बर्बरता से कार्रवाई की. आज पता चला कि 2600 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई. निश्चित तौर पर यह लोकतांत्रिक मर्यादाओं के विरुद्ध है. लोकसभा और राज्यसभा में हमारी पार्टी ने विरोध में वोट किया.