लखनऊः बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्र ने अयोध्या में बिकरू कांड (Bikru Case) समेत ब्राह्मणों से जुड़ी प्रदेश की घटनाओं को लेकर योगी सरकार पर हमला बोला है. मिश्र के बयान पर भाजपा समेत समूचा विपक्ष बसपा पर पलटवार किया है. भाजपा सीधे बसपा पर हमलावर दिखी तो सपा और कांग्रेस ने कई सवाल खड़ा किये हैं. राजनीतिक दलों के नेताओं का कहना है कि ब्राह्मणों का सच्चा हितैषी बसपा नहीं, वह हैं.
ब्राह्मणों की सच्ची हितैषी सपा: सपा
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा ने कहा कि अब जब चुनाव नजदीक आ गए हैं तो बहुजन समाज पार्टी को ब्राह्मणों की याद आ रही है. जब प्रदेश में बसपा की सरकार थी तो किस प्रकार से ब्राह्मणों का उत्पीड़न हुआ, उसे इस प्रबुद्ध समाज के लोग भूले नहीं हैं. दलित उत्पीड़न के मुकदमे ब्राह्मणों पर लगाकर उनका उत्पीड़न किया गया था. अब जब चुनाव नजदीक आ रहे हैं तो बसपा के नेता ब्राह्मण सम्मेलन कर रहे हैं. वर्तमान सरकार में जो ब्राह्मणों के साथ उत्पीड़न अत्याचार की घटनाएं हुई है, बदला लेने की बात कर रहे हैं. समाजवादी पार्टी जानना चाहती है कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार इस प्रकार से ब्राह्मणों पर जब-जब अत्याचार किया, उत्पीड़न किया, ब्राह्मणों के साथ घटनाएं हुईं, तब बसपा के नेता चुप क्यों थे ? उस समय विरोध क्यों नहीं किया? अब चुनाव नजदीक हैं तो ब्राह्मणों को गुमराह करने के लिए इस प्रकार की बातें की जा रही हैं. ब्राह्मण समाज की सच्ची हितैषी समाजवादी पार्टी है, जो प्रबुद्ध समाज का सही सम्मान करती है.
ब्राह्मणों पर जब अत्याचार हो रहा था तो बसपा सो रही थी: कांग्रेस
बसपा के राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा के बयान पर कांग्रेस पार्टी ने भी पलटवार किया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता शैलेंद्र तिवारी ने कहा कि बसपा के नेता तब कहां थे, जब ब्राह्मणों पर लगातार अत्याचार हो रहा था. उस वक्त तो यह पार्टी दलितों की हितैषी बन रही थी. सच कहें तो यह पार्टी सो रही थी, अब जब चुनाव करीब आ गए हैं तो इन्हें ब्राह्मणों की याद आई है. भाजपा और बसपा एक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं. यह सिर्फ ब्राह्मणों को धोखा देते हैं. इन्होंने हमेशा ब्राह्मणों का फायदा उठाया है. 2007 में सोशल इंजीनियरिंग का ढिंढोरा पीटकर ब्राह्मणों को अपनी तरफ आकर्षित किया और अब जब फिर से चुनाव करीब आ गए हैं तो इन्हें ब्राह्मणों की याद आई है. यह दोनों पार्टियां ब्राह्मण हितैषी हो ही नहीं सकती हैं. इन्हीं दोनों पार्टियों ने ब्राह्मणों पर अत्याचार किया है. सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही ऐसी पार्टी है, जिसने ब्राह्मणों के हित के बारे में हमेशा सोचा है. कांग्रेस ने ही अब तक आधा दर्जन मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को दिए, जो ब्राह्मण थे. इन दोनों पार्टियों में अगर हिम्मत है तो तत्काल मुख्यमंत्री का चेहरा किसी ब्राह्मण को घोषित करें.
जातीय आधार पर वोट नहीं करेगा ब्राह्मण: बीजेपी
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी हमेशा से जाति की राजनीति करती रही है, लेकिन अब उत्तर प्रदेश में जाति जमात की राजनीति नहीं चलेगी. बसपा अध्यक्ष मायावती ने ब्राह्मणों को बहक जाने की बात कहकर अपमान किया है. ब्राह्मण प्रबुद्ध वर्ग है, अपराधियों को ब्राह्मणों का नायक घोषित करने का प्रयास ब्राम्हण समाज बर्दाश्त नहीं करेगा. बसपा पहले भी तिलक तराजू और तलवार का नारा देकर ब्राह्मणों को अपमानित करती आई है. राकेश त्रिपाठी ने कहा कि उत्तर प्रदेश का ब्राह्मण समाज किसी के कहने पर या जातीय आधार पर वोट नहीं करने वाला है और न ही ऐसे दलों के साथ पर खड़ा होगा. उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज हमेशा सच के साथ रहा है और सच यह है कि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने जिस तरह से काम किया है उससे प्रदेश और देश का निरंतर विकास हो रहा है. ब्राह्मण समाज ही नहीं पूरा उत्तर प्रदेश और देश का विकास देख रहा है. सभी समाज के लोग आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को ही समर्थन देने वाले हैं.