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जानिए, सोशल मीडिया पर टिकी युवा पीढ़ी की स्वंतत्रता दिवस पर क्या है राय

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Published : Aug 14, 2019, 9:47 AM IST

बदलते युग के साथ ही तेजी से देश की युवा पीढ़ी सोशल मीडिया से जुड़ाव रखने लगी है. इस भागदौड़ भरी जिंदगी में राजधानी लखनऊ के युवा सोशल मीडिया के माध्यम से देश में अमन-चैन का पैगाम देने की बात कर रहे हैं.

जानें सोशल मीडिया की लती युवा पीढ़ी का स्वंतत्रता दिवस पर क्या है राय.

लखनऊः भले ही इस भागमभाग भरी जिंदगी में लोगों का वक्त अपनी निजी जिंदगी के लिये गुजरता हो लेकिन राजधानी के युवाओं ने इस सब के बीच देश की आजादी को मनाने और देश में अमन-चैन का पैगाम देने का जरिया सोशल मीडिया को बना लिया है.

स्वंतत्रता दिवस पर युवाओं की राय.


73 साल पहले भारत को विदेशी शासन से मिली स्वतंत्रता के बाद देश की युवा पीढ़ी अब पूरी तरह से सोशल हो चुकी है. कालेज में पढ़ाई कर रहे मोहम्मद आसिफ हुसैन बताते हैं कि भले ही उनका वक्त ज्यादातर इंटरनेट पर बीतता हो लेकिन वह इस माध्यम से अन्य देशों तक यह संदेश आम करते हैं कि भारत का हर युवा और नागरिक अपने देश से कितना प्यार करता है. भले ही वह किसी भी धर्म और जाति से जुड़ाव रखता हो.

एमबीए के छात्र सय्यद शारकेब का कहना है कि चाहे गणतंत्र दिवस हो या स्वतंत्रता दिवस, यह देश के लिये एक त्योहार हैं. इसमें हर धर्म और मिल्लत के लोगों को एकजुट होकर खुशियां मनानी चाहिए और जो नई पीढ़ी सोशल मीडिया पर अपना ज्यादा से ज्यादा वक्त जाया करती है, उसको भी आगे आकर इन पर्वों को बड़े ही हर्ष और उल्लास से मनाना चाहिए.

पेशे से नौकरी कर रहे आदिल का कहना है कि 15 अगस्त के दिन हमारे देश को आजादी मिली थी और इस पर्व को हम सभी को छुट्टी के रूप में न देखते हुए देश के पर्व के रूप में मनाना चाहिए.

इसे भी पढ़ेंः- लखनऊ: स्वतंत्रता दिवस की तैयारियां पूरी, रोशनी में नहाया विधान भवन

मास्टर्स कर रही आफरीन मलिकी का कहना है कि देश की युवा पीढ़ी को इस पर्व के महत्व को जानना चाहिए क्योंकि हमारे देश के शहीदों ने कुर्बानी देकर देश को विदेशी शासकों से आजाद कराया था.

लखनऊः भले ही इस भागमभाग भरी जिंदगी में लोगों का वक्त अपनी निजी जिंदगी के लिये गुजरता हो लेकिन राजधानी के युवाओं ने इस सब के बीच देश की आजादी को मनाने और देश में अमन-चैन का पैगाम देने का जरिया सोशल मीडिया को बना लिया है.

स्वंतत्रता दिवस पर युवाओं की राय.


73 साल पहले भारत को विदेशी शासन से मिली स्वतंत्रता के बाद देश की युवा पीढ़ी अब पूरी तरह से सोशल हो चुकी है. कालेज में पढ़ाई कर रहे मोहम्मद आसिफ हुसैन बताते हैं कि भले ही उनका वक्त ज्यादातर इंटरनेट पर बीतता हो लेकिन वह इस माध्यम से अन्य देशों तक यह संदेश आम करते हैं कि भारत का हर युवा और नागरिक अपने देश से कितना प्यार करता है. भले ही वह किसी भी धर्म और जाति से जुड़ाव रखता हो.

एमबीए के छात्र सय्यद शारकेब का कहना है कि चाहे गणतंत्र दिवस हो या स्वतंत्रता दिवस, यह देश के लिये एक त्योहार हैं. इसमें हर धर्म और मिल्लत के लोगों को एकजुट होकर खुशियां मनानी चाहिए और जो नई पीढ़ी सोशल मीडिया पर अपना ज्यादा से ज्यादा वक्त जाया करती है, उसको भी आगे आकर इन पर्वों को बड़े ही हर्ष और उल्लास से मनाना चाहिए.

पेशे से नौकरी कर रहे आदिल का कहना है कि 15 अगस्त के दिन हमारे देश को आजादी मिली थी और इस पर्व को हम सभी को छुट्टी के रूप में न देखते हुए देश के पर्व के रूप में मनाना चाहिए.

इसे भी पढ़ेंः- लखनऊ: स्वतंत्रता दिवस की तैयारियां पूरी, रोशनी में नहाया विधान भवन

मास्टर्स कर रही आफरीन मलिकी का कहना है कि देश की युवा पीढ़ी को इस पर्व के महत्व को जानना चाहिए क्योंकि हमारे देश के शहीदों ने कुर्बानी देकर देश को विदेशी शासकों से आजाद कराया था.

Intro:बदलते युग के साथ तेज़ी से देश की युवा पीढ़ी सोशल मीडिया की आदी होती जा रही। इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में सोशल मीडिया पर दिन भर लगी रहनी वाली युवा पीढ़ी देश के त्योहारों पर भले ही इंटरनेट पर सक्रिय नज़र आती हो लेकिन कहीं न कहीं आम ज़िंदगी में वह इन पर्वों से दूर ही नज़र आते है ऐसे में ईटीवी भारत ने युवा पीढ़ी से खास बातचीत कर जाना इस पर्व का उनके प्रति महत्व।




Body:आज से 73 साल पहले भारत को विदेशी शासन से मिली स्वतंत्रता पर देश की युवा पीढ़ी अब पूरी तरह से सोशल हो चुकी है। कालेज में पढ़ाई कर रहे मोहम्मद आसिफ हुसैन बताते है कि भले ही उनका वक्त ज़्यादातर इंटरनेट पर बीतता हो लेकिन वह इस माध्यम से अन्य देशों तक यह संदेश आम करते है कि भारत का हर युवा और नागरिक अपने देश के प्रति कितनी मोहब्बत रखता है भले ही वह किसी भी धर्म और जाती से आता हो। तो वहीं एमबीए के छात्र सय्यद शारकेब का कहना है कि चाहे गणतंत्र दिवस हो या स्वतंत्रता दिवस यह देश के त्यौहार हैं इसमें हर धर्म और मिल्लत के लोगों को एकजुट होकर खुशियां मनानी चाहिए और जो नई पीढ़ी सोशल मीडिया पर अपना ज्यादा से ज्यादा वक्त ज़ाया करती है उसको भी आगे आकर इन पर्वों को बड़े ही हर्ष और उल्लास से मनाना चाहिए। पेशे से नौकरी कर रहे आदिल का कहना है कि 15 अगस्त को हमारे देश को आज़ादी मिली थी और इस पर्व को हम सभी को छुट्टी के रूप में न देखकर बल्कि देश के पर्व के रूप में मानाना चाहिए इसी के साथ मास्टर की डिग्री पूरी कर रही आफरीन मलिकी का देश की युवा पीढ़ी को संदेश है कि सभी को इस पर्व की महत्वता जाननी चाहिए क्योंकि हमारे देश के लोगों ने बड़ी ही कुर्बानी देकर देश को विदेशी शासकों से आज़ाद कराया था।

बाइट1- मोहम्मद आसिफ हुसैन, युवा
बाइट2- सैयद शारकेब, युवा
बाइट3- आदिल, युवा
बाइट4- आफरीन मलिकी, युवा


Conclusion:भले ही सोशल मीडिया पर युवा पीढ़ी का ज़्यादातर वक्त गुज़रता हो लेकिन इन युवाओं ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से अपने देश के आज़ादी को मनाने और देश मे अमन चैन का पैगाम देने का जरिया सोशल मीडिया को बना लिया है।
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