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फर्रुखाबाद की घटना ने दहलाया दिल, मनोचिकित्सक ने ऐसे सिरफिरों से निपटने पर दी ये राय

फर्रुखाबाद में 23 बच्चों को बंधक बनाने वाला शख्स सुभाष बाथम हत्या के मामले में जमानत पर जेल से बाहर था. बच्चों को बंधक बनाने के बाद काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने सभी बच्चों को सिरफिरे युवक से बचा लिया और सुभाष को मौत के घाट उतार दिया. इस मामले में जानिए मनोचिकित्सक की राय.

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मनोचिकित्सक डॉ. देवाशीष शुक्ला
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Published : Jan 31, 2020, 4:58 PM IST

लखनऊः फर्रुखाबाद में बच्चों को बंधक बनाए जाने के मामले को लेकर ईटीवी भारत ने मनोचिकित्सक डॉ. देवाशीष शुक्ला से बात की. फर्रुखाबाद की घटना ने आम जनमानस को इस बात पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है कि ऐसे सिरफिरे लोगों से दूरी बनाकर रखें और अपने बच्चों को इनके पास कभी भटकने न दें.

फर्रुखाबाद की घटना पर मनोचिकित्सक की राय.


सामाजिक गतिविधियों पर रखनी चाहिए नजर
मनोचिकित्सक ने बताया इस तरीके के लोगों की सोशल और अनसोशल हरकतों को बारीकी से देखना चाहिए और नोटिस करना चाहिए. उन्होंने कहा यह लोग समाज के लिए खतरा साबित हो सकते हैं.

ऐसे लोग समाज से रहते हैं दूर
डॉ. देवाशीष ने बताया की ऐसी हरकत करने वाले लोग समाज से कटे-कटे रहते हैं. ऐसे लोग समाज में लोगों से ज्यादा घुलते-मिलते नहीं हैं. छोटी-छोटी बातों पर उत्तेजित हो जाते हैं. गुस्सा करते हैं और मारने पीटने पर उतारू हो जाते हैं.

यह भी जानें
मनोचिकित्सक डॉ. शुक्ला ने बताया कि ऐसे लोगों को मेंटल इलनेस और अन्य बीमारी होती है. ऐसे लोग पुलिस द्वारा प्रताड़ित किए जाते हैं और छोटी-छोटी बातों पर गाली गलौज और दुर्व्यवहार करते हैं. समाज के लोगों को चाहिए कि इनसे दूरी बनाकर रखें.

यह भी पढ़ेंः-फर्रुखाबाद: मृतक सिरफिरे के घर पहुंचा बम निरोधक दस्ता, कई मकान कराए खाली

बचपन से मिलती है शिक्षा
उन्होंने बताया कि आज के समय में हर कोई किसी न किसी बीमारी से ग्रसित है. लिहाजा ऐसे लोगों को इलाज की जरूरत है. वहीं उन्होंने कहा कि सभी लोगों को बचपन से ही शिक्षा दी जाती है कि लोगों से कैसे व्यवहार किया जाए. सभी लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है.

लखनऊः फर्रुखाबाद में बच्चों को बंधक बनाए जाने के मामले को लेकर ईटीवी भारत ने मनोचिकित्सक डॉ. देवाशीष शुक्ला से बात की. फर्रुखाबाद की घटना ने आम जनमानस को इस बात पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है कि ऐसे सिरफिरे लोगों से दूरी बनाकर रखें और अपने बच्चों को इनके पास कभी भटकने न दें.

फर्रुखाबाद की घटना पर मनोचिकित्सक की राय.


सामाजिक गतिविधियों पर रखनी चाहिए नजर
मनोचिकित्सक ने बताया इस तरीके के लोगों की सोशल और अनसोशल हरकतों को बारीकी से देखना चाहिए और नोटिस करना चाहिए. उन्होंने कहा यह लोग समाज के लिए खतरा साबित हो सकते हैं.

ऐसे लोग समाज से रहते हैं दूर
डॉ. देवाशीष ने बताया की ऐसी हरकत करने वाले लोग समाज से कटे-कटे रहते हैं. ऐसे लोग समाज में लोगों से ज्यादा घुलते-मिलते नहीं हैं. छोटी-छोटी बातों पर उत्तेजित हो जाते हैं. गुस्सा करते हैं और मारने पीटने पर उतारू हो जाते हैं.

यह भी जानें
मनोचिकित्सक डॉ. शुक्ला ने बताया कि ऐसे लोगों को मेंटल इलनेस और अन्य बीमारी होती है. ऐसे लोग पुलिस द्वारा प्रताड़ित किए जाते हैं और छोटी-छोटी बातों पर गाली गलौज और दुर्व्यवहार करते हैं. समाज के लोगों को चाहिए कि इनसे दूरी बनाकर रखें.

यह भी पढ़ेंः-फर्रुखाबाद: मृतक सिरफिरे के घर पहुंचा बम निरोधक दस्ता, कई मकान कराए खाली

बचपन से मिलती है शिक्षा
उन्होंने बताया कि आज के समय में हर कोई किसी न किसी बीमारी से ग्रसित है. लिहाजा ऐसे लोगों को इलाज की जरूरत है. वहीं उन्होंने कहा कि सभी लोगों को बचपन से ही शिक्षा दी जाती है कि लोगों से कैसे व्यवहार किया जाए. सभी लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है.

Intro:स्पेशल स्टोरी

लखनऊ। हत्या के मामले में जमानत पर छूटे फर्रुखाबाद के सिरफिरे बदमाश सुभाष बाथम ने 23 बच्चों को बंधक बनाया था। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने सभी बच्चों को सिरफिरे युवक से बचा लिया और सुभाष को मौत के घाट उतार दिया।

इस पूरे मामले को लेकर ईटीवी भारत में जब मनोचिकित्सक डॉक्टर देवाशीष शुक्ला से बात की तो उन्होंने बताया कि किस तरीके के लोग इस घटना को अंजाम देते हैं और कैसे उनसे बचा जाए।


Body:उनकी हरकत पर रखी जाए नज़र

ईटीवी भारत से बात करते हुए मन मनोचिकित्सक डॉक्टर देवाशीष शुक्ला ने बताया इस तरीके के लोगों की सोशल और अनसोशल हरकतों को बारीकी से देखना चाहिए और नोटिस करना चाहिए। उन्होंने कहा यह लोग समाज के लिए खतरा साबित हो सकते हैं।

समाज से रहते हैं दूर

डॉ देवाशीष ने बताया की ऐसी हरकत करने वाले लोग समाज से कटे-कटे रहते हैं। ऐसे लोग समाज में लोगों से ज्यादा घूलते-मिलते नहीं है। छोटी-छोटी बातों पर उत्तेजित हो जाते हैं गुस्सा करते हैं और मारने पीटने पर उतारू हो जाते हैं।

यह भी जानें

मनोचिकित्सक डॉक्टर शुक्ला ने बताया कि ऐसे लोगों को मेंटल इलनेस और कोई बीमारी होती है। ऐसे लोग पुलिस द्वारा प्रताड़ित किए जाते हैं और छोटी-छोटी बातों पर गाली गलौज और दुर्व्यवहार करते हैं। समाज के लोगों को चाहिए कि इनसे दूरी बनाकर रखें।

बचपन से मिलती है शिक्षा

उन्होंने बताया कि आज के समय में हर कोई किसी न किसी बीमारी से ग्रसित है। लिहाजा ऐसे लोगों को इलाज की जरूरत है। वहीं उन्होंने कहा कि सभी लोगों को बचपन से ही शिक्षा दी जाती है कि लोगों से कैसे व्यवहार किया जाए। सभी लीगों को सतर्क रहने की जरूरत है।


Conclusion:फर्रुखाबाद की घटना ने सभी लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि ऐसे सिरफिरे उन लोगों से दूरी बनाकर रखें और अपने बच्चों को भी इनके पास न फटकने दें।

अनुराग मिश्र

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