लखनऊ: राजधानी में करीब आधा दर्जन अवैध डग्गामार बस स्टेशन बने हुए हैं. यहां हर रोज डग्गामार बसों का संचालन होता है. यह डग्गामार बसें रोडवेज को भरपूर चूना लगाती हैं. परिवहन विभाग और परिवहन निगम के अधिकारी भी इन डग्गामार बसों के संचालन से बेखबर नहीं हैं. फिर भी जानबूझकर अनजान जरूर बने रहते हैं.
सोमवार को प्रदेश भर में जारी डग्गामार बसों पर सीएम योगी ने सख्ती दिखाई. इस सख्ती का असर मंगलवार को साफ तौर पर देखने को मिला. इसके चलते शहर में कहीं भी डग्गामार बसें चलते हुए नजर नहीं आई.
- सीएम योगी के सख्ती के बाद सड़क से डग्गामार बसें चलना बंद.
- यात्री डग्गामार बस का इंतजार करते रहे, लेकिन डग्गामार बस स्टॉप पर नहीं आई.
- जलालपुर, अकबरपुर और टांडा की तरफ से यात्री डग्गामार बसों में सवार होकर जाते हैं.
- डग्गामार बसों के बंद होने से यात्रियों को मजबूरन रोडवेज बस से सफर करना पड़ा.
यत्रियों ने बताया कि
- प्राइवेट बस से टाइम की बचत होती है और किराया भी सस्ता होता है.
- ऐसे में प्राइवेट बस ही ठीक रहती है.
- प्राइवेट बस के कंडक्टर अच्छा व्यवहार करते हैं.
- इसके अलावा बस टाइम पर पहुंचा देती है.
- सरकारी के ड्राइवर कंडक्टर अभद्रता करते हैं.
- सरकारी बस कहीं भी रास्ते में बस खड़ी कर देते हैं.
- ऐसे में प्राइवेट बस का सफर ही ज्यादा बेहतर है.
यात्री मोइनुल हक ने बताया कि भले प्राइवेट बस से यात्रा सस्ती है, लेकिन अगर कोई दुर्घटना होती है तो इसमें बीमा का लाभ नहीं मिलेगा. जबकि रोडवेज में बीमा का लाभ मिलता है.