लखनऊ: केजीएमयू की ओपीडी करीब 7 माह बाद सोमवार से शुरू हो गई है, लेकिन सिर्फ 389 मरीजों को ही पहले दिन इलाज मिल सका है. इतना ही नहीं रजिस्ट्रेशन कराने के बाद भी 92 मरीज डॉक्टर के पास नहीं पहुंच पाए. बता दें कि, केजीएमयू के ओपीडी में सामान्य दिनों में 10 हजार से अधिक मरीजों का इलाज होता था.
मरीजों को रजिस्ट्रेशन कराने में आ रही दिक्कत
केजीएमयू में ओपीडी तो शुरू कर दी गई है. इसके लिए काफी कड़े नियम बनाए गए हैं. मरीज को ओपीडी में आने से पहले रजिस्ट्रेशन कराना होगा. ऐसी स्थिति में जहां पहले 10 हजार मरीजों को इलाज मिलता था. वहीं अब यहां सिर्फ 389 मरीज ही रजिस्ट्रेशन करा पाए हैं. मरीजों का यह भी कहना था कि रजिस्ट्रेशन के नियम काफी कड़े हैं. फोन लाइनें व्यस्त रहती हैं. इस वजह से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में कई तरह की समस्याएं आ रही हैं.
सुबह से लग गई थी लाइन
ओपीडी में इलाज कराने के लिए सोमवार को 389 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. इन मरीजों के आने के बाद मुख्य गेट से लेकर ओपीडी तक लंबी लाइने लगी रही. एक-एक मरीज को ओपीडी भेजा गया. दोपहर में यह लाइन काफी लंबी हो गई थी. इसी का नतीजा था कि 92 मरीज रजिस्ट्रेशन कराने के बाद भी डॉक्टर तक नहीं पहुंच पाए. फिलहाल प्रत्येक विभाग में 20 नए व 30 पुराने मरीज देखने के निर्देश हैं. केजीएमयू मीडिया प्रभारी डॉक्टर सुधीर सिह के मुताबिक कुल 389 पंजीकरण कराया था. इसमें 297 मरीज आए. बाकी 92 मरीज गैरहाजिर रहे.
50 मरीज ओपीडी में पहुंचे
बीकेटी स्थित राम सागर मिश्र हॉस्पिटल में नॉन कोविड ओपीडी शुरू हो गई. पहले दिन 50 मरीज ओपीडी में देखे गए. डॉक्टरों का कहना है कि सामान्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों की इमरजेंसी चालू कर दी गई है.