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तय समय में भर सके उत्तर प्रदेश के 78% गड्ढे, 30 तक बढ़ाई गई डेडलाइन

उत्तर प्रदेश में गड्ढा मुक्ति के करीब 1 महीने में 78% गड्ढों को ही सड़कों पर भरा जा सका है. हर संभव प्रयास और दबाव के बावजूद पीडब्ल्यूडी के अभियंताओं ने 22% गड्ढों को भरने में तत्परता नहीं दिखाई. जिसका परिणाम है कि अब उत्तर प्रदेश में गड्ढा मुक्ति का यह अभियान 15 दिन के लिए और बढ़ा दिया गया है.

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Published : Nov 14, 2022, 11:07 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में गड्ढा मुक्ति के करीब 1 महीने में 78% गड्ढों को ही सड़कों पर भरा जा सका है. हर संभव प्रयास और दबाव के बावजूद पीडब्ल्यूडी के अभियंताओं ने 22% गड्ढों को भरने में तत्परता नहीं दिखाई. जिसका परिणाम है कि अब उत्तर प्रदेश में गड्ढा मुक्ति का यह अभियान 15 दिन के लिए और बढ़ा दिया गया है. लोक निर्माण विभाग के अधिकारी और अभियंता 30 नवंबर तक प्रदेश में सभी गड्ढों को समाप्त करने के लिए काम करेंगे.


लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष संदीप कुमार (Head of Public Works Department Sandeep Kumar) की ओर से जारी बयान में बताया कि गड्ढा मुक्ति के दौरान उत्तर प्रदेश के 18 मंडलों में कुल 46683.72 किमी सड़क को ही गड्ढा मुक्त किया जा सका है. लोक निर्माण विभाग का लक्ष्य 59572.39 किमी का था. सबसे अधिक गड्ढा मुक्ति पश्चिम उत्तर प्रदेश के सहारनपुर मंडल में हुई है. जहां करीब 93% गड्ढों को सड़कों से गायब कर देने का दावा लोक निर्माण विभाग की ओर से किया गया है.

दूसरी ओर आजमगढ़ में यह संख्या सबसे कम है यहां पर 69% गड्ढे ही सड़कों से समाप्त किया जा सके हैं. अथक परिश्रम का परिणाम है कि गड्ढा मुक्ति के बड़े लक्ष्य को प्राप्त किया जा सका है. बचे हुए 15 दिनों में अब 100% गड्ढा मुक्ति करने का दावा उन्होंने किया है. दूसरी और सड़कों पर नजारे कुछ अलग ही नजर आ रहे हैं. विभिन्न रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (Resident Welfare Association) और आम नागरिकों की शिकायत रही है कि गड्ढा मुक्ति के नाम पर केवल पैचवर्क ही किया जा रहा है. जिन सड़कों को पुनः निर्माण की जरूरत है वह पैच वर्क करके छोड़ दी गई है और गड्ढा मुक्ति के अभियान की इतिश्री हो गई है. जिससे या अभियान सिरे चढ़ता हुआ नजर नहीं आ रहा है.

यह भी पढ़ें : यूपी से अपराध व अपराधियों को जड़ से उखाड़ेगी पुलिस की स्पेशल टीम, जानिए क्या है प्लान

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में गड्ढा मुक्ति के करीब 1 महीने में 78% गड्ढों को ही सड़कों पर भरा जा सका है. हर संभव प्रयास और दबाव के बावजूद पीडब्ल्यूडी के अभियंताओं ने 22% गड्ढों को भरने में तत्परता नहीं दिखाई. जिसका परिणाम है कि अब उत्तर प्रदेश में गड्ढा मुक्ति का यह अभियान 15 दिन के लिए और बढ़ा दिया गया है. लोक निर्माण विभाग के अधिकारी और अभियंता 30 नवंबर तक प्रदेश में सभी गड्ढों को समाप्त करने के लिए काम करेंगे.


लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष संदीप कुमार (Head of Public Works Department Sandeep Kumar) की ओर से जारी बयान में बताया कि गड्ढा मुक्ति के दौरान उत्तर प्रदेश के 18 मंडलों में कुल 46683.72 किमी सड़क को ही गड्ढा मुक्त किया जा सका है. लोक निर्माण विभाग का लक्ष्य 59572.39 किमी का था. सबसे अधिक गड्ढा मुक्ति पश्चिम उत्तर प्रदेश के सहारनपुर मंडल में हुई है. जहां करीब 93% गड्ढों को सड़कों से गायब कर देने का दावा लोक निर्माण विभाग की ओर से किया गया है.

दूसरी ओर आजमगढ़ में यह संख्या सबसे कम है यहां पर 69% गड्ढे ही सड़कों से समाप्त किया जा सके हैं. अथक परिश्रम का परिणाम है कि गड्ढा मुक्ति के बड़े लक्ष्य को प्राप्त किया जा सका है. बचे हुए 15 दिनों में अब 100% गड्ढा मुक्ति करने का दावा उन्होंने किया है. दूसरी और सड़कों पर नजारे कुछ अलग ही नजर आ रहे हैं. विभिन्न रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (Resident Welfare Association) और आम नागरिकों की शिकायत रही है कि गड्ढा मुक्ति के नाम पर केवल पैचवर्क ही किया जा रहा है. जिन सड़कों को पुनः निर्माण की जरूरत है वह पैच वर्क करके छोड़ दी गई है और गड्ढा मुक्ति के अभियान की इतिश्री हो गई है. जिससे या अभियान सिरे चढ़ता हुआ नजर नहीं आ रहा है.

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