लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय में इस साल भी नए सत्र में 7 डिप्लोमा कोर्सों का ही संचालन हो सका है. विवि ने डिप्लोमा पाठ्यक्रम को लगातार चलाने के लिए कई कोशिशें की हैं, लेकिन विश्वविद्यालय द्वारा की गई कोशिश अभी तक पूरी तरह से विफल साबित हुई है. बता दें कि विश्वविद्यालय के 40 डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में से ज्यादातर पर हर साल रोक लग जाती है. इस बार लखनऊ विश्वविद्यालय में डिप्लोमा पाठ्यक्रम में कई बड़े बदलाव किए हैं. सिलेबस नए पाठ्यक्रम और फीस में बदलाव के साथ इनकी संख्या भी 40 से घटाकर 28 कर दी गई है, लेकिन इससे भी बात नहीं बनी. इस साल भी 28 में सिर्फ एक चौथाई यानी 7 पाठ्यक्रमों का ही संचालन हो सका.
विभिन्न विभागों में चलने वाले डिप्लोमा, पीजी डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स में एकरूपता लाने व उनके संचालन के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने इनमें दाखिले के लिए नई गाइडलाइन जारी की थी. विश्वविद्यालय में 40 से ज्यादा डिप्लोमा, पीजी डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स चलते थे. इनमें कोई एकरूपता नहीं थी. स्ववित्तपोषित प्रणाली पर आधारित पाठ्यक्रमों की फीस एक-दूसरे से काफी अलग थी. इस पर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने एक समिति बनाई. समिति की सिफारिश पर डिप्लोमा कार्यक्रमों में काफी बदलाव किए गए.
इसमें तय हुआ कि डिप्लोमा पाठ्यक्रम दो श्रेणी में चलेंगे. इनकी न्यूनतम फीस 18000 रुपये प्रति सेमेस्टर होगी. इसके साथ ही डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के संबंध में ऐड ऑन की अनिवार्यता भी हटा ली गई है. अब इन पाठ्यक्रमों में दाखिला लिया जा सकता है. इससे पहले पाठ्यक्रम ऐड ऑन प्रणाली संचालित था. इसके चलते डिग्री कोर्स के विद्यार्थी ही इसमें दाखिला ले सकते थे. इससे डिप्लोमा कोर्स हर साल बंद हो रहे थे, इस पर लखनऊ विश्वविद्यालय में बदलाव किया.