लखनऊ: उत्तर प्रदेश के खनिज विभाग के कार्यदाई संस्थाओं को रॉयल्टी भुगतान के लिए अब कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. उन्हें रॉयल्टी भुगतान के लिए ऑनलाइन सुविधा मुहैया कराई गई है. उत्तर प्रदेश के खनिज निदेशक डॉ. रोशन जैकब के अनुसार, अब कार्यदाई संस्थाओं को आपूर्ति उप खनिजों पर देय रॉयल्टी के भुगतान की प्रक्रिया का नए सिरे से निर्धारण किया गया है. अब खनिजों पर देय भुगतान की प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से ऑनलाइन भुगतान की सुविधा कार्यदाई संस्थाओं को दी गई है.
खनिज निदेशक डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि कार्यदाई संस्थाओं द्वारा स्वयं अपने स्तर से परिवहन पत्रों के ऑनलाइन सत्यापन के लिए भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग उत्तर प्रदेश के पोर्टल upmines.ionic.gov.in पर माड्यूल विकसित किया गया है. खनिज निदेशक के अनुसार, पूर्व में कार्यदाई संस्थाओं में प्रयुक्त खनिजों के संबंध में ठेकेदारों द्वारा प्रस्तुत परिवहन प्रपत्रों का सत्यापन कार्यदाई संस्था द्वारा संबंधित जिले के खान अधिकारी या खान निरीक्षक से कराए जाने के निर्देश दिए गए थे. इस प्रक्रिया में कार्यदाई विभाग को खनिज विभाग पर निर्भर रहना पड़ता है और इस प्रक्रिया में समय अधिक लगता है. इसको ध्यान में रखते हुए अब यह नया ऑनलाइन मॉड्यूल विकसित किया गया है.
निर्धारित संशोधित प्रक्रिया के बारे में खनिज निदेशक डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि कार्यदाई विभाग के विभागाध्यक्ष को लॉगिन पासवर्ड भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा. कार्यदाई विभाग के विभागाध्यक्ष अपने अधीनस्थ डिवीजन लेवल पर लॉगिन आईडी स्वयं जनित कर उपलब्ध करा सकेंगे. डिविजनल अधीनस्थ सबडिवीजन लेवल पर लॉगिन आईडी तैयार कर उपलब्ध कराएंगे.
उन्होंने बताया कि खनिजों के लिए परिवहन प्रपत्रों की जांच के लिए अनुबंध संख्या, प्रोजेक्ट का नाम, कांट्रेक्टर का नाम, बिल नंबर दर्शाते हुए बिल के साथ प्रस्तुत परिवहन प्रपत्र की जांच के लिए प्रपत्र के क्रमांक की प्रविष्टि कर इसके वैध या अवैध की पुष्टि की जा सकेगी. इसके लिए उत्तर प्रदेश के परिवहन प्रपत्रों के अतिरिक्त अन्य सीमांत प्रदेशों के ऑनलाइन परिवहन प्रपत्र की जांच के लिए भी लिंक दिए गए हैं. इसके अंतर्गत वेरिफिकेशन करते हुए सारे काम ऑनलाइन किए जाएंगे.