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लखनऊ : 'महिला सशक्तिकरण' के लिए ऑनलाइन प्रस्तुतियां, 24 तक चलेगा कार्यक्रम

राजधानी स्थित भातखंडे संगीत संस्थान की ओर से 'महिला सशक्तिकरण' पर आधारित ऑनलाइन सांगीतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. यह कार्यक्रम 24 तक चलेगा.

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Published : Oct 23, 2020, 11:50 AM IST

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'महिला सशक्तिकरण' पर ऑनलाइन दी गईं शानदार सांगीतिक प्रस्तुतियां.

लखनऊ: राजधानी स्थित भातखंडे संगीत संस्थान की ओर से 'महिला सशक्तिकरण' पर आधारित ऑनलाइन सांगीतिक प्रस्तुतियां दी गईं. 'नवशक्ति : नवरस' के अंतर्गत कार्यक्रम का आयोजन 17 से 24 अक्टूबर तक किया जाएगा. इसी क्रम में गुरुवार को 'आदिशक्ति' का आयोजन किया गया. इस दौरान 'नवशक्ति : नवरस' शीर्षक पर शारदीय नवरात्रि का आह्वान भी किया गया. इस कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं संचालक ज्ञानेंद्र दत्त बाजपेई रहे.

मां राजराजेश्वरी को समर्पित देवी स्तुति आरती नातू की ओर से मोहक एवं भावपूर्ण भरतनाट्यम नृत्य की शुरुआत शिव शक्ति अलारिपु से की गई. जो राग नाट्टई और मिश्र चापू में निबद्ध थी. इसके बाद मां राजराजेश्वरी को समर्पित देवी स्तुति की प्रस्तुति हुई. वहीं आदि शंकराचार्य की ओर से रचित यह रचना लाल तिलंग और आदि ताल में निबद्ध थी. राग मोहनकल्याणी और आदि ताल में निबद्ध भगवान कृष्ण केंद्रित नृत्य के साथ प्रस्तुति का समापन हुआ.

इसके बाद पूर्णिमा पांडे की ओर से भरतनाट्यम शैली में आदिशक्ति नृत्य नाटिका की प्रस्तुति हुई. इसमें भक्त देवी से उनका परिचय पूछती है. देवी उसे बताती हैं कि वह उसी के अंदर विद्यमान ऐसी शक्ति है जो अवसर पाकर भिन्न-भिन्न रूपों में प्रकट होती हैं. कभी-कभी शक्ति बन दुष्टों का दमन करती हैं. कभी लज्जा बन उसे कुमार्ग पर चलने से रोकती हैं. कभी संतोषी बन उसे थोड़े में संतुष्ट रखती हैं. महिषासुर का वध उनकी ही लीला का प्रताप है. इनके निर्देशन में तैयार की गई कार्यक्रम की रूपरेखा भातखंडे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय के कुलपति रंजन कुमार, संस्कृति एवं पर्यटन विभाग प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम, संस्कृति एवं पर्यटन विभाग सचिव एनजी रवि कुमार, संस्कृति निदेशालय के निदेशक शिशिर और विश्वविद्यालय के कुलसचिव लव-कुश द्विवेदी के निर्देशन में इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई.

लखनऊ: राजधानी स्थित भातखंडे संगीत संस्थान की ओर से 'महिला सशक्तिकरण' पर आधारित ऑनलाइन सांगीतिक प्रस्तुतियां दी गईं. 'नवशक्ति : नवरस' के अंतर्गत कार्यक्रम का आयोजन 17 से 24 अक्टूबर तक किया जाएगा. इसी क्रम में गुरुवार को 'आदिशक्ति' का आयोजन किया गया. इस दौरान 'नवशक्ति : नवरस' शीर्षक पर शारदीय नवरात्रि का आह्वान भी किया गया. इस कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं संचालक ज्ञानेंद्र दत्त बाजपेई रहे.

मां राजराजेश्वरी को समर्पित देवी स्तुति आरती नातू की ओर से मोहक एवं भावपूर्ण भरतनाट्यम नृत्य की शुरुआत शिव शक्ति अलारिपु से की गई. जो राग नाट्टई और मिश्र चापू में निबद्ध थी. इसके बाद मां राजराजेश्वरी को समर्पित देवी स्तुति की प्रस्तुति हुई. वहीं आदि शंकराचार्य की ओर से रचित यह रचना लाल तिलंग और आदि ताल में निबद्ध थी. राग मोहनकल्याणी और आदि ताल में निबद्ध भगवान कृष्ण केंद्रित नृत्य के साथ प्रस्तुति का समापन हुआ.

इसके बाद पूर्णिमा पांडे की ओर से भरतनाट्यम शैली में आदिशक्ति नृत्य नाटिका की प्रस्तुति हुई. इसमें भक्त देवी से उनका परिचय पूछती है. देवी उसे बताती हैं कि वह उसी के अंदर विद्यमान ऐसी शक्ति है जो अवसर पाकर भिन्न-भिन्न रूपों में प्रकट होती हैं. कभी-कभी शक्ति बन दुष्टों का दमन करती हैं. कभी लज्जा बन उसे कुमार्ग पर चलने से रोकती हैं. कभी संतोषी बन उसे थोड़े में संतुष्ट रखती हैं. महिषासुर का वध उनकी ही लीला का प्रताप है. इनके निर्देशन में तैयार की गई कार्यक्रम की रूपरेखा भातखंडे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय के कुलपति रंजन कुमार, संस्कृति एवं पर्यटन विभाग प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम, संस्कृति एवं पर्यटन विभाग सचिव एनजी रवि कुमार, संस्कृति निदेशालय के निदेशक शिशिर और विश्वविद्यालय के कुलसचिव लव-कुश द्विवेदी के निर्देशन में इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई.

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