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यूपी के स्कूलों में 6 जुलाई से शुरू होगी ऑनलाइन पढ़ाई और प्रवेश प्रक्रिया

उत्तर प्रदेश में 6 जुलाई से कोरोना प्रोटोकॉल के साथ माध्यमिक विद्यालयों में ऑनलाइन पढ़ाई और प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी. इसके लिए अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने शासनादेश जारी किया है. 6 जुलाई से शिक्षकों और कर्मचारियों को स्कूल बुलाए जाने के निर्देश दिए गए हैं.

अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला
अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला
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Published : Jul 4, 2020, 4:45 PM IST

लखनऊः प्रदेश के माध्यमिक स्कूलों में छह जुलाई से पठन-पाठन का कार्य आरंभ होगा. इस दौरान विद्यालयों को कोरोना के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी प्रोटोकॉल का अनुपालन करना होगा. बच्चों और अभिभावकों को ऑनलाइन क्लास के लिए प्रेरित करने के लिए भी कहा गया है.

इसके साथ ही सरकार ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि विद्यालय इस दौरान लॉकडाउन अवधि में किसी भी बच्चे से रिक्शा, बस और अन्य कोई परिवहन शुल्क नहीं ले सकेंगे. विद्यालय इस सत्र में फीस की बढ़ोतरी भी नहीं करेंगे. सरकारी गैर सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों, कर्मचारियों और अधिकारियों को नियमित रूप से वेतन भी दिया जाना अनिवार्य है. अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर 6 जुलाई से शिक्षकों और कर्मचारियों को स्कूल बुलाने को कहा है.

इन नियमों का पालन होगा अनिवार्य-

  • शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए प्रतिदिन नियमित रूप से विद्यालय भवन और फर्नीचर को सैनिटाइज कराया जाएगा.
  • विद्यालय आने वाले शिक्षकों एवं कर्मचारियों के प्रवेश से पूर्व थर्मल स्कैनिंग की जाएगी, यदि किसी के शरीर का तापमान सामान्य से अधिक है तो उसे विद्यालय में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. विद्यालय प्रशासन को इसकी सूचना संबंधित मुख्य चिकित्सा अधिकारी को तत्काल उपलब्ध करानी होगी.
  • कोविड-19 से बचाव के लिए विद्यालय में सैनिटाइजर तथा नियमित हाथ धुलने के लिए साबुन आदि की व्यवस्था करनी होगी. भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार द्वारा जारी समस्त दिशा निर्देशों का पूर्णतः अनुपालन करना होगा.
  • छह जुलाई के उपरांत यथाशीघ्र शिक्षक अभिभावक संघ की बैठक की जाएगी. जिसमें ऑनलाइन पठन-पाठन की व्यवस्था से उन्हें अवगत कराया जाएगा. ऑनलाइन पठन-पाठन के लिए विद्यालय प्रशासन को उन्हें प्रेरित भी करना है.
  • जारी आदेश में कहा गया है कि ऑनलाइन शिक्षण प्रणाली के प्रभावी संचालन के लिए अधिकारियों, प्रधानानाचार्यों, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को वेबिनॉर तथा ऑनलाइन ट्यूटोरियल के माध्यम से प्रशिक्षण की व्यवस्था दी जाए.
  • कोरोना के लिए सरकार द्वारा निर्धारित प्रोटोकाल का अनुपालन करते हुए नवीन सत्र के लिए विद्यार्थियों के प्रवेश की कार्यवाही पूरी की जाएगी. संक्रमण से बचाव के लिए विशेष तौर पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना होगा.
  • आवश्यकतानुसार विद्यालयों में स्टाल लगवा कर विद्यार्थियों के लिए पाठ्य पुस्तकों की उपलब्धता भी विद्यालय प्रशासन सुनिश्चित कराएगा.
  • प्रत्येक कक्षा के लिए प्रतिदिन निर्धारित कक्षावार/ विषयवार समय सारणी बनाकर अधिकतम 15 जुलाई तक ऑनलाइन शिक्षण का कार्य प्रारंभ किया जाएगा.
  • माध्यमिक विद्यालय जिस शिक्षा बोर्ड से संबंध हैं यदि उसके द्वारा उक्त के अतिरिक्त ऑनलाइन पठन-पाठन के लिए कोई विशिष्ट दिशा निर्देश निर्गत किए गए हैं तो उनके अनुसार कार्यवाही कर सकेंगे.

लखनऊः प्रदेश के माध्यमिक स्कूलों में छह जुलाई से पठन-पाठन का कार्य आरंभ होगा. इस दौरान विद्यालयों को कोरोना के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी प्रोटोकॉल का अनुपालन करना होगा. बच्चों और अभिभावकों को ऑनलाइन क्लास के लिए प्रेरित करने के लिए भी कहा गया है.

इसके साथ ही सरकार ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि विद्यालय इस दौरान लॉकडाउन अवधि में किसी भी बच्चे से रिक्शा, बस और अन्य कोई परिवहन शुल्क नहीं ले सकेंगे. विद्यालय इस सत्र में फीस की बढ़ोतरी भी नहीं करेंगे. सरकारी गैर सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों, कर्मचारियों और अधिकारियों को नियमित रूप से वेतन भी दिया जाना अनिवार्य है. अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर 6 जुलाई से शिक्षकों और कर्मचारियों को स्कूल बुलाने को कहा है.

इन नियमों का पालन होगा अनिवार्य-

  • शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए प्रतिदिन नियमित रूप से विद्यालय भवन और फर्नीचर को सैनिटाइज कराया जाएगा.
  • विद्यालय आने वाले शिक्षकों एवं कर्मचारियों के प्रवेश से पूर्व थर्मल स्कैनिंग की जाएगी, यदि किसी के शरीर का तापमान सामान्य से अधिक है तो उसे विद्यालय में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. विद्यालय प्रशासन को इसकी सूचना संबंधित मुख्य चिकित्सा अधिकारी को तत्काल उपलब्ध करानी होगी.
  • कोविड-19 से बचाव के लिए विद्यालय में सैनिटाइजर तथा नियमित हाथ धुलने के लिए साबुन आदि की व्यवस्था करनी होगी. भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार द्वारा जारी समस्त दिशा निर्देशों का पूर्णतः अनुपालन करना होगा.
  • छह जुलाई के उपरांत यथाशीघ्र शिक्षक अभिभावक संघ की बैठक की जाएगी. जिसमें ऑनलाइन पठन-पाठन की व्यवस्था से उन्हें अवगत कराया जाएगा. ऑनलाइन पठन-पाठन के लिए विद्यालय प्रशासन को उन्हें प्रेरित भी करना है.
  • जारी आदेश में कहा गया है कि ऑनलाइन शिक्षण प्रणाली के प्रभावी संचालन के लिए अधिकारियों, प्रधानानाचार्यों, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को वेबिनॉर तथा ऑनलाइन ट्यूटोरियल के माध्यम से प्रशिक्षण की व्यवस्था दी जाए.
  • कोरोना के लिए सरकार द्वारा निर्धारित प्रोटोकाल का अनुपालन करते हुए नवीन सत्र के लिए विद्यार्थियों के प्रवेश की कार्यवाही पूरी की जाएगी. संक्रमण से बचाव के लिए विशेष तौर पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना होगा.
  • आवश्यकतानुसार विद्यालयों में स्टाल लगवा कर विद्यार्थियों के लिए पाठ्य पुस्तकों की उपलब्धता भी विद्यालय प्रशासन सुनिश्चित कराएगा.
  • प्रत्येक कक्षा के लिए प्रतिदिन निर्धारित कक्षावार/ विषयवार समय सारणी बनाकर अधिकतम 15 जुलाई तक ऑनलाइन शिक्षण का कार्य प्रारंभ किया जाएगा.
  • माध्यमिक विद्यालय जिस शिक्षा बोर्ड से संबंध हैं यदि उसके द्वारा उक्त के अतिरिक्त ऑनलाइन पठन-पाठन के लिए कोई विशिष्ट दिशा निर्देश निर्गत किए गए हैं तो उनके अनुसार कार्यवाही कर सकेंगे.
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