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स्ट्रीट वेंडर्स को PM स्वानिधि का लाभ देने का अल्टीमेटम, इतने हैं वंचित

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स के लोन आवेदनों को प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृत कर उनके खातों में ऋण राशि भेजने का आदेश था, लेकिन राजधानी लखनऊ में अधिकारियों की हीलाहवाली से एक लाख वेंडर्स को अभी भी योजना का लाभ नहीं मिल सका है. ऐसे में लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी है.

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प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के लोन वितरण में लापरवाही.
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Published : Nov 23, 2020, 1:17 PM IST

लखनऊ: कोरोना महामारी के दौरान ऐसे लोगों पर सबसे ज्यादा मार पड़ी है, जो सड़क किनारे रेहड़ी लगाकर अपना गुजारा करते थे. लॉकडाउन के दौरान इनका पूरा धंधा चौपट हो गया. इसको देखते हुए पीएम स्वानिधि योजना के तहत सरकार ने इन लोगों को अपना कारोबार शुरू करने के लिए 10 हजार रुपये लोन देकर मदद की है, लेकिन कुछ लापरवाह अधिकारियों की हीलाहवाली से जरूरतमंदों को समय से मदद नहीं मिल पा रही है. ऐसे में लापरवाही बरतने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है.

स्थानीय निकाय निदेशक की तरफ से चेतावनी पत्र जारी किया गया है. दो दिन में करीब एक लाख चयनित स्ट्रीट वेंडर्स को लोन दिलाने की हिदायत दी गई है. सभी अफसरों को चेतावनी दी गई है कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स के लोन आवेदनों में बैंकों के स्तर पर कोई लापरवाही बरतने का मामला पाया गया, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

इतने स्ट्रीट वेंडर्स ने किया आवेदन
पीएम स्वनिधि योजना का लाभ लेने के लिए में अब तक 7 लाख 32 हजार स्ट्रीट वेंडर्स ने आवेदन किया है. वहीं बैंकों की तरफ से 3 लाख 88 हजार स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण स्वीकृत किए गया है, लेकिन अफसरों की लापरवाही के चलते अब तक सिर्फ 2 लाख 92 हजार स्ट्रीट वेंडर्स को ही लोन वितरित किया जा सका है, जबकि एक लाख वेंडर्स लोन पाने से वंचित हैं. इसको लेकर शासन की तरफ से नाराजगी जाहिर की गई है. 24 नवंबर तक बकाया एक लाख लोगों को स्वीकृति लोन दिलाने के सख्त निर्देश दिए गए हैं. निर्धारित तिथि तक लोन न दिलाने की स्थिति में नगर निकायों के अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी.

एक तरफ यूपी नंबर वन फिर भी अफसर कर रहे लापरवाही
एक तरफ जहां पीएम स्वनिधि योजना में आवेदकों को चयनित करने पर उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर पहुंच चुका है. वहीं ऋण वितरण में कई निकायों की लापरवाही से योजना का लाभ सही रूप में स्ट्रीट वेंडर्स को नहीं पहुंचा पा रहा है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के पिछड़ने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता.

स्थानीय निकाय निदेशक ने निकाय अधिकारियों को भेजा पत्र
शासन की तरफ से लापरवाह नगर निकायों के अधिकारियों की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए कार्रवाई का अल्टीमेटम दिया गया है. स्थानीय निकाय निदेशक डॉ. काजल की तरफ से उत्तर प्रदेश के सभी नगर आयुक्त और अधिशासी अधिकारियों को पत्र भेजकर दिशा-निर्देश दिए गए हैं. हिदायत दी गई है कि दो दिन में अभियान चलाकर स्वीकृत स्ट्रीट वेंडर्स को लोन वितरित करा दिया जाए, ऐसा न करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

प्रमुख सचिव ने भी जताई है नाराजगी
नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने सभी स्ट्रीट वेंडर्स को स्वीकृत ऋण तत्काल वितरित करने के निर्देश दिए हैं. उत्तर प्रदेश के सभी 707 नगर निकायों में अब तक 7 लाख 32 हजार स्ट्रीट वेंडर्स को पीएम स्वनिधि योजना के लिए चयनित किया गया है. इसमें अब तक 3 लाख 88 हजार स्ट्रीट वेंडर्स के लोन मंजूर किए गए हैं, लेकिन लोन सिर्फ 2 लाख 92 हजार स्ट्रीट वेंडर्स को ही लोन मिल पाया है. बाकी लोगों को लोन देने की चेतावनी दी गई है.

लखनऊ: कोरोना महामारी के दौरान ऐसे लोगों पर सबसे ज्यादा मार पड़ी है, जो सड़क किनारे रेहड़ी लगाकर अपना गुजारा करते थे. लॉकडाउन के दौरान इनका पूरा धंधा चौपट हो गया. इसको देखते हुए पीएम स्वानिधि योजना के तहत सरकार ने इन लोगों को अपना कारोबार शुरू करने के लिए 10 हजार रुपये लोन देकर मदद की है, लेकिन कुछ लापरवाह अधिकारियों की हीलाहवाली से जरूरतमंदों को समय से मदद नहीं मिल पा रही है. ऐसे में लापरवाही बरतने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है.

स्थानीय निकाय निदेशक की तरफ से चेतावनी पत्र जारी किया गया है. दो दिन में करीब एक लाख चयनित स्ट्रीट वेंडर्स को लोन दिलाने की हिदायत दी गई है. सभी अफसरों को चेतावनी दी गई है कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स के लोन आवेदनों में बैंकों के स्तर पर कोई लापरवाही बरतने का मामला पाया गया, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

इतने स्ट्रीट वेंडर्स ने किया आवेदन
पीएम स्वनिधि योजना का लाभ लेने के लिए में अब तक 7 लाख 32 हजार स्ट्रीट वेंडर्स ने आवेदन किया है. वहीं बैंकों की तरफ से 3 लाख 88 हजार स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण स्वीकृत किए गया है, लेकिन अफसरों की लापरवाही के चलते अब तक सिर्फ 2 लाख 92 हजार स्ट्रीट वेंडर्स को ही लोन वितरित किया जा सका है, जबकि एक लाख वेंडर्स लोन पाने से वंचित हैं. इसको लेकर शासन की तरफ से नाराजगी जाहिर की गई है. 24 नवंबर तक बकाया एक लाख लोगों को स्वीकृति लोन दिलाने के सख्त निर्देश दिए गए हैं. निर्धारित तिथि तक लोन न दिलाने की स्थिति में नगर निकायों के अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी.

एक तरफ यूपी नंबर वन फिर भी अफसर कर रहे लापरवाही
एक तरफ जहां पीएम स्वनिधि योजना में आवेदकों को चयनित करने पर उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर पहुंच चुका है. वहीं ऋण वितरण में कई निकायों की लापरवाही से योजना का लाभ सही रूप में स्ट्रीट वेंडर्स को नहीं पहुंचा पा रहा है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के पिछड़ने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता.

स्थानीय निकाय निदेशक ने निकाय अधिकारियों को भेजा पत्र
शासन की तरफ से लापरवाह नगर निकायों के अधिकारियों की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए कार्रवाई का अल्टीमेटम दिया गया है. स्थानीय निकाय निदेशक डॉ. काजल की तरफ से उत्तर प्रदेश के सभी नगर आयुक्त और अधिशासी अधिकारियों को पत्र भेजकर दिशा-निर्देश दिए गए हैं. हिदायत दी गई है कि दो दिन में अभियान चलाकर स्वीकृत स्ट्रीट वेंडर्स को लोन वितरित करा दिया जाए, ऐसा न करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

प्रमुख सचिव ने भी जताई है नाराजगी
नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने सभी स्ट्रीट वेंडर्स को स्वीकृत ऋण तत्काल वितरित करने के निर्देश दिए हैं. उत्तर प्रदेश के सभी 707 नगर निकायों में अब तक 7 लाख 32 हजार स्ट्रीट वेंडर्स को पीएम स्वनिधि योजना के लिए चयनित किया गया है. इसमें अब तक 3 लाख 88 हजार स्ट्रीट वेंडर्स के लोन मंजूर किए गए हैं, लेकिन लोन सिर्फ 2 लाख 92 हजार स्ट्रीट वेंडर्स को ही लोन मिल पाया है. बाकी लोगों को लोन देने की चेतावनी दी गई है.

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