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महज एक दिन की रेडियोथैरेपी से कंट्रोल होगा प्रोस्टेट कैंसर, न्यूयार्क के डॉक्टर ने साझा की जानकारी

शुरुआती प्रोस्टेट कैंसर के मरीजों को अब एक से डेढ़ माह रेडियोथेरेपी नहीं करानी होगी. महज एक दिन की रेडियोथेरेपी से बीमारी काबू में आएगी. यह मुमकिन होगा स्टीरियोटैक्टिक बॉडी रेडिएशन थेरेपी (एसबीआरटी) से. यह जानकारी न्यूयार्क के डॉ. मधुर गर्ग (Dr. Madhur Garg of New York) ने शुक्रवार को केजीएमयू रेडियोथेरेपी विभाग के 36 वें स्थापना दिवस समारोह के दौरान दी.

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Published : Dec 16, 2022, 11:02 PM IST

लखनऊ : शुरुआती प्रोस्टेट कैंसर के मरीजों को अब एक से डेढ़ माह रेडियोथेरेपी नहीं करानी होगी. महज एक दिन की रेडियोथेरेपी से बीमारी काबू में आएगी. यह मुमकिन होगा स्टीरियोटैक्टिक बॉडी रेडिएशन थेरेपी (एसबीआरटी) से. यह जानकारी न्यूयार्क के डॉ. मधुर गर्ग (Dr. Madhur Garg of New York) ने शुक्रवार को केजीएमयू रेडियोथेरेपी विभाग के 36 वें स्थापना दिवस समारोह के दौरान दी. वे प्रोफेसर डॉ. जीएन अग्रवाल ओरेशन को ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे. शताब्दी फेज दो के प्रेक्षागृह में आोयजित समारोह में डॉ. मधुर गर्ग ने बताया कि प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में होता है. यह बीमारी बुजुर्गों को घेरती है.


केजीएमयू के पूर्व कुलपति व रेडियोथेरेपी विभाग के अध्यक्ष डॉ. एमएलबी भट्ट (Former Vice-Chancellor of KGMU and Head of Radiotherapy Department, Dr. MLB Bhatt) ने कहा कि अभी प्रोस्टेट कैंसर के सभी मरीजों को एक से डेढ़ माह रेडियोथेरेपी देने की जरूरत पड़ रही है. इससे मरीजों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. मरीज को लंबा समय अस्पताल में गुजारना पड़ रहा है. एसबीआरटी मशीन (SBRT machine) से मरीज को एक दिन में रेडियोथेरेपी दी जा सकेगी. इससे शुरुआती स्टेज के कैंसर को ठीक करने में काफी मदद मिलेगी. यह मशीन सीधे कैंसर कोशिकाओं पर हमला करती है. सिकाई से संक्रमित कोशिकाएं खत्म हो जाती हैं. डॉ. एमएलबी भट्ट ने कहा कि देश के किसी भी सरकारी संस्थान में यह मशीन नहीं है. मशीन की लागत करीब 30 से 40 करोड़ रुपये है. इलाज का खर्च भी लगभग समान होगा. उन्होंने बताया कि आधुनिक तकनीक से कैंसर का इलाज काफी आसान हो रहा है.

डॉ. एमएलबी भट्ट (Dr. MLB Bhatt) ने कहा कि पेशाब में खून, कमर में दर्द जैसे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. यह प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण हैं. समय पर इलाज से मरीज काफी हद तक बीमारी से निजात पा सकते हैं. लोहिया संस्थान में रेडियोथेरेपी विभाग के अध्यक्ष डॉ. मधूप रस्तोगी ने बताया कि भारत में तेजी से कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं. ऐसे में इलाज की आधुनिक तकनीक से कैंसर को हराया जा सकता है. कम समय में अधिक मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराया जा सकता है.

आयुष्मान से कैंसर मरीजों का इलाज आसान : केजीएमयू कुलपति डॉ. बिपिन पुरी (KGMU Vice Chancellor Dr. Bipin Puri) ने कहा कि रेडियोथेरेपी विभाग में हर साल पांच से छह हजार नए मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं. लगभग 25 हजार मरीज पुराने मरीज हैं. जल्द ही विभाग में नई मशीन स्थापित की जाएंगी. ताकि मरीजों को और बेहतर इलाज मुहैया कराया जा सके. मरीजों को इलाज के इंतजार से भी बचाया जा सके. रेडियोथेरेपी विभाग के डॉ. सुधीर सिंह (Dr. Sudhir Singh of Radiotherapy Department) ने कहा कि आयुष्मान, असाध्य समेत दूसरी योजनाओं से कैंसर मरीजों को इलाज हासिल करना आसान हो गया है. मरीज पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज हासिल कर सकते हैं. कैंसर संस्थान में रेडियोथेरेपी विभाग के अध्यक्ष डॉ. शरद सिंह डॉ. प्रमोद गुप्ता समेत अन्य डॉक्टर मौजूद रहे.

लखनऊ : शुरुआती प्रोस्टेट कैंसर के मरीजों को अब एक से डेढ़ माह रेडियोथेरेपी नहीं करानी होगी. महज एक दिन की रेडियोथेरेपी से बीमारी काबू में आएगी. यह मुमकिन होगा स्टीरियोटैक्टिक बॉडी रेडिएशन थेरेपी (एसबीआरटी) से. यह जानकारी न्यूयार्क के डॉ. मधुर गर्ग (Dr. Madhur Garg of New York) ने शुक्रवार को केजीएमयू रेडियोथेरेपी विभाग के 36 वें स्थापना दिवस समारोह के दौरान दी. वे प्रोफेसर डॉ. जीएन अग्रवाल ओरेशन को ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे. शताब्दी फेज दो के प्रेक्षागृह में आोयजित समारोह में डॉ. मधुर गर्ग ने बताया कि प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में होता है. यह बीमारी बुजुर्गों को घेरती है.


केजीएमयू के पूर्व कुलपति व रेडियोथेरेपी विभाग के अध्यक्ष डॉ. एमएलबी भट्ट (Former Vice-Chancellor of KGMU and Head of Radiotherapy Department, Dr. MLB Bhatt) ने कहा कि अभी प्रोस्टेट कैंसर के सभी मरीजों को एक से डेढ़ माह रेडियोथेरेपी देने की जरूरत पड़ रही है. इससे मरीजों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. मरीज को लंबा समय अस्पताल में गुजारना पड़ रहा है. एसबीआरटी मशीन (SBRT machine) से मरीज को एक दिन में रेडियोथेरेपी दी जा सकेगी. इससे शुरुआती स्टेज के कैंसर को ठीक करने में काफी मदद मिलेगी. यह मशीन सीधे कैंसर कोशिकाओं पर हमला करती है. सिकाई से संक्रमित कोशिकाएं खत्म हो जाती हैं. डॉ. एमएलबी भट्ट ने कहा कि देश के किसी भी सरकारी संस्थान में यह मशीन नहीं है. मशीन की लागत करीब 30 से 40 करोड़ रुपये है. इलाज का खर्च भी लगभग समान होगा. उन्होंने बताया कि आधुनिक तकनीक से कैंसर का इलाज काफी आसान हो रहा है.

डॉ. एमएलबी भट्ट (Dr. MLB Bhatt) ने कहा कि पेशाब में खून, कमर में दर्द जैसे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. यह प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण हैं. समय पर इलाज से मरीज काफी हद तक बीमारी से निजात पा सकते हैं. लोहिया संस्थान में रेडियोथेरेपी विभाग के अध्यक्ष डॉ. मधूप रस्तोगी ने बताया कि भारत में तेजी से कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं. ऐसे में इलाज की आधुनिक तकनीक से कैंसर को हराया जा सकता है. कम समय में अधिक मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराया जा सकता है.

आयुष्मान से कैंसर मरीजों का इलाज आसान : केजीएमयू कुलपति डॉ. बिपिन पुरी (KGMU Vice Chancellor Dr. Bipin Puri) ने कहा कि रेडियोथेरेपी विभाग में हर साल पांच से छह हजार नए मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं. लगभग 25 हजार मरीज पुराने मरीज हैं. जल्द ही विभाग में नई मशीन स्थापित की जाएंगी. ताकि मरीजों को और बेहतर इलाज मुहैया कराया जा सके. मरीजों को इलाज के इंतजार से भी बचाया जा सके. रेडियोथेरेपी विभाग के डॉ. सुधीर सिंह (Dr. Sudhir Singh of Radiotherapy Department) ने कहा कि आयुष्मान, असाध्य समेत दूसरी योजनाओं से कैंसर मरीजों को इलाज हासिल करना आसान हो गया है. मरीज पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज हासिल कर सकते हैं. कैंसर संस्थान में रेडियोथेरेपी विभाग के अध्यक्ष डॉ. शरद सिंह डॉ. प्रमोद गुप्ता समेत अन्य डॉक्टर मौजूद रहे.


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