लखनऊ: गोमती नगर फैजाबाद रोड पर पारिजात अपार्टमेंट में करीब 10 साल पहले आवंटियों ने अपने फ्लैट बुक कराए थे. 75 लाख रुपये से लेकर डेढ़ करोड़ रुपये की कीमत तक बेचे गए फ्लैट में आम जरूरी सुविधाओं का अभाव है. अपने आप आवंटी लाखों रुपया लगाकर अगर फ्लैट को सुधार ले तो ठीक वरना एलडीए ने जो कुछ दिया है वह खंडहर से कम नहीं है. यहां ठेकेदार अधिकारी मिलीभगत का एक जबरदस्त नमूना देखने को मिलता है. जिसमें लगभग 100 करोड़ रुपये खर्च करके बनाई गई इमारत केवल कमियों का नमूना बन कर रह गई है. सैकड़ों आवंटी परेशान हैं और लखनऊ विकास प्राधिकरण से उनको केवल आश्वासन ही मिल रहा है.
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एक अन्य आवंटी राजेश सिंह ने बताया कि मैं 62 वर्षीय हूं और जब बारिश में यहां के कार्य डोर में पानी भर जाता है, तो मैं सुबह 4:00 बजे उठकर उस पानी को निकालने की कोशिश करता हूं. इससे यहां की बदहाली का अंदाजा लगाया जा सकता है. आवंटी लव मल्होत्रा ने बताया कि हमारी परेशानियों की कोई सीमा नहीं है. बिल्डिंग का स्ट्रक्चर ही खराब है. दीवारें बराबर नहीं हैं. फर्श समतल नहीं है. फिटिंग अच्छी नहीं है. हर तरह से हम लोग परेशान हैं.
इन सभी परेशानियों को लेकर लखनऊ विकास प्राधिकरण और यहां की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के बीच कई बैठते हो चुकी हैं. जिसको लेकर वर्तमान उपाध्यक्ष अक्षय कुमार त्रिपाठी ने कई सकारात्मक फैसले किए हैं. जिससे आवंटित संतुष्ट हैं. मगर वे चाहते हैं कि उनकी सभी समस्याओं का समाधान हो.
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