लखनऊ: प्रदेश में इन दिनों कोरोना महामारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार लोगों की जांच कराई जा रही है. कोरोना वायरस की जांच सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं के साथ ही निजी लैब के द्वारा भी कराई जा रही है. अभी तक प्रदेश में निजी लैब द्वारा कोरोना वायरस की जांच के लिए 4,500 रुपये के शुल्क लिया जाता था. इसे लेकर सीएम के निर्देश पर इस शुल्क में घटोत्तरी की गई है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के निर्देश पर अब इस शुल्क को घटाकर 2,000 रुपये कर दिया गया है.
कोरोना जांच शुल्क में राहत
इस बारे में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि निजी लैब्स द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच के लिए 4,500 रुपये शुल्क लिया जा रहा था. इस शुल्क को नियंत्रित किया गया है. यदि अब कोई व्यक्ति लैब में जाकर सैंपल देता है तो उन्हें 2,000 रुपये शुल्क के तौर पर देने होंगे. इसके साथ ही यदि लैब से किसी व्यक्ति को भेजकर सैंपल लिया जाता है तो भी अधिकतम शुल्क 2,500 रुपये ही लिया जा सकेगा.
-
निजी लैबों द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच के लिए ₹4,500 शुल्क लिया जा रहा था। इस शुल्क को नियंत्रित किया गया है। यदि अब कोई व्यक्ति लैब में जाकर सैंपल देता है तो उन्हें ₹2,000 शुल्क के तौर पर देने होंगे: प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, श्री अमित मोहन प्रसाद जी
— Government of UP (@UPGovt) June 19, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">निजी लैबों द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच के लिए ₹4,500 शुल्क लिया जा रहा था। इस शुल्क को नियंत्रित किया गया है। यदि अब कोई व्यक्ति लैब में जाकर सैंपल देता है तो उन्हें ₹2,000 शुल्क के तौर पर देने होंगे: प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, श्री अमित मोहन प्रसाद जी
— Government of UP (@UPGovt) June 19, 2020निजी लैबों द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच के लिए ₹4,500 शुल्क लिया जा रहा था। इस शुल्क को नियंत्रित किया गया है। यदि अब कोई व्यक्ति लैब में जाकर सैंपल देता है तो उन्हें ₹2,000 शुल्क के तौर पर देने होंगे: प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, श्री अमित मोहन प्रसाद जी
— Government of UP (@UPGovt) June 19, 2020
मौत की दशा में तत्काल सौंपा जाएगा परिजनों को शव
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि पहले जब किसी व्यक्ति की अस्पताल में मृत्यु होती थी और अगर उसका सैम्पल कोरोना वायरस संक्रमण की जांच हेतु लिए गया होता था तो सैम्पल रिपोर्ट के आने तक शव को अस्पताल में रखा जाता था. ऐसे में परिजनों को इंतजार करना पड़ता था. सीएम योगी के निर्देश पर अब यह शासनादेश जारी किया गया है कि टेस्ट रिजल्ट का इंतजार नहीं किया जाएगा और मृतक का शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा. हालांकि मृतक के परिजनों द्वारा अंतिम संस्कार में वह पूरी सावधानी रखी जाएगी, जो सावधानी एक संक्रमित व्यक्ति के अंतिम संस्कार में रखी जाती है.
-
मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी के निर्देश पर अब यह शासनादेश जारी किया गया है कि टेस्ट रिजल्ट का इंतजार नहीं किया जाएगा और मृतक का शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा: प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, श्री अमित मोहन प्रसाद जी
— Government of UP (@UPGovt) June 19, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी के निर्देश पर अब यह शासनादेश जारी किया गया है कि टेस्ट रिजल्ट का इंतजार नहीं किया जाएगा और मृतक का शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा: प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, श्री अमित मोहन प्रसाद जी
— Government of UP (@UPGovt) June 19, 2020मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी के निर्देश पर अब यह शासनादेश जारी किया गया है कि टेस्ट रिजल्ट का इंतजार नहीं किया जाएगा और मृतक का शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा: प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, श्री अमित मोहन प्रसाद जी
— Government of UP (@UPGovt) June 19, 2020
संक्रमितों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी
बता दें कि उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. शुक्रवार को प्रदेश भर में कुल संक्रमितों की संख्या 16,594 हो गई है, जबकि एक्टिव केस की संख्या 6,092 है. वहीं 9,995 कोरोना वायरस से संक्रमित लोग ठीक होकर अपने घरों को भी जा चुके हैं. कोरोना संक्रमण से उत्तर प्रदेश में कुल 507 लोगों की अब तक मौत भी हो चुकी है.
ऐसे में जब कोरोना के आंकड़ों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है तो स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा कोरोना जांच के लिए दी गई इस राहत से लोगों को जरूर फायदा मिलेगा.