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बलात्कारियों का कोई मानवाधिकार नहीं, सरेआम फांसी पर लटकाया जाए: शिवराज सिंह चौहान

कोटा दौरे पर आए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि बलात्कारियों का कोई मानवाधिकार नहीं होता है. उनको सरेराह लटकाकर फांसी की सजा दी जाए. जैसी दरिंदगी ये लोग बेटियों के साथ करते हैं वैसे ही तड़पा-तड़पा कर इन्हें मौत दी जाए.

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कोटा पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान.
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Published : Dec 3, 2019, 8:41 AM IST

कोटा: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को कोटा पहुंचे. जहां उन्होंने एक विवाह समारोह में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने डीसीएम गेस्ट हाउस में मीडिया से बातचीत की. उन्होंने कहा कि बलात्कारियों का कोई मानवाधिकार नहीं होता है. उनको सरेराह लटका कर फांसी की सजा दी जाए. इन दरिंदों को जिस तरह से यह बेटियों के साथ करते हैं, वैसे ही तड़पा तड़पा कर मौत दी जाए.

मीडिया से बातचीत करते मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम.

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि दुष्कर्म की घटनाओं से पूरा देश उद्वेलित है. बेटी और बहनों के खिलाफ दुष्कर्म की घटनाओं ने पूरे देश को हिला दिया है और इस तरह की घटनाओं को करने वाले सचमुच में दरिंदे है. इनके मानवाधिकार नहीं होते हैं. अब समय आ गया है, ऐसे दरिंदों को सख्त सजा दी जाए. कड़ी से कड़ी सजा दी जाए और मौत की सजा से कम कुछ इनके लिए नहीं हो सकता है.

पढ़ें- भीलवाड़ाः शादी का झांसा देकर किया दुष्कर्म, 15 साल की नाबालिग बनी 'मां'

कोटा पहुंचने पर शिवराज सिंह चौहान का पूर्व विधायक हीरालाल नागर और किराड़ समाज के लोगों ने अनंतपुरा और डीसीएम गेस्ट हाउस में स्वागत किया. इस दौरान चौहान के साथ उनकी पत्नी और किराड़ समाज की नेता साधना सिंह मौजूद रही.

एमपी में 28 को फांसी हुई, लटका एक भी नहीं
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री रहते मासूमों के साथ दुष्कर्म करने वालों को फांसी की सजा देने का कानून बनाया था, निचली अदालतों ने ऐसे 28 दुष्कर्मियों को फांसी भी दी है, लेकिन हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और महामहिम राष्ट्रपति महोदय के पास अधिकार होता है, ये लोग दया याचिका लगा सकते हैं. इसलिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की प्रक्रिया लंबी होने से एक दरिंदे को फांसी के फंदे पर लटकाया नहीं जा सका है.

उन्होंने कहा कि जब इन दरिंदों को ये रास्ता मिल जाता है तो मौत की सजा का भी कोई अर्थ नहीं रहता है. यह बेखौफ हो जाते हैं. चौहान ने कहा कि मैं माननीय सर्वोच्च न्यायालय से मांग करता हूं कि जिन दरिंदों और बलात्कारियों को निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है, उनको तत्काल हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से पुष्टि करते हुए फांसी के फंदे पर लटकाया जाए.

बलात्कारियों में खौफ और डर पैदा करना होगा
हैदराबाद की घटना हुई है, ऐसी ही मध्यप्रदेश के पोरसा में भी बेटी से छेड़छाड़ का विरोध किया तो गोली मार दी गई. रोज ऐसी घटनाएं सुन रहे हैं. इस तरह की घटना को अंजाम देने वालों को सरेआम फांसी की सजा पर लटकाना चाहिए और भयानक मौत देनी चाहिए. शिवराज ने कहा कि हम कल्पना कर सकते हैं जब बेटियों के साथ इस तरह की वारदात करते हैं कितनी भयानक तकलीफ देते हैं यह लोग.

पढ़ें- हैदराबाद दुष्कर्म मामला : आरोपियों को सजा दिलवाने के लिए अनशन करेंगी स्वाति मालीवाल

बेटी को बलात्कार करके जिंदा जला दिया जाता है. उसके दर्द का अंदाज लगा सकते हैं कितना कष्ट होगा, इसलिए इन दरिंदों के मानव अधिकार नहीं है. इनको भी तड़पा-तड़पा कर मारा जाए. इसके बिना बलात्कारियों और इस तरह के लोगों में खौफ और डर पैदा नहीं होगा. प्रधानमंत्री को धन्यवाद देता हूं कि मासूम बेटियों के बलात्कारियों को फांसी की सजा का कानून संसद ने भी बनाया. अब सर्वोच्च न्यायालय जल्दी इसकी पुष्टि करें और यह दरिंदे फांसी पर लटके.

मध्यप्रदेश और राजस्थान में नजर नहीं आ रही सरकार
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि सरकार कहीं दिखाई नहीं दे रही है. मैं राजस्थान में भी जगह-जगह होकर आ रहा हूं, लोग कह रहे हैं मामा उधर पल्टो तो रास्ता खुले. लोग परेशान हैं. कर्ज माफी का वादा किया, न मध्य प्रदेश में पूरे कर्जा माफ हुए और न राजस्थान में हुआ.

साथ ही पूर्व सीएम चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में मामा किसानों के खातों में एक दर्जन बार पैसे डाल देता था. सोयाबीन, गेहूं, धान का बोनस डालते थे, लेकिन मध्य प्रदेश की सरकार ने अब तक कुछ भी नहीं दिया. यहां तक कि प्राकृतिक आपदा में अब तक राहत की राशि न ही मध्यप्रदेश में और न ही राजस्थान में बांटी है. किसानों को यूरिया नहीं मिल रहा है. यूरिया के लिए रात खड़ा रहने पर एक बोरी यूरिया मिलता है.

चौहान ने कहा पहले हम अग्रिम भंडारण करके रखते थे. आज कानून व्यवस्था बदहाल है. राजस्थान और मध्यप्रदेश में सारे विकास के कार्य बंद पड़े हुए हैं. भाजपा की सरकार जो कर कर गई थी, उसके बाद किसी तरह का कोई विकास दोनों राज्यों में नहीं हुआ है. कांग्रेस की सरकार वही पुराने नारे और वादे चला रही है.

कोटा: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को कोटा पहुंचे. जहां उन्होंने एक विवाह समारोह में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने डीसीएम गेस्ट हाउस में मीडिया से बातचीत की. उन्होंने कहा कि बलात्कारियों का कोई मानवाधिकार नहीं होता है. उनको सरेराह लटका कर फांसी की सजा दी जाए. इन दरिंदों को जिस तरह से यह बेटियों के साथ करते हैं, वैसे ही तड़पा तड़पा कर मौत दी जाए.

मीडिया से बातचीत करते मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम.

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि दुष्कर्म की घटनाओं से पूरा देश उद्वेलित है. बेटी और बहनों के खिलाफ दुष्कर्म की घटनाओं ने पूरे देश को हिला दिया है और इस तरह की घटनाओं को करने वाले सचमुच में दरिंदे है. इनके मानवाधिकार नहीं होते हैं. अब समय आ गया है, ऐसे दरिंदों को सख्त सजा दी जाए. कड़ी से कड़ी सजा दी जाए और मौत की सजा से कम कुछ इनके लिए नहीं हो सकता है.

पढ़ें- भीलवाड़ाः शादी का झांसा देकर किया दुष्कर्म, 15 साल की नाबालिग बनी 'मां'

कोटा पहुंचने पर शिवराज सिंह चौहान का पूर्व विधायक हीरालाल नागर और किराड़ समाज के लोगों ने अनंतपुरा और डीसीएम गेस्ट हाउस में स्वागत किया. इस दौरान चौहान के साथ उनकी पत्नी और किराड़ समाज की नेता साधना सिंह मौजूद रही.

एमपी में 28 को फांसी हुई, लटका एक भी नहीं
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री रहते मासूमों के साथ दुष्कर्म करने वालों को फांसी की सजा देने का कानून बनाया था, निचली अदालतों ने ऐसे 28 दुष्कर्मियों को फांसी भी दी है, लेकिन हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और महामहिम राष्ट्रपति महोदय के पास अधिकार होता है, ये लोग दया याचिका लगा सकते हैं. इसलिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की प्रक्रिया लंबी होने से एक दरिंदे को फांसी के फंदे पर लटकाया नहीं जा सका है.

उन्होंने कहा कि जब इन दरिंदों को ये रास्ता मिल जाता है तो मौत की सजा का भी कोई अर्थ नहीं रहता है. यह बेखौफ हो जाते हैं. चौहान ने कहा कि मैं माननीय सर्वोच्च न्यायालय से मांग करता हूं कि जिन दरिंदों और बलात्कारियों को निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है, उनको तत्काल हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से पुष्टि करते हुए फांसी के फंदे पर लटकाया जाए.

बलात्कारियों में खौफ और डर पैदा करना होगा
हैदराबाद की घटना हुई है, ऐसी ही मध्यप्रदेश के पोरसा में भी बेटी से छेड़छाड़ का विरोध किया तो गोली मार दी गई. रोज ऐसी घटनाएं सुन रहे हैं. इस तरह की घटना को अंजाम देने वालों को सरेआम फांसी की सजा पर लटकाना चाहिए और भयानक मौत देनी चाहिए. शिवराज ने कहा कि हम कल्पना कर सकते हैं जब बेटियों के साथ इस तरह की वारदात करते हैं कितनी भयानक तकलीफ देते हैं यह लोग.

पढ़ें- हैदराबाद दुष्कर्म मामला : आरोपियों को सजा दिलवाने के लिए अनशन करेंगी स्वाति मालीवाल

बेटी को बलात्कार करके जिंदा जला दिया जाता है. उसके दर्द का अंदाज लगा सकते हैं कितना कष्ट होगा, इसलिए इन दरिंदों के मानव अधिकार नहीं है. इनको भी तड़पा-तड़पा कर मारा जाए. इसके बिना बलात्कारियों और इस तरह के लोगों में खौफ और डर पैदा नहीं होगा. प्रधानमंत्री को धन्यवाद देता हूं कि मासूम बेटियों के बलात्कारियों को फांसी की सजा का कानून संसद ने भी बनाया. अब सर्वोच्च न्यायालय जल्दी इसकी पुष्टि करें और यह दरिंदे फांसी पर लटके.

मध्यप्रदेश और राजस्थान में नजर नहीं आ रही सरकार
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि सरकार कहीं दिखाई नहीं दे रही है. मैं राजस्थान में भी जगह-जगह होकर आ रहा हूं, लोग कह रहे हैं मामा उधर पल्टो तो रास्ता खुले. लोग परेशान हैं. कर्ज माफी का वादा किया, न मध्य प्रदेश में पूरे कर्जा माफ हुए और न राजस्थान में हुआ.

साथ ही पूर्व सीएम चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में मामा किसानों के खातों में एक दर्जन बार पैसे डाल देता था. सोयाबीन, गेहूं, धान का बोनस डालते थे, लेकिन मध्य प्रदेश की सरकार ने अब तक कुछ भी नहीं दिया. यहां तक कि प्राकृतिक आपदा में अब तक राहत की राशि न ही मध्यप्रदेश में और न ही राजस्थान में बांटी है. किसानों को यूरिया नहीं मिल रहा है. यूरिया के लिए रात खड़ा रहने पर एक बोरी यूरिया मिलता है.

चौहान ने कहा पहले हम अग्रिम भंडारण करके रखते थे. आज कानून व्यवस्था बदहाल है. राजस्थान और मध्यप्रदेश में सारे विकास के कार्य बंद पड़े हुए हैं. भाजपा की सरकार जो कर कर गई थी, उसके बाद किसी तरह का कोई विकास दोनों राज्यों में नहीं हुआ है. कांग्रेस की सरकार वही पुराने नारे और वादे चला रही है.

Intro:मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह कोटा दौरे पर आए. यहां पर उन्होंने बलात्कारियों पर बोलते हुए कहा कि बलात्कारियों का कोई मानव अधिकार नहीं होता है. उनको सरेराह लटका कर फांसी की सजा दी जाए. इन लोगों को दरिंदों को जिस तरह से यह बेटियों के साथ करते हैं, वैसे ही तड़पा तड़पा कर मौत दी जाए.


Body:कोटा.
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज कोटा आए. यहां पर उन्होंने निजी विवाह समारोह में भाग लिया इस दौरान उन्होंने डीसीएम गेस्ट हाउस में मीडिया से बातचीत की. इसमें उन्होंने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि बलात्कारियों का कोई मानव अधिकार नहीं होता है. उनको सरेराह लटका कर फांसी की सजा दी जाए. इन लोगों को दरिंदों को जिस तरह से यह बेटियों के साथ करते हैं, वैसे ही तड़पा तड़पा कर मौत दी जाए.
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि रेप की घटनाओं से पूरा देश उद्वेलित है. बेटी और बहनों के खिलाफ रेप की घटनाओं ने पूरे देश को हिला दिया है और इस तरह की घटनाओं को करने वाले सचमुच में दरिंदे है. इनके मानव अधिकार नहीं होते हैं. अब समय आ गया है, ऐसे दरिंदों को सख्त सजा दी जाए. कड़ी से कड़ी सजा दी जाए और मौत की सजा से कम कुछ इनके लिए नहीं हो सकता है. कोटा पहुंचने पर शिवराज सिंह चौहान का पूर्व विधायक हीरालाल नागर व किराड़ समाज के लोगों ने अनंतपुरा व डीसीएम गेस्ट हाउस में स्वागत किया. चौहान के साथ उनकी पत्नी और किराड़ समाज समाज की नेता साधना सिंह मौजूद थे.

एमपी में 28 को फांसी हुई, लटका एक भी नहीं
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री रहते मासूमों के रेप करने वालों को फांसी की सजा देने का कानून बनाया था, निचली अदालतों ने ऐसे 28 दुष्कर्मियों को फांसी भी दी है, लेकिन हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट और महामहिम राष्ट्रपति महोदय के पास अधिकार होता है, ये लोग दया याचिका लगा सकते हैं. इसलिए हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट की प्रक्रिया लंबी होने से 1 दरिंदे को फांसी के फंदे पर लटकाया नहीं जा सका है. जब इन दरिंदों को ये रास्ता मिल जाता है, मौत की सजा का भी कोई अर्थ नहीं रहता है. यह बेखौफ हो जाते हैं. मैं माननीय सर्वोच्च न्यायालय से मांग करता हूं कि जिन दरिंदों को बलात्कारियों को निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है, उनको तत्काल हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट से पुष्टि करते हुए फांसी के फंदे पर लटकाया जाए.

बलात्कारियों में खौफ व डर पैदा करना होगा
हैदराबाद की घटना हुई है, ऐसी ही मध्यप्रदेश के पोरसा में भी बेटी को छेड़छाड़ का विरोध किया तो गोली मार दी गई. रोज ऐसी घटनाएं सुन रहे है. इस तरह की घटना को अंजाम देने वालो को सरेआम फांसी की सजा पर लटकाना चाहिए और भयानक मौत देनी चाहिए. हम कल्पना कर सकते हैं जब बेटियों के साथ इस तरह की वारदात करते हैं कितनी भयानक तकलीफ यह लोग देते हैं. बेटी को बलात्कार करके जिंदा जला दिया जाता है. उसके दर्द का अंदाज लगा सकते कितना कष्ट होगा, इसलिए इन दरिंदों के मानव अधिकार नहीं है. इनको भी तड़पा तड़पा कर मारा जाए. इसके बिना बलात्कारियों व इस तरह के लोगों में खौफ व डर पैदा नहीं होगा. प्रधानमंत्री को धन्यवाद देता हूं कि मासूम बेटियों के बलात्कारियों को फांसी की सजा का कानून संसद ने भी बनाया. अब सर्वोच्च न्यायालय जल्दी इसकी पुष्टि करें और यह दरिंदे फांसी पर लटके.


Conclusion:मध्यप्रदेश और राजस्थान में सरकार नजर नहीं आ रही
सरकार कहीं दिखाई नहीं दे रही है. मैं राजस्थान में भी जगह-जगह होकर आ रहा हूं, लोग कह रहे हैं मामा उधर पल्टो तो रास्ता खुले. लोग परेशान हैं कर्ज माफी का वादा किया, ना मध्य प्रदेश में पूरे कर्जा माफ हुए और ना राजस्थान में हुए.
मध्यप्रदेश में मामा किसानों के खातों में एक दर्जन बार पैसे डाल देता. सोयाबीन, गेहूं, धान का बोनस डालते. मध्य प्रदेश के सरकार ने अब तक कुछ भी नहीं दिया यहां तक कि प्राकृतिक आपदा में अब तक राहत की राशि ना मध्यप्रदेश और ना राजस्थान में बांटी है. किसानों को यूरिया नहीं मिल रहा है. यूरिया के लिए रात भर संगीनों के साए में खड़ा रहने पर एक बोरी यूरिया मिलता है. पहले हम अग्रिम भंडारण करके रखते थे. आज कानून व्यवस्था बदहाल है. राजस्थान और मध्यप्रदेश में सारे विकास के कार्य बंद पड़े हुए हैं. भाजपा की सरकार जो कर कर गई थी, उसके बाद किसी तरह का कोई विकास दोनों राज्यों में नहीं हुआ है. कांग्रेस की सरकार वही पुराने नारे और वादे चल रहे हैं.


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