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आईआईएम लखनऊ में आयोजित हुआ पुरातन छात्र सम्मेलन, पुराने दिन याद कर भावुक हुए छात्र - लखनऊ में पुरातन छात्र सम्मेलन

भारतीय प्रबंधन संस्थान लखनऊ (आईआईएम) में पुरातन छात्र सम्मेलन (Old Students sammelan) का आयोजन किया गया. इस अवसर पर 25 साल पहले संस्थान से पढ़कर निकले छात्रों ने एक बार फिर से संस्थान में वापस आकर अपने दिनों को याद किया.

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पुरातन छात्र सम्मेलन
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Published : Dec 25, 2022, 10:44 AM IST

लखनऊ: भारतीय प्रबंधन संस्थान लखनऊ ( IIM) में शनिवार को सभी छात्र अपने पुराने समय को याद करके भावुक हो गए. आईआईएम लखनऊ के पुरातन छात्र सम्मेलन (Old Students sammelan) में 25 साल पहले संस्थान से पढ़कर निकले छात्र एक बार फिर से संस्थान में वापस आकर इससे अपने पुराने दिनों को याद कर संस्थान से अपने जुड़ाव को महसूस किया. इस अवसर पर पुराने छात्रों ने अपने दीक्षांत समारोह के समय को याद करते हुए उसी के हिसाब से तैयार होकर पहुंचे थे. एक बार फिर से उन्होंने संस्थान में अपने अंतिम दिनों को जिया, जब वह संस्थान से अपनी डिग्री पूरी कर वहां से निकले थे. इस समारोह में आईआईएम-एल के पूर्व छात्र समिति ने 1992, 1997, 2002, 2007 और 2012 के पूर्व छात्र शामिल हुए. पूर्व छात्रों ने अपने-अपने कक्षाओं, कैंटीन परिसर में बिताए समय को याद किया.

संस्थान के पूर्व छात्र समीर सिंह ने बताया कि वह 1997 बैच के छात्र रहे हैं. उन्होंने बताया कि हमारा बैच 25 साल पूरा कर चुका है, तब से संस्थान में वापस आने का मौका नहीं मिला था. आज 25 साल बाद वापस आया हूं, तब से लेकर अब तक संस्थान में काफी कुछ बदल गया है, लेकिन अगर कुछ नहीं बदला है तो वह हमारे प्रोफेसर हैं. वह अभी भी वैसे हैं. यह मेरे लिए गर्व की बात है संस्थान से जाने के बाद आज जब मैं दोबारा वापस आया, तो प्रोफेसर राजीव श्रीवास्तव से मिलने का मौका मिला. वहीं, सुधांशु ने बताया कि वह 1992 बैच के पास आउट हैं. हमारे टाइम में प्रोफेसर हमारी हर चीज में पर्सनली इनवॉल्व होते थे. उस समय हमने पढ़ाई के साथ-साथ काफी मौज मस्ती भी की है. उम्मीद करता हूं कि आज भी वैसा ही माहौल संस्थान में है.

समीर ने बताया कि 'आज छात्रों के पास कम्युनिकेशंस व मनोरंजन के बहुत से साधन मौजूद हैं. पर मुझे याद है कि जब मैं इस संस्थान में एडमिशन लिया था. तब उस समय वीकेंड्स में मूवी देखने के लिए हम किराए पर वीसीआर लाते थे. हॉल में बैठकर सभी छात्र पिक्चर देखते थे. इसके अलावा उस समय संस्थान में एक टेलीफोन बूथ हुआ करता था, जहां जाकर हम लोग अपने घर वालों को दोस्तों से फोन पर बात करते थे. इसके अलावा संस्थान में 1 डाकघर हुआ करता था, जहां पर डाकिया आकर हमारे लेटर पहुंचाता था.

उन्होंने बताया कि आज सभी छात्रों के पास लैपटॉप है, लेकिन हमारे समय में एक कंप्यूटर सेंटर हुआ करता था, जहां पर सभी छात्रों को बारी-बारी जाकर काम करना होता था. वहीं, 2002 बैच की पूर्व छात्र पल्लवी जैन ने बताया कि इस दिन के लिए मैं खासतौर पर अमेरिका से आई हूं. यह मेरी लाइफ के सबसे बेहतरीन पलों में से एक है. संस्थान में जहां मुझे प्रोफेशनली तौर पर आगे बढ़ने में मदद की, बल्कि यहां मुझे पर्सनली भी बहुत कुछ मिला है. यहां पर मैं पहली बार अपने हस्बैंड से मिली थी. आईआईएम-लखनऊ की एलुमनाई फेयर्स चेयरमैन प्रोफेसर मधुमिता चक्रवर्ती ने बताया कि इस कार्यक्रम में करीब 300 पुराने छात्र अपने परिवारों के साथ शामिल हुए हैं, जो देश के विभिन्न राज्य के अलावा विदेशों से खास तौर पर इस समारोह में शामिल होने के लिए आए हैं.

पढ़ेंः लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रों पर हुए हमले के बाद प्रॉक्टर की कार्रवाई को लेकर भड़के छात्र, दी यह चेतावनी

लखनऊ: भारतीय प्रबंधन संस्थान लखनऊ ( IIM) में शनिवार को सभी छात्र अपने पुराने समय को याद करके भावुक हो गए. आईआईएम लखनऊ के पुरातन छात्र सम्मेलन (Old Students sammelan) में 25 साल पहले संस्थान से पढ़कर निकले छात्र एक बार फिर से संस्थान में वापस आकर इससे अपने पुराने दिनों को याद कर संस्थान से अपने जुड़ाव को महसूस किया. इस अवसर पर पुराने छात्रों ने अपने दीक्षांत समारोह के समय को याद करते हुए उसी के हिसाब से तैयार होकर पहुंचे थे. एक बार फिर से उन्होंने संस्थान में अपने अंतिम दिनों को जिया, जब वह संस्थान से अपनी डिग्री पूरी कर वहां से निकले थे. इस समारोह में आईआईएम-एल के पूर्व छात्र समिति ने 1992, 1997, 2002, 2007 और 2012 के पूर्व छात्र शामिल हुए. पूर्व छात्रों ने अपने-अपने कक्षाओं, कैंटीन परिसर में बिताए समय को याद किया.

संस्थान के पूर्व छात्र समीर सिंह ने बताया कि वह 1997 बैच के छात्र रहे हैं. उन्होंने बताया कि हमारा बैच 25 साल पूरा कर चुका है, तब से संस्थान में वापस आने का मौका नहीं मिला था. आज 25 साल बाद वापस आया हूं, तब से लेकर अब तक संस्थान में काफी कुछ बदल गया है, लेकिन अगर कुछ नहीं बदला है तो वह हमारे प्रोफेसर हैं. वह अभी भी वैसे हैं. यह मेरे लिए गर्व की बात है संस्थान से जाने के बाद आज जब मैं दोबारा वापस आया, तो प्रोफेसर राजीव श्रीवास्तव से मिलने का मौका मिला. वहीं, सुधांशु ने बताया कि वह 1992 बैच के पास आउट हैं. हमारे टाइम में प्रोफेसर हमारी हर चीज में पर्सनली इनवॉल्व होते थे. उस समय हमने पढ़ाई के साथ-साथ काफी मौज मस्ती भी की है. उम्मीद करता हूं कि आज भी वैसा ही माहौल संस्थान में है.

समीर ने बताया कि 'आज छात्रों के पास कम्युनिकेशंस व मनोरंजन के बहुत से साधन मौजूद हैं. पर मुझे याद है कि जब मैं इस संस्थान में एडमिशन लिया था. तब उस समय वीकेंड्स में मूवी देखने के लिए हम किराए पर वीसीआर लाते थे. हॉल में बैठकर सभी छात्र पिक्चर देखते थे. इसके अलावा उस समय संस्थान में एक टेलीफोन बूथ हुआ करता था, जहां जाकर हम लोग अपने घर वालों को दोस्तों से फोन पर बात करते थे. इसके अलावा संस्थान में 1 डाकघर हुआ करता था, जहां पर डाकिया आकर हमारे लेटर पहुंचाता था.

उन्होंने बताया कि आज सभी छात्रों के पास लैपटॉप है, लेकिन हमारे समय में एक कंप्यूटर सेंटर हुआ करता था, जहां पर सभी छात्रों को बारी-बारी जाकर काम करना होता था. वहीं, 2002 बैच की पूर्व छात्र पल्लवी जैन ने बताया कि इस दिन के लिए मैं खासतौर पर अमेरिका से आई हूं. यह मेरी लाइफ के सबसे बेहतरीन पलों में से एक है. संस्थान में जहां मुझे प्रोफेशनली तौर पर आगे बढ़ने में मदद की, बल्कि यहां मुझे पर्सनली भी बहुत कुछ मिला है. यहां पर मैं पहली बार अपने हस्बैंड से मिली थी. आईआईएम-लखनऊ की एलुमनाई फेयर्स चेयरमैन प्रोफेसर मधुमिता चक्रवर्ती ने बताया कि इस कार्यक्रम में करीब 300 पुराने छात्र अपने परिवारों के साथ शामिल हुए हैं, जो देश के विभिन्न राज्य के अलावा विदेशों से खास तौर पर इस समारोह में शामिल होने के लिए आए हैं.

पढ़ेंः लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रों पर हुए हमले के बाद प्रॉक्टर की कार्रवाई को लेकर भड़के छात्र, दी यह चेतावनी

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