लखनऊः राजधानी में कलेक्ट्रेट स्थित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में सोमवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई. बैठक जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश की अध्यक्षता में की गई. इस दौरान अभिहित अधिकारी डॉ. एसपी सिंह ने जिलाधिकारी को बताया कि वित्तीय वर्ष में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम ने 973 स्थानों पर छापेमारी की. छापेमारी में 876 विधिक और 257 सर्विलांस नमूने संग्रहित किए गए. उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में खाद्य पदार्थों के जांच की 685 रिपोर्ट आई हैं. जिसमें से 358 रिपोर्ट मानक के विपरीत पाई गई हैं.
विभाग ने सील किया 20 लाख रुपए का खाद्य तेल
अभिहित अधिकारी ने बताया कि वित्तीय वर्ष में दूध के 95 रिपोर्टों के सापेक्ष 40 नमूने मानक के विपरीत पाए गए हैं. इसी प्रकार मिल्क प्रोडक्ट के 100 नमूनों के सापेक्ष 44 नमूने मानक के विपरीत, तेल, रिफाइंड व वनस्पति के 56 रिपोर्टों के सापेक्ष 33 रिपोर्ट मानक के विपरीत पाई गई हैं. इसी प्रकार मसाले के 33 के सापेक्ष 15, बेकरी प्रोडक्ट के 23 के सापेक्ष 16 रिपोर्ट मानक के अनुरूप नहीं पाई गई. छापेमारी के दौरान लगभग 20 लाख रुपए का खाद्य तेल विभाग द्वारा सीज किया गया. वहीं न्याय निर्णयन अधिकारी न्यायालय में 400 वाद व एसीजेएम न्यायालय में 47 वाद दायर किए गए. साथ ही 157 प्रकरणों में लगभग 45 लाख रुपए का अर्थदंड भी आरोपित किया गया.
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148 लाइसेंस निलंबित और 161 लाइसेंस निरस्त किए गए
बैठक में उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के औषधि अनुभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2020 21 के दौरान 32 रक्त कोषों के, 41 निर्माण इकाइयों के 697 विक्रय प्रतिष्ठानों का निरीक्षण कर 116 नमूने संग्रहित किए गए. औषधि अनुभाग द्वारा 148 लाइसेंस निलंबित व 161 लाइसेंस निरस्त किए गए. साथ ही लगभग ₹6 लाख की औषधियों को सीज किया गया.
'खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता के साथ समझौता किसी भी दशा में नहीं'
इस दौरान जिलाधिकारी ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के अधिकारियों को निर्देशित किया कि होली पर्व को देखते हुए संबंधित मजिस्ट्रेट व पुलिस अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर प्रभावी प्रवर्तन कार्रवाई कराना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता के साथ समझौता किसी भी दशा में नहीं किया जाएगा. मिलावटखोरों के विरुद्ध वाद दायर कर उनके लाइसेंस पंजीकरण को निरस्त किया जाए. उन्होंने कहा कि ईट राइट चैलेंज से संबंधित कार्यक्रमों जैसे BHOG, Hygiene Rating & Right Palace to eat को प्रभावी ढंग से जनपद में लागू किया जाए.