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ट्रैफिक पंचायत में स्कूली वाहन चालकों को अधिकारियों ने किया जागरूक - लखनऊ खबर

यूपी परिवहन विभाग और यातायात विभाग की तरफ से रविवार को लखनऊ के 1090 चौराहा पर ट्रैफिक पंचायत का आयोजन किया गया. इस ट्रैफिक पंचायत में राजधानी के कई स्कूलों के वाहन चालकों को प्रशिक्षित और जागरूक किया गया. ट्रैफिक पंचायत कार्यक्रम में उपस्थित डीसीपी ट्रैफिक ख्याति गर्ग ने वाहन चालकों को संबोधित करते हुए कहा कि स्कूली वाहन चालकों को अपने वाहन सावधानी से चलाने चाहिए.

ट्रैफिक पंचायत में स्कूली वाहन चालकों को अधिकारियों ने किया जागरूक
ट्रैफिक पंचायत में स्कूली वाहन चालकों को अधिकारियों ने किया जागरूक
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Published : Mar 8, 2021, 8:26 AM IST

लखनऊ: परिवहन विभाग और यातायात विभाग की तरफ से रविवार को लखनऊ के 1090 चौराहा पर ट्रैफिक पंचायत का आयोजन किया गया. इस पंचायत में राजधानी के कई स्कूलों के वाहन चालकों को प्रशिक्षित और जागरूक किया गया. उन्हें बताया गया कि किस प्रकार यातायात नियमों का पालन करना है और सड़क सुरक्षा के नियमों का उल्लंघन नहीं करना है. ट्रैफिक पंचायत में परिवहन विभाग के साथ ही यातायात विभाग के भी अधिकारी मौजूद रहे. इस मौके पर तमाम वाहन चालकों ने अपनी समस्याएं भी अधिकारियों के सामने रखीं. अधिकारियों ने सभी समस्याओं का निराकरण कराने की भी बात कही है.

ट्रैफिक पंचायत में स्कूली वाहन चालकों को अधिकारियों ने किया जागरूक

स्कूली वाहनों पर तैनात हो महिला अटेंडेंट
ट्रैफिक पंचायत कार्यक्रम में उपस्थित डीसीपी ट्रैफिक ख्याति गर्ग ने वाहन चालकों को संबोधित करते हुए कहा कि स्कूली वाहन चालकों को अपने वाहन सावधानी से चलाने चाहिए, क्योंकि इसमें स्कूली बच्चे सवार होते हैं. उन्होंने स्कूली वाहन स्वामियों और चालकों से यह सवाल भी किया कि कितने वाहन चालक ऐसे हैं, जिनकी बस में एक महिला सहायक भी तैनात रहती है जो बच्चों की देखभाल के लिए जरूरी है. कई स्कूलों के वाहन चालकों ने इसकी हामी भरी, जिस पर डीसीपी ट्रैफिक ने उन्हें शाबाशी दी, लेकिन जिन स्कूली वाहनों में महिला सहायक के रूप में किसी महिला को तैनात नहीं किया गया. उन स्कूल वाहनों में महिला सहायकों की तैनाती की बात उन्होंने कही. इस दौरान डीसीपी ख्याति गर्ग ने गुड़गांव और लखनऊ की दो घटनाओं का भी जिक्र किया, जिसमें चालक की लापरवाही के साथ ही बस पर सहायक के रूप में महिला के न होने के चलते बच्चों के साथ दुर्घटनाएं हुईं. उन्होंने कहा कि जब तक स्कूल बस से उतारकर बच्चे को सुरक्षित हैंडओवर न कर दिया जाए, तब तक कोई कोताही नहीं की जानी चाहिए. सड़क पर ही बच्चे को स्कूली वाहन से नहीं उतार देना चाहिए, यह हादसे की वजह बन सकती है.

इसे भी पढ़ें-महिला सशक्तिकरण दिवस पर राजधानी की महिलाओं को मिलेगा उपहार

समय-समय पर चेक करें फायर एक्सटिंग्विशर
डीसीपी ट्रैफिक ख्याति गर्ग ने इस दौरान चालकों से सवाल किया कि क्या आपके स्कूली वाहन में फायर एक्सटिंग्विशर लगा है और अगर लगा है तो कितने लोगों ने इसकी एक्सपायरी डेट चेक की है? इसमें से ज्यादातर लोग जवाब नहीं दे पाए. जिसके बाद उन्होंने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि स्कूल वाहन के अंदर लगा फायर एक्सटिंग्विशर हमेशा चेक किया जाए. अगर भरा नहीं है तो उसे रीफिल कराया जाए. इसे सिर्फ एक डिब्बा न समझा जाए. इसके अलावा वाहन के ब्रेक, इंडिकेटर और हेडलाइट सभी दुरुस्त रखने चाहिए. उन्होंने कहा कि स्कूली वाहन पर मौजूद अटेंडेंटकी जिम्मेदारी होती है कि जब तक वह बच्चे को उनके माता-पिता के सुपुर्द न कर दे तब तक कोई लापरवाही न हो. उन्होंने लखनऊ के एक स्कूल की घटना का जिक्र किया, जिसमें इसी तरह से एक स्कूल टीचर ने एक अनजान आदमी को बच्चा सुपुर्द कर दिया था. हालांकि 24 घंटे में उसे रिकवर कर लिया गया, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि ऐसी गलती न होने पाए. बच्चे को जब संरक्षक के हाथ सौंपा जाए तभी जिम्मेदारी पूरी होती है. उन्होंने कहा कि किसी तरह की दिक्कत होने पर तत्काल 112 नंबर डायल करें या फिर ट्रैफिक पुलिस को सूचना दे सकते हैं. हम आपकी मदद के लिए पहुंचेंगे.

स्कूली वाहन चालकों को बरतनी चाहिए ज्यादा सावधानी
इस मौके पर एआरटीओ प्रशासन अखिलेश द्विवेदी ने भी पंचायत ट्रैफिक में उपस्थित वाहन स्वामियों और वाहन चालकों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि ट्रैफिक के नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है, क्योंकि जरा सी लापरवाही बड़ी दुर्घटना को अंजाम देती है. उन्होंने कहा कि स्कूली वाहन अन्य वाहनों से अलग होता है. उस पर बच्चे सवार होते हैं इसलिए सावधानी कहीं ज्यादा जरूरी होती है. इस दौरान एआरटीओ प्रवर्तन सिद्धार्थ यादव, एआरटीओ प्रवर्तन अमित राजन राय के अलावा परिवहन विभाग और ट्रैफिक डिपार्टमेंट के अधिकारी मौजूद रहे.

लखनऊ: परिवहन विभाग और यातायात विभाग की तरफ से रविवार को लखनऊ के 1090 चौराहा पर ट्रैफिक पंचायत का आयोजन किया गया. इस पंचायत में राजधानी के कई स्कूलों के वाहन चालकों को प्रशिक्षित और जागरूक किया गया. उन्हें बताया गया कि किस प्रकार यातायात नियमों का पालन करना है और सड़क सुरक्षा के नियमों का उल्लंघन नहीं करना है. ट्रैफिक पंचायत में परिवहन विभाग के साथ ही यातायात विभाग के भी अधिकारी मौजूद रहे. इस मौके पर तमाम वाहन चालकों ने अपनी समस्याएं भी अधिकारियों के सामने रखीं. अधिकारियों ने सभी समस्याओं का निराकरण कराने की भी बात कही है.

ट्रैफिक पंचायत में स्कूली वाहन चालकों को अधिकारियों ने किया जागरूक

स्कूली वाहनों पर तैनात हो महिला अटेंडेंट
ट्रैफिक पंचायत कार्यक्रम में उपस्थित डीसीपी ट्रैफिक ख्याति गर्ग ने वाहन चालकों को संबोधित करते हुए कहा कि स्कूली वाहन चालकों को अपने वाहन सावधानी से चलाने चाहिए, क्योंकि इसमें स्कूली बच्चे सवार होते हैं. उन्होंने स्कूली वाहन स्वामियों और चालकों से यह सवाल भी किया कि कितने वाहन चालक ऐसे हैं, जिनकी बस में एक महिला सहायक भी तैनात रहती है जो बच्चों की देखभाल के लिए जरूरी है. कई स्कूलों के वाहन चालकों ने इसकी हामी भरी, जिस पर डीसीपी ट्रैफिक ने उन्हें शाबाशी दी, लेकिन जिन स्कूली वाहनों में महिला सहायक के रूप में किसी महिला को तैनात नहीं किया गया. उन स्कूल वाहनों में महिला सहायकों की तैनाती की बात उन्होंने कही. इस दौरान डीसीपी ख्याति गर्ग ने गुड़गांव और लखनऊ की दो घटनाओं का भी जिक्र किया, जिसमें चालक की लापरवाही के साथ ही बस पर सहायक के रूप में महिला के न होने के चलते बच्चों के साथ दुर्घटनाएं हुईं. उन्होंने कहा कि जब तक स्कूल बस से उतारकर बच्चे को सुरक्षित हैंडओवर न कर दिया जाए, तब तक कोई कोताही नहीं की जानी चाहिए. सड़क पर ही बच्चे को स्कूली वाहन से नहीं उतार देना चाहिए, यह हादसे की वजह बन सकती है.

इसे भी पढ़ें-महिला सशक्तिकरण दिवस पर राजधानी की महिलाओं को मिलेगा उपहार

समय-समय पर चेक करें फायर एक्सटिंग्विशर
डीसीपी ट्रैफिक ख्याति गर्ग ने इस दौरान चालकों से सवाल किया कि क्या आपके स्कूली वाहन में फायर एक्सटिंग्विशर लगा है और अगर लगा है तो कितने लोगों ने इसकी एक्सपायरी डेट चेक की है? इसमें से ज्यादातर लोग जवाब नहीं दे पाए. जिसके बाद उन्होंने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि स्कूल वाहन के अंदर लगा फायर एक्सटिंग्विशर हमेशा चेक किया जाए. अगर भरा नहीं है तो उसे रीफिल कराया जाए. इसे सिर्फ एक डिब्बा न समझा जाए. इसके अलावा वाहन के ब्रेक, इंडिकेटर और हेडलाइट सभी दुरुस्त रखने चाहिए. उन्होंने कहा कि स्कूली वाहन पर मौजूद अटेंडेंटकी जिम्मेदारी होती है कि जब तक वह बच्चे को उनके माता-पिता के सुपुर्द न कर दे तब तक कोई लापरवाही न हो. उन्होंने लखनऊ के एक स्कूल की घटना का जिक्र किया, जिसमें इसी तरह से एक स्कूल टीचर ने एक अनजान आदमी को बच्चा सुपुर्द कर दिया था. हालांकि 24 घंटे में उसे रिकवर कर लिया गया, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि ऐसी गलती न होने पाए. बच्चे को जब संरक्षक के हाथ सौंपा जाए तभी जिम्मेदारी पूरी होती है. उन्होंने कहा कि किसी तरह की दिक्कत होने पर तत्काल 112 नंबर डायल करें या फिर ट्रैफिक पुलिस को सूचना दे सकते हैं. हम आपकी मदद के लिए पहुंचेंगे.

स्कूली वाहन चालकों को बरतनी चाहिए ज्यादा सावधानी
इस मौके पर एआरटीओ प्रशासन अखिलेश द्विवेदी ने भी पंचायत ट्रैफिक में उपस्थित वाहन स्वामियों और वाहन चालकों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि ट्रैफिक के नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है, क्योंकि जरा सी लापरवाही बड़ी दुर्घटना को अंजाम देती है. उन्होंने कहा कि स्कूली वाहन अन्य वाहनों से अलग होता है. उस पर बच्चे सवार होते हैं इसलिए सावधानी कहीं ज्यादा जरूरी होती है. इस दौरान एआरटीओ प्रवर्तन सिद्धार्थ यादव, एआरटीओ प्रवर्तन अमित राजन राय के अलावा परिवहन विभाग और ट्रैफिक डिपार्टमेंट के अधिकारी मौजूद रहे.

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