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'गंगा एक्सप्रेस-वे' के निर्माण को लेकर अधिकारियों को मिला प्रशिक्षण

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Published : Dec 9, 2020, 7:33 PM IST

गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण को लेकर बुधवार को उन्नाव व रायबरेली जिले के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया. बता दें कि गंगा एक्सप्रेस-वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है. इसके निर्माण को लेकर सरकार गंभीर है. यह प्रशिक्षण यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने दिया.

कॉन्सेप्ट इमेज.
कॉन्सेप्ट इमेज.

लखनऊ: अपर मुख्य सचिव गृह एवं यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के निर्माण को लेकर अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया. परियोजना का निर्माण शुरू करने के लिए सभी प्रकार की तैयारियों के बारे में प्रशिक्षण कार्यक्रम में विस्तृत विचार-विमर्श करते हूए काम को शुरू करने का निर्देश दिया गया.

जमीन अधिग्रहण से पहले भू-अभिलेख की हो जांच
प्रशिक्षण के दौरान बुधवार को उन्नाव व रायबरेली के अधिकारियों द्वारा इस प्रशिक्षण में प्रतिभाग किया गया. प्रशिक्षण कार्यक्रम में निर्देश देते हुए सीईओ अवनीश अवस्थी ने कहा कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने से पहले सभी भू-अभिलेखों का परीक्षण संबंधित अधिकारियों द्वारा गहनता से करा लिया जाए, जिससे भूमि अधिग्रहण कार्य को तय समय सीमा के अन्तर्गत सुचारू रूप से पूरा किया जा सके. उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए यह भी कहा कि परियोजना से संबंधित भूमि के खरीद के लिए धनराशि संबंधित जिलाधिकारियों को जल्दी उपलब्ध करा दी जाएगी.

सीएम योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट है गंगा एक्सप्रेस-वे
यूपीडा के सीईओ अवनीश अवस्थी ने कहा कि गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है. यह परियोजना जनपद मेरठ से प्रारंभ होकर बुलंदशहर, हापुड़, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ से होते हुए प्रयागराज तक 594 किमी लंबाई की होगी. गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना 12 जिलों की 30 तहसीलों से होकर निकल रही है. इस परियोजना में 12 पैकेज बनाए गए हैं. प्रत्येक पैकेज की लंबाई 50 किमी है. 36 हजार करोड़ रुपये से इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाएगा.

गंगा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास जून 2021 में प्रस्तावित
योगी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट गंगा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास माह जून 2021 में कराया जाना प्रस्तावित है. इस बैठक में सीईओ अवनीश अवस्थी ने यह बताया कि यूपीडा के पत्र के साथ परामर्शी द्वारा उपलब्ध कराए गए भू-अभिलेखों की तीन प्रतियां जनपदों में उपलब्ध कराई जाएंगी, जिसमें एक प्रति जिला मुख्यालय पर, एक प्रति संबंधित तहसील में और एक प्रति संबंधित लेखपाल को जिलाधिकारी द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी.

अधिग्रहण वाली जमीनों का स्थलीय निरीक्षण भी करें अफसर
सीईओ अवनीश अवस्थी ने यह भी निर्देश दिए कि अभिलेख प्राप्त होने के तुरंत बाद तहसील कर्मचारी और अधिकारी अभिलेखीय और स्थलीय सत्यापन अनिवार्य रूप से करेंगे. उसके बाद जो भी प्रस्ताव जिला समिति द्वारा तैयार किया जाए, उसका अनुमोदन मण्डलायुक्त से कराकर यूपीडा को भेजा जाए.

इन जिलों के अधिकारियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
बता दें कि आने वाले दिनों में गंगा एक्सप्रेस-वे से संबंधित 12 जिलों जिसमें, मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज के एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कानूनगो इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे. प्रशिक्षण कार्यक्रम में संबंधित जिलों के अधिकारियों के साथ यूपीडा के भी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे.

लखनऊ: अपर मुख्य सचिव गृह एवं यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के निर्माण को लेकर अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया. परियोजना का निर्माण शुरू करने के लिए सभी प्रकार की तैयारियों के बारे में प्रशिक्षण कार्यक्रम में विस्तृत विचार-विमर्श करते हूए काम को शुरू करने का निर्देश दिया गया.

जमीन अधिग्रहण से पहले भू-अभिलेख की हो जांच
प्रशिक्षण के दौरान बुधवार को उन्नाव व रायबरेली के अधिकारियों द्वारा इस प्रशिक्षण में प्रतिभाग किया गया. प्रशिक्षण कार्यक्रम में निर्देश देते हुए सीईओ अवनीश अवस्थी ने कहा कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने से पहले सभी भू-अभिलेखों का परीक्षण संबंधित अधिकारियों द्वारा गहनता से करा लिया जाए, जिससे भूमि अधिग्रहण कार्य को तय समय सीमा के अन्तर्गत सुचारू रूप से पूरा किया जा सके. उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए यह भी कहा कि परियोजना से संबंधित भूमि के खरीद के लिए धनराशि संबंधित जिलाधिकारियों को जल्दी उपलब्ध करा दी जाएगी.

सीएम योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट है गंगा एक्सप्रेस-वे
यूपीडा के सीईओ अवनीश अवस्थी ने कहा कि गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है. यह परियोजना जनपद मेरठ से प्रारंभ होकर बुलंदशहर, हापुड़, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ से होते हुए प्रयागराज तक 594 किमी लंबाई की होगी. गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना 12 जिलों की 30 तहसीलों से होकर निकल रही है. इस परियोजना में 12 पैकेज बनाए गए हैं. प्रत्येक पैकेज की लंबाई 50 किमी है. 36 हजार करोड़ रुपये से इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाएगा.

गंगा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास जून 2021 में प्रस्तावित
योगी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट गंगा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास माह जून 2021 में कराया जाना प्रस्तावित है. इस बैठक में सीईओ अवनीश अवस्थी ने यह बताया कि यूपीडा के पत्र के साथ परामर्शी द्वारा उपलब्ध कराए गए भू-अभिलेखों की तीन प्रतियां जनपदों में उपलब्ध कराई जाएंगी, जिसमें एक प्रति जिला मुख्यालय पर, एक प्रति संबंधित तहसील में और एक प्रति संबंधित लेखपाल को जिलाधिकारी द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी.

अधिग्रहण वाली जमीनों का स्थलीय निरीक्षण भी करें अफसर
सीईओ अवनीश अवस्थी ने यह भी निर्देश दिए कि अभिलेख प्राप्त होने के तुरंत बाद तहसील कर्मचारी और अधिकारी अभिलेखीय और स्थलीय सत्यापन अनिवार्य रूप से करेंगे. उसके बाद जो भी प्रस्ताव जिला समिति द्वारा तैयार किया जाए, उसका अनुमोदन मण्डलायुक्त से कराकर यूपीडा को भेजा जाए.

इन जिलों के अधिकारियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
बता दें कि आने वाले दिनों में गंगा एक्सप्रेस-वे से संबंधित 12 जिलों जिसमें, मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज के एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कानूनगो इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे. प्रशिक्षण कार्यक्रम में संबंधित जिलों के अधिकारियों के साथ यूपीडा के भी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे.

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