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हड़ताल में शामिल होने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों पर गिरी निलंबन की गाज, जानिए वजह - अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई

पिछले माह कार्य बहिष्कार व हड़ताल में शामिल अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है. इसमें शामिल होने वाले कई अधिकारियों व कर्मचारियों पर निलंबन की कार्रवाई की गई है.

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Published : Apr 17, 2023, 8:41 AM IST

लखनऊ : विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर पिछले माह हुए कार्य बहिष्कार और हड़ताल में शामिल होना उत्पादन निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों को भारी पड़ गया है. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम की तापीय परियोजनाओं, उत्पादन निगम में कार्यरत 65 अधिकारियों और कर्मचारियों को एक साथ निलंबित कर दिया है.

जारी विज्ञप्ति के अनुसार, बिजली कर्मियों में अवर अभियंता, सहायक अभियंता, टेक्नीशियन, कार्यालय सहायक और शिविर सहायक शामिल हैं, इन्हें निलंबित करते हुए स्थानांतरण भी कर दिया गया है. चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया है जो पूरे मामले की जांच करेगी और इन सभी को अपना पक्ष प्रस्तुत करने का मौका देगी. उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन बिजली कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार और हड़ताल को लेकर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी. ऊर्जा मंत्री ने तमाम संविदा कर्मियों को बर्खास्त करने की भी कार्रवाई की थी. इतना ही नहीं एस्मा के तहत कई नेताओं और पदाधिकारियों पर भी एक्शन लिया गया था. 72 घंटे के कार्य बहिष्कार और हड़ताल में शामिल होने वाले बिजली विभाग के कर्मचारियों पर जब निलंबन और बर्खास्तगी की गाज गिरी तो आक्रोशित विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने हड़ताल शुरू कर दी थी, जिसके बाद ऊर्जा मंत्री के साथ संगठन की कई बार वार्ता हुई. दोनों पक्षों में सहमति बनी कि जो भी कार्रवाई की गई है उसे वापस लिया जाएगा. इसके बाद हड़ताल समाप्त हो गई, लेकिन हाईकोर्ट ने इस हड़ताल का संज्ञान लिया और हड़ताल में शामिल होने वाले पदाधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्यवाही के आदेश दिए. अब राज्य विद्युत उत्पादन निगम ने सख्त रुख अपनाते हुए उत्पादन निगम के 65 अधिकारियों और कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है. इससे एक बार फिर ऊर्जा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है.अनुशासनिक कार्यवाही एवं सतर्कता अधिशासी अभियंता किसलय श्रीवास्तव की तरफ से निलंबन संबंधी आदेश जारी किए गए हैं.




यह समिति करेगी आरोपों की जांच : उत्पादन निगम लिमिटेड लखनऊ के अधीक्षण अभियंता डीके शर्मा की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है. यह समिति कर्मचारियों पर लगे आरोपों की जांच करेगी. सभी को व्यक्तिगत तौर पर अपना पक्ष रखने का पूरा अवसर देगी. इसके बाद जांच आख्या तैयार कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. इस समिति में अध्यक्ष डीके शर्मा के अलावा उत्पादन निगम लिमिटेड लखनऊ के अधीक्षण अभियंता बृजेश प्रकाश अग्रवाल, उत्पादन निगम लिमिटेड के उप मुख्य लेखा अधिकारी देवेंद्र कुमार सदस्य होंगे. उत्पादन निगम लिमिटेड लखनऊ के अनु सचिव राजकुमार मिश्रा संयोजक बनाए गए हैं.

यह भी पढ़ें : लखनऊ में आरोग्य स्वास्थ्य मेला: लोगों ने करायी कोविड जांच, सभी की रिपोर्ट निगेटिव

लखनऊ : विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर पिछले माह हुए कार्य बहिष्कार और हड़ताल में शामिल होना उत्पादन निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों को भारी पड़ गया है. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम की तापीय परियोजनाओं, उत्पादन निगम में कार्यरत 65 अधिकारियों और कर्मचारियों को एक साथ निलंबित कर दिया है.

जारी विज्ञप्ति के अनुसार, बिजली कर्मियों में अवर अभियंता, सहायक अभियंता, टेक्नीशियन, कार्यालय सहायक और शिविर सहायक शामिल हैं, इन्हें निलंबित करते हुए स्थानांतरण भी कर दिया गया है. चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया है जो पूरे मामले की जांच करेगी और इन सभी को अपना पक्ष प्रस्तुत करने का मौका देगी. उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन बिजली कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार और हड़ताल को लेकर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी. ऊर्जा मंत्री ने तमाम संविदा कर्मियों को बर्खास्त करने की भी कार्रवाई की थी. इतना ही नहीं एस्मा के तहत कई नेताओं और पदाधिकारियों पर भी एक्शन लिया गया था. 72 घंटे के कार्य बहिष्कार और हड़ताल में शामिल होने वाले बिजली विभाग के कर्मचारियों पर जब निलंबन और बर्खास्तगी की गाज गिरी तो आक्रोशित विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने हड़ताल शुरू कर दी थी, जिसके बाद ऊर्जा मंत्री के साथ संगठन की कई बार वार्ता हुई. दोनों पक्षों में सहमति बनी कि जो भी कार्रवाई की गई है उसे वापस लिया जाएगा. इसके बाद हड़ताल समाप्त हो गई, लेकिन हाईकोर्ट ने इस हड़ताल का संज्ञान लिया और हड़ताल में शामिल होने वाले पदाधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्यवाही के आदेश दिए. अब राज्य विद्युत उत्पादन निगम ने सख्त रुख अपनाते हुए उत्पादन निगम के 65 अधिकारियों और कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है. इससे एक बार फिर ऊर्जा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है.अनुशासनिक कार्यवाही एवं सतर्कता अधिशासी अभियंता किसलय श्रीवास्तव की तरफ से निलंबन संबंधी आदेश जारी किए गए हैं.




यह समिति करेगी आरोपों की जांच : उत्पादन निगम लिमिटेड लखनऊ के अधीक्षण अभियंता डीके शर्मा की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है. यह समिति कर्मचारियों पर लगे आरोपों की जांच करेगी. सभी को व्यक्तिगत तौर पर अपना पक्ष रखने का पूरा अवसर देगी. इसके बाद जांच आख्या तैयार कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. इस समिति में अध्यक्ष डीके शर्मा के अलावा उत्पादन निगम लिमिटेड लखनऊ के अधीक्षण अभियंता बृजेश प्रकाश अग्रवाल, उत्पादन निगम लिमिटेड के उप मुख्य लेखा अधिकारी देवेंद्र कुमार सदस्य होंगे. उत्पादन निगम लिमिटेड लखनऊ के अनु सचिव राजकुमार मिश्रा संयोजक बनाए गए हैं.

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