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69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती: आरक्षण नियमों की अनदेखी की शिकायत, OBC और SC वर्ग के अभ्यर्थी कर रहे धरना - धरने पर बैठे अभ्यर्थी

69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती प्रकरण में शामिल ओबीसी और एससी वर्ग के अभ्यर्थी सोमवार को धरने पर बैठ गए. अभ्यर्थियों की ओर से लखनऊ से एससीईआरटी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदेश के कई जिलों से प्रदर्शनकारी यहां जुट रहे हैं. दोपहर 12:00 बजे तक यह संख्या सैकड़ों में पहुंच गई.

OBC और SC वर्ग के अभ्यर्थी कर रहे धरना
OBC और SC वर्ग के अभ्यर्थी कर रहे धरना
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Published : Jul 19, 2021, 1:52 PM IST

लखनऊ: 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता को लेकर ओबीसी और एससी वर्ग के अभ्यर्थी सोमवार को धरने पर बैठ गए. अभ्यर्थी लखनऊ स्थित एससीईआरटी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदेश के कई जिलों से प्रदर्शनकारी यहां जुट रहे हैं. दोपहर 12:00 बजे तक यह संख्या सैकड़ों में पहुंच गई. अभ्यर्थियों की शिकायत है कि बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने बीते दिनों हुई वार्ता में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की अंतरिम रिपोर्ट में भर्ती प्रक्रिया में 5844 सीटों पर आरक्षण घोटाला होने की बात स्वीकार की थी. बेसिक शिक्षा मंत्री ने इस रिपोर्ट पर कार्रवाई के लिए 4 दिन का समय मांगा था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.

यह है अभ्यर्थियों की शिकायत
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण के नियमों की अनदेखी की जा रही है. ओबीसी अभ्यर्थियों को भर्ती में 27% के स्थान पर सिर्फ 3.86% आरक्षण मिला है. एससी वर्ग के अभ्यर्थियों को 21% के स्थान पर सिर्फ 16.6% आरक्षण दिया गया है. उनकी शिकायत है कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि की है. राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने 29 अप्रैल को जारी अपनी अंतरिम रिपोर्ट में माना कि 5844 ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों की ओवरलैपिंग रोकी गई. 5 जुलाई को बेसिक शिक्षा मंत्री ने आयोग की अंतरिम रिपोर्ट लागू करने के लिए 4 दिन का समय मांगा था, लेकिन 15 दिन का समय गुजर जाने के बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

OBC और SC वर्ग के अभ्यर्थी कर रहे धरना.
विभाग का दावा, नियमों का हुआ पालन
इस पूरे मामले पर शिक्षा विभाग पहले ही अपना पक्ष स्पष्ट कर चुका है. विभागीय अधिकारियों की मानें तो नियमों को लागू करने में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. हाल ही में दिए गए एक बयान में बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि इस भर्ती में सामान्य वर्ग के लिए करीब 34,600 पद थे. इसमें भी सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को करीब 20,301 पद मिले हैं. अन्य पदों पर ओबीसी एससी एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन हुआ है. उन्होंने कहा कि आरक्षण घोटाले के आरोप पूरी तरह से गलत है. कुछ अभ्यर्थी गलत सूचनाओं के आधार पर प्रकरण को हवा दे रहे हैं. बता दें कि इससे पहले अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी के घर के बाहर धरना दिया था.
69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती को लेकर धरना.
69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती को लेकर धरना.

इसे भी पढ़ें- सरकार को चेतावनी: नई शिक्षक भर्ती की मांग नहीं मानने पर सड़क पर उतरेंगे युवा

लखनऊ: 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता को लेकर ओबीसी और एससी वर्ग के अभ्यर्थी सोमवार को धरने पर बैठ गए. अभ्यर्थी लखनऊ स्थित एससीईआरटी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदेश के कई जिलों से प्रदर्शनकारी यहां जुट रहे हैं. दोपहर 12:00 बजे तक यह संख्या सैकड़ों में पहुंच गई. अभ्यर्थियों की शिकायत है कि बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने बीते दिनों हुई वार्ता में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की अंतरिम रिपोर्ट में भर्ती प्रक्रिया में 5844 सीटों पर आरक्षण घोटाला होने की बात स्वीकार की थी. बेसिक शिक्षा मंत्री ने इस रिपोर्ट पर कार्रवाई के लिए 4 दिन का समय मांगा था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.

यह है अभ्यर्थियों की शिकायत
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण के नियमों की अनदेखी की जा रही है. ओबीसी अभ्यर्थियों को भर्ती में 27% के स्थान पर सिर्फ 3.86% आरक्षण मिला है. एससी वर्ग के अभ्यर्थियों को 21% के स्थान पर सिर्फ 16.6% आरक्षण दिया गया है. उनकी शिकायत है कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि की है. राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने 29 अप्रैल को जारी अपनी अंतरिम रिपोर्ट में माना कि 5844 ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों की ओवरलैपिंग रोकी गई. 5 जुलाई को बेसिक शिक्षा मंत्री ने आयोग की अंतरिम रिपोर्ट लागू करने के लिए 4 दिन का समय मांगा था, लेकिन 15 दिन का समय गुजर जाने के बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

OBC और SC वर्ग के अभ्यर्थी कर रहे धरना.
विभाग का दावा, नियमों का हुआ पालन
इस पूरे मामले पर शिक्षा विभाग पहले ही अपना पक्ष स्पष्ट कर चुका है. विभागीय अधिकारियों की मानें तो नियमों को लागू करने में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. हाल ही में दिए गए एक बयान में बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि इस भर्ती में सामान्य वर्ग के लिए करीब 34,600 पद थे. इसमें भी सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को करीब 20,301 पद मिले हैं. अन्य पदों पर ओबीसी एससी एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन हुआ है. उन्होंने कहा कि आरक्षण घोटाले के आरोप पूरी तरह से गलत है. कुछ अभ्यर्थी गलत सूचनाओं के आधार पर प्रकरण को हवा दे रहे हैं. बता दें कि इससे पहले अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी के घर के बाहर धरना दिया था.
69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती को लेकर धरना.
69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती को लेकर धरना.

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