ETV Bharat / state

पुलिसकर्मी कैसे खाएंगे पौष्टिक आहार जब विभाग ही है सुस्त, पढ़ें पूरी खबर

लखनऊ में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने ग्राम पंचायतों, जिला पंचायतों और श्रमिकों के मानदेय में बढ़ोतरी का एलान किया था. पौष्टिक आहार भत्ता में बढ़ोतरी करने के एलान के 2 महीनों बाद भी उनके कान में जूं तक नहीं रेंग रहा है.

एके जैन, पूर्व डीजीपी
एके जैन, पूर्व डीजीपी
author img

By

Published : Dec 19, 2021, 6:29 PM IST

लखनऊ : बीते दिनों प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने ग्राम पंचायतों, जिला पंचायतों और श्रमिकों के मानदेय में बढ़ोतरी का एलान किया था. इसे विभागीय अधिकारियों ने त्वरित रूप से अमल में लाना शुरू कर दिया.

हालांकि सूबे का गृह विभाग और पुलिस महकमा है कि सीएम योगी द्वारा पुलिस कर्मियों के पौष्टिक आहार भत्ता में बढ़ोतरी करने के एलान के 2 महीनों बाद भी कार्रवाई नहीं कर रहा है.

अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस (police memorial day) के मौके पर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस कर्मियों के पौष्टिक आहार भत्ते में 25 प्रतिशत वृद्धि की घोषणा की थी. हालांकि 2 महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक भत्ते को बढ़ाने को लेकर पुलिस मुख्यालय और गृह विभाग कोई भी फैसला नहीं ले सका जिसके चलते सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक में रोष है.

एके जैन, पूर्व डीजीपी

सीएम योगी ने बड़ा एलान करते हुए कहा था कि इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, लिपिक संवर्ग, हेड कांस्टेबल, कांस्टेबल और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का पौष्टिक आहार भत्ता 25 फीसदी बढ़ाया जाएगा. यही नहीं, सीएम ने एलान किया था कि क्राइम कंट्रोल, कानून व्यवस्था ड्यूटी और क्राइम होने पर मौके पर पहुंचने वाले कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल को सिमकार्ड दिए जाएंगे.

जिन्हें यह सिम कार्ड दिए जाएंगे, उन्हें प्रतिवर्ष 2000 रुपये मोबाइल सिमकार्ड भत्ता (mobile sim card allowance) भी दिया जाएगा. हालांकि एक वो दिन था और एक आज का दिन. पुलिस कर्मियों की दो महीनों की सैलरी मिलने के बाद भी पौष्टिक आहार में बढ़ोतरी नहीं हो सकी है.

इसे भी पढेंः सीएम योगी ने शहीद पुलिसकर्मियों को दी श्रद्धांजलि, आहार भत्ते में 25% वृद्धि का ऐलान

पूर्व डीजीपी एके जैन (Former DGP AK Jain) के मुताबिक जब भी पुलिस कर्मियों के भत्ते को बढ़ाने की बात होती है, उस फैसले में डीजीपी कार्यालय और गृह विभाग दोनों की भूमिका होती है. भत्ते को बढ़ाने को लेकर सीएम को एलान करना होता है.

तब कुछ नियत समय पहले ही सीएम कार्यालय से डीजीपी और गृह विभाग को यह सूचना दे दी जाती है कि किस दिन मुख्यमंत्री भत्ते को बढ़ाने को लेकर एलान करने वाले हैं. पुलिस विभाग एक प्रस्ताव बनाकर गृहविभाग को भेज देता है.

यही नहीं, मुख्यमंत्री के एलान के दिन भी सीएम का कार्यदिवस अधिकारी एक लिखित आदेश दोनों ही विभाग को भेज देता है. इससे डीजीपी मुख्यालय की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को गृह विभाग सहमति देकर नोटिसिफिकेशन जारी कर देता है. इस पूरी प्रक्रिया को अधिकतम 30 दिन का समय लगना होता है.

जिस काम को 30 दिन के अंदर हो जाना चाहिए था, उसका 2 महीने बीत जाने के बाद भी न होना ये साफ दर्शाता है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के एलान के बाद भी पुलिस मुख्यालय और गृह विभाग फाइल-फाइल खेल रहा है. उन्हें न ही अपने पुलिस कर्मियों के आहार से मतलब है और न ही सीएम के एलान की फिक्र.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ : बीते दिनों प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने ग्राम पंचायतों, जिला पंचायतों और श्रमिकों के मानदेय में बढ़ोतरी का एलान किया था. इसे विभागीय अधिकारियों ने त्वरित रूप से अमल में लाना शुरू कर दिया.

हालांकि सूबे का गृह विभाग और पुलिस महकमा है कि सीएम योगी द्वारा पुलिस कर्मियों के पौष्टिक आहार भत्ता में बढ़ोतरी करने के एलान के 2 महीनों बाद भी कार्रवाई नहीं कर रहा है.

अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस (police memorial day) के मौके पर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस कर्मियों के पौष्टिक आहार भत्ते में 25 प्रतिशत वृद्धि की घोषणा की थी. हालांकि 2 महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक भत्ते को बढ़ाने को लेकर पुलिस मुख्यालय और गृह विभाग कोई भी फैसला नहीं ले सका जिसके चलते सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक में रोष है.

एके जैन, पूर्व डीजीपी

सीएम योगी ने बड़ा एलान करते हुए कहा था कि इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, लिपिक संवर्ग, हेड कांस्टेबल, कांस्टेबल और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का पौष्टिक आहार भत्ता 25 फीसदी बढ़ाया जाएगा. यही नहीं, सीएम ने एलान किया था कि क्राइम कंट्रोल, कानून व्यवस्था ड्यूटी और क्राइम होने पर मौके पर पहुंचने वाले कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल को सिमकार्ड दिए जाएंगे.

जिन्हें यह सिम कार्ड दिए जाएंगे, उन्हें प्रतिवर्ष 2000 रुपये मोबाइल सिमकार्ड भत्ता (mobile sim card allowance) भी दिया जाएगा. हालांकि एक वो दिन था और एक आज का दिन. पुलिस कर्मियों की दो महीनों की सैलरी मिलने के बाद भी पौष्टिक आहार में बढ़ोतरी नहीं हो सकी है.

इसे भी पढेंः सीएम योगी ने शहीद पुलिसकर्मियों को दी श्रद्धांजलि, आहार भत्ते में 25% वृद्धि का ऐलान

पूर्व डीजीपी एके जैन (Former DGP AK Jain) के मुताबिक जब भी पुलिस कर्मियों के भत्ते को बढ़ाने की बात होती है, उस फैसले में डीजीपी कार्यालय और गृह विभाग दोनों की भूमिका होती है. भत्ते को बढ़ाने को लेकर सीएम को एलान करना होता है.

तब कुछ नियत समय पहले ही सीएम कार्यालय से डीजीपी और गृह विभाग को यह सूचना दे दी जाती है कि किस दिन मुख्यमंत्री भत्ते को बढ़ाने को लेकर एलान करने वाले हैं. पुलिस विभाग एक प्रस्ताव बनाकर गृहविभाग को भेज देता है.

यही नहीं, मुख्यमंत्री के एलान के दिन भी सीएम का कार्यदिवस अधिकारी एक लिखित आदेश दोनों ही विभाग को भेज देता है. इससे डीजीपी मुख्यालय की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को गृह विभाग सहमति देकर नोटिसिफिकेशन जारी कर देता है. इस पूरी प्रक्रिया को अधिकतम 30 दिन का समय लगना होता है.

जिस काम को 30 दिन के अंदर हो जाना चाहिए था, उसका 2 महीने बीत जाने के बाद भी न होना ये साफ दर्शाता है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के एलान के बाद भी पुलिस मुख्यालय और गृह विभाग फाइल-फाइल खेल रहा है. उन्हें न ही अपने पुलिस कर्मियों के आहार से मतलब है और न ही सीएम के एलान की फिक्र.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.