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SGPGI में एक्टिव क्वारंटाइ वार्ड खत्म होने से नर्सेज परेशान - नर्स परेशान

एसजीपीजीआई (SGPGI) में एक्टिव क्वारंटाइन खत्म करने से एसजीपीजीआई की नर्सेज परेशान हैं. ऐसे में नर्सों ने विरोध किया. वहीं सिविल अस्पताल की ओटी में प्राइवेट डॉक्टर के ऑपरेशन करने के प्रकरण में डीजी हेल्थ ने जांच के आदेश दिए हैं.

एसजीपीजीआई.
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Published : Mar 19, 2021, 4:48 AM IST

लखनऊ: एसजीपीजीआई नर्सिंग स्टाफ एसोसिएशन ने संस्थान प्रशासन से कहा कि क्वारंटाइन व्यवस्था बहाल नहीं की जाती है तो कार्य बहिष्कार किया जाएगा. साथ ही नर्सें भूख हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होंगी. एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा शुक्ला, महामंत्री सुजान सिंह और आउटसोर्स नर्सेज की अध्यक्ष साधना, महामंत्री मलखान सिंह, संयुक्त मंत्री पवन वर्मा, संगठन मंत्री अंजली राय, सीपी तिवारी, ओपी किंचर सहित ने कहा कि इस व्यवस्था के खत्म किए जाने से सबसे अधिक नर्सेज को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

रात में दो बजे ड्यूटी पर आना, कई की दो बजे ड्यूटी से छूटने के बाद घर जाना कैसे संभव होगा. ड्यूटी कर रही नर्सेज को खाना नहीं दिया जा रहा है. आउटसोर्स नर्सेज कहां से रोज कैंटीन से खाना खरीद कर खा सकती हैं. सीमा शुक्ला ने कहा कि इस प्रोफेशन ने 90 फीसदी लड़कियां या महिलाएं हैं. रात में कोई हादसा हो जाए तो कौन जिम्मेदार होगा. इसके अलावा नर्सेज के पास रहने के लिए दो कमरे का आवास है तो किसी पास एक कमरे का आवास है.

ऐसे में वह घर में कैसे क्वारंटाइन हो पाएंगी. इसलिए पहले की तरह ड्यूटी के दौरान पूरे 14 दिन रहने और खाने की व्यवस्था जारी रखी जाए. नर्सेज का कहना है कि कोरोना में सबसे अधिक काम का भार नर्सेज पर रहा. अब केस फिर से बढ़ रहे हैं. ऐसे में कोरोना वार्ड और आईसीयू की जरूरत बनी रहेगी. संस्थान प्रशासन ने सोमवार एक्टिव क्वारंटाइन व्यवस्था खत्म करने का आदेश जारी कर दिया था. इसके बाद से नर्सेज में परेशान हैं. वहीं सिविल अस्पताल में प्राईवेट डॉक्टर के ऑपरेशन करने के मामले पर डीजी हेल्थ ने जांच के आदेश दिए हैं.

इसे भी पढ़ें- रामलला के दर्शन कर अक्षय ने किया 'रामसेतु' का मुहूर्त

लखनऊ: एसजीपीजीआई नर्सिंग स्टाफ एसोसिएशन ने संस्थान प्रशासन से कहा कि क्वारंटाइन व्यवस्था बहाल नहीं की जाती है तो कार्य बहिष्कार किया जाएगा. साथ ही नर्सें भूख हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होंगी. एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा शुक्ला, महामंत्री सुजान सिंह और आउटसोर्स नर्सेज की अध्यक्ष साधना, महामंत्री मलखान सिंह, संयुक्त मंत्री पवन वर्मा, संगठन मंत्री अंजली राय, सीपी तिवारी, ओपी किंचर सहित ने कहा कि इस व्यवस्था के खत्म किए जाने से सबसे अधिक नर्सेज को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

रात में दो बजे ड्यूटी पर आना, कई की दो बजे ड्यूटी से छूटने के बाद घर जाना कैसे संभव होगा. ड्यूटी कर रही नर्सेज को खाना नहीं दिया जा रहा है. आउटसोर्स नर्सेज कहां से रोज कैंटीन से खाना खरीद कर खा सकती हैं. सीमा शुक्ला ने कहा कि इस प्रोफेशन ने 90 फीसदी लड़कियां या महिलाएं हैं. रात में कोई हादसा हो जाए तो कौन जिम्मेदार होगा. इसके अलावा नर्सेज के पास रहने के लिए दो कमरे का आवास है तो किसी पास एक कमरे का आवास है.

ऐसे में वह घर में कैसे क्वारंटाइन हो पाएंगी. इसलिए पहले की तरह ड्यूटी के दौरान पूरे 14 दिन रहने और खाने की व्यवस्था जारी रखी जाए. नर्सेज का कहना है कि कोरोना में सबसे अधिक काम का भार नर्सेज पर रहा. अब केस फिर से बढ़ रहे हैं. ऐसे में कोरोना वार्ड और आईसीयू की जरूरत बनी रहेगी. संस्थान प्रशासन ने सोमवार एक्टिव क्वारंटाइन व्यवस्था खत्म करने का आदेश जारी कर दिया था. इसके बाद से नर्सेज में परेशान हैं. वहीं सिविल अस्पताल में प्राईवेट डॉक्टर के ऑपरेशन करने के मामले पर डीजी हेल्थ ने जांच के आदेश दिए हैं.

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