लखनऊः आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में जीका वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. कानपुर से शुरू हुए वायरस का प्रकोप अब तक तीन शहरों में अपना पांव पसार चुका है. ऐसे में सरकारी लैब में टेस्ट की सुविधा भी बढ़ाई जाएगी. जिससे केजीएमयू पर भार हल्का होगा.
कानपुर में मिला जीका का पहला मरीज
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉक्टर वेद व्रत ने बताया कि राज्य में सबसे पहले कानपुर में जीका वायरस का मरीज मिला. ऐसे में मरीज के संपर्क में आए लोगों की जांच के लिए सैंपल कानपुर से लखनऊ भेजे गए. यहां केजीएमयू की लैब में टेस्ट किए गए. वहीं अब कानपुर में भी टेस्ट लैब शुरू हो गई है. इससे मरीजों की समय पर जांच हो सकेगी.
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प्रदेश में जीका वायरस के मरीज
डॉक्टर जीएस वाजपेयी के मुताबिक राज्य में अभी कानपुर, लखनऊ और कन्नौज में जीका वायरस के मरीज पाए गए हैं. जिन जिलों में वायरस बढ़ेगा, वहां लैब बढ़ाई जाएंगी. प्रदेश में अब तक 145 मरीज जीका वायरस के हैं. इसमें लखनऊ के 6 मरीज और कन्नौज के 2 मरीज वायरस की गिरफ्त में हैं शेष मरीज कानपुर के हैं. इसमें अब तक 85 मरीजों में वायरस निगेटिव हो गया है.
अब तक 6 हजार से ज्यादा सैम्पल का हुआ जीका टेस्ट
यूपी के तीनों जिलों में 6 हजार 500 से अधिक लोगों के सैम्पल का टेस्ट कराया गया है. वहीं लखनऊ में 118 के करीब बेड मरीजों के लिए रिजर्व किए गए हैं. जीका मरीजों की मॉनिटरिंग कोरोना वायरस की तर्ज पर की जा रही है. इसके लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है.
बुखार समेत ये हैं जीका के लक्षण
संचारी रोग निदेशक डॉक्टर जी एस बाजपेई के मुताबिक डेंगू मच्छर से ही जीका वायरस हो रहा है. डेंगू के लिए एडीस मच्छर ही जीका वायरस का वाहक है. ऐसे में नगर मलेरिया टीम व जिला मलेरिया विभाग की टीम को निर्देश जारी कर दिए गए हैं. वह मरीज के घर के अंदर इंडोर स्प्रे कर रहे हैं. साथ ही बाहर भी एंटी लार्वा का छिड़काव कर रहे हैं.
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