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यूपी में सरकारी और एडेड स्कूलों में दाखिला लेने वालों की संख्या हुई दोगुनी, जानिए क्या है कारण

उत्तर प्रदेश के सरकारी और एडेड स्कूलों में दाखिला लेने वालों की संख्या में अचानाक उछाल आ गया है. नए प्रवेश की संख्या दोगुनी तक बढ़ गई है. जिन सरकारी स्कूलों में पहले 100-100 नए प्रवेश होते थे, वहां अब 250-250 नए छात्र पहुंच रहे हैं. दाखिले नौवीं और 11वीं कक्षा में ज्यादा हैं. सरकारी और एडेड स्कूलों के लिए यह अच्छी खबर है, लेकिन चिंता भी खड़ी कर रही है.

यूपी में सरकारी और एडेड स्कूलों में दाखिला लेने वालों की संख्या हुई दोगुनी
यूपी में सरकारी और एडेड स्कूलों में दाखिला लेने वालों की संख्या हुई दोगुनी
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Published : Sep 14, 2021, 2:18 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सरकारी और एडेड स्कूलों में दाखिला लेने वालों की संख्या में अचानाक उछाल आ गया है. नए प्रवेश की संख्या दोगुनी तक बढ़ गई है. जिन सरकारी स्कूलों में पहले 100-100 नए प्रवेश होते थे, वहां अब 250-250 नए छात्र पहुंच रहे हैं. दाखिले नौवीं और 11वीं कक्षा में ज्यादा हैं. सरकारी और एडेड स्कूलों के लिए यह अच्छी खबर है, लेकिन चिंता भी खड़ी कर रही है. अचानक आए इस बदलाव को कोरोना संक्रमण के असर के रूप में देखा जा रहा है.

जानकारों की मानें तो गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चे आमतौर पर आसपास के छोटे और कम फीस वाले निजी स्कूलों में पढ़ने जाते थे. कोरोना संक्रमण और उसके बाद आर्थिक स्थितियां खराब हो चली हैं. एक अनुमान के मुताबिक सिर्फ राजधानी लखनऊ में करीब 40 प्रतिशत छोटे और कम फीस वाले निजी स्कूल या तो बंद हो गए हैं या बंदी की कगार पर पहुंच गए हैं.

बता दें, राजधानी लखनऊ में माध्यमिक स्तर पर राजकीय और एडेड शिक्षक संस्थानों की संख्या करीब 150 तक है. सीबीएसई, आईएससी और अन्य निजी संस्थानों को जोड़ दिया जाए, तो यह संख्या 1040 तक जाती है. निजी स्कूल संगठन के सदस्य योगेंद्र सचान बताते हैं कि कम फीस वाले निजी स्कूलों में फीस जमा करने वालों की सख्या 40 से 60 फीसद ही रह गई है. सरकारी सहायता प्राप्त टेक्नीकल हाईस्कूल के प्रिंसिपल देवेंद्र गर्ग ने बताया कि 15 सितंबर तक कक्षा नौ और 11 में दाखिले होने हैं.

यूपी में सरकारी और एडेड स्कूलों में दाखिला लेने वालों की संख्या हुई दोगुनी
यूपी में सरकारी और एडेड स्कूलों में दाखिला लेने वालों की संख्या हुई दोगुनी

यह हैं हालात
राजधानी के सरकारी सहायता प्राप्त लखनऊ मॉन्टेसरी इंटरमीडिएट स्कूल में अभी तक करीब 350 नए प्रवेश हुए हैं. इसमें करीब 200 बच्चों ने 11वीं कक्षा तक और करीब 150 बच्चों ने प्राइमरी कक्षाओं में दाखिले लिए हैं. अभी प्रवेश लिए जा रहे हैं. ऐसे में इस संख्या के करीब 400 तक पहुंचने की उम्मीद है. स्कूल के प्रिंसिपल प्रशांत मिश्र बताते हैं कि पिछले साल तक यह संख्या 110-120 तक रहती थी.

राजकीय जुबली इंटर कॉलेज में छात्रसंख्या 1200 के आसपास पहुंच गए हैं. प्रिंसिपल धीरेंद्र मिश्र बताते हैं कि पिछले वर्ष तकर 220-240 दाखिले होते रहे हैं. इस बार यह संख्या 350 के आसपास पहुंची है. उनकी मानें तो स्टेशन के आसपास के इलाके में चलने वाले बजट स्कूल या तो बंद हो गए हैं या बंदी की कगार पर हैं.

इसे भी पढ़ें-यूपी में 16 अगस्त से आधी क्षमता के साथ लगेंगी माध्यमिक स्कूलों की कक्षाएं

सरकारी सहायता प्राप्त हरिश्चंद्र इंटर कॉलेज के वरिष्ठ शिक्षक बीके सिंह ने बताया कि निजी स्कूलों की फीस न दे जाने के कारण बच्चे यहां आ रहे हैं. इस बार उनके स्कूल में बच्चों की संख्या में करीब 20 से 30 प्रतिशत तक का उछाल आया है. आगे यह और भी बढ़ने की उम्मीद है. करामत हुसैन गर्ल्स इंटर कॉलेज के प्रबंधक नावेद ने बताया कि नए दाखिलों की संख्या में 70 से 80 प्रतिशत तक का उछाला है. वहीं, छात्रसंख्या करीब 25 प्रतिशत तक बढ़ी है. टेक्निकल इंटरमीडिएट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. देवेंद्र कुमार गर्ग ने बताया कि उनके स्कूल में कक्षा 7 में 12, कक्षा 8 में 6, कक्षा 9 में 19 और कक्षा 11 में 27 नए दाखिले हुए हैं.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सरकारी और एडेड स्कूलों में दाखिला लेने वालों की संख्या में अचानाक उछाल आ गया है. नए प्रवेश की संख्या दोगुनी तक बढ़ गई है. जिन सरकारी स्कूलों में पहले 100-100 नए प्रवेश होते थे, वहां अब 250-250 नए छात्र पहुंच रहे हैं. दाखिले नौवीं और 11वीं कक्षा में ज्यादा हैं. सरकारी और एडेड स्कूलों के लिए यह अच्छी खबर है, लेकिन चिंता भी खड़ी कर रही है. अचानक आए इस बदलाव को कोरोना संक्रमण के असर के रूप में देखा जा रहा है.

जानकारों की मानें तो गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चे आमतौर पर आसपास के छोटे और कम फीस वाले निजी स्कूलों में पढ़ने जाते थे. कोरोना संक्रमण और उसके बाद आर्थिक स्थितियां खराब हो चली हैं. एक अनुमान के मुताबिक सिर्फ राजधानी लखनऊ में करीब 40 प्रतिशत छोटे और कम फीस वाले निजी स्कूल या तो बंद हो गए हैं या बंदी की कगार पर पहुंच गए हैं.

बता दें, राजधानी लखनऊ में माध्यमिक स्तर पर राजकीय और एडेड शिक्षक संस्थानों की संख्या करीब 150 तक है. सीबीएसई, आईएससी और अन्य निजी संस्थानों को जोड़ दिया जाए, तो यह संख्या 1040 तक जाती है. निजी स्कूल संगठन के सदस्य योगेंद्र सचान बताते हैं कि कम फीस वाले निजी स्कूलों में फीस जमा करने वालों की सख्या 40 से 60 फीसद ही रह गई है. सरकारी सहायता प्राप्त टेक्नीकल हाईस्कूल के प्रिंसिपल देवेंद्र गर्ग ने बताया कि 15 सितंबर तक कक्षा नौ और 11 में दाखिले होने हैं.

यूपी में सरकारी और एडेड स्कूलों में दाखिला लेने वालों की संख्या हुई दोगुनी
यूपी में सरकारी और एडेड स्कूलों में दाखिला लेने वालों की संख्या हुई दोगुनी

यह हैं हालात
राजधानी के सरकारी सहायता प्राप्त लखनऊ मॉन्टेसरी इंटरमीडिएट स्कूल में अभी तक करीब 350 नए प्रवेश हुए हैं. इसमें करीब 200 बच्चों ने 11वीं कक्षा तक और करीब 150 बच्चों ने प्राइमरी कक्षाओं में दाखिले लिए हैं. अभी प्रवेश लिए जा रहे हैं. ऐसे में इस संख्या के करीब 400 तक पहुंचने की उम्मीद है. स्कूल के प्रिंसिपल प्रशांत मिश्र बताते हैं कि पिछले साल तक यह संख्या 110-120 तक रहती थी.

राजकीय जुबली इंटर कॉलेज में छात्रसंख्या 1200 के आसपास पहुंच गए हैं. प्रिंसिपल धीरेंद्र मिश्र बताते हैं कि पिछले वर्ष तकर 220-240 दाखिले होते रहे हैं. इस बार यह संख्या 350 के आसपास पहुंची है. उनकी मानें तो स्टेशन के आसपास के इलाके में चलने वाले बजट स्कूल या तो बंद हो गए हैं या बंदी की कगार पर हैं.

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सरकारी सहायता प्राप्त हरिश्चंद्र इंटर कॉलेज के वरिष्ठ शिक्षक बीके सिंह ने बताया कि निजी स्कूलों की फीस न दे जाने के कारण बच्चे यहां आ रहे हैं. इस बार उनके स्कूल में बच्चों की संख्या में करीब 20 से 30 प्रतिशत तक का उछाल आया है. आगे यह और भी बढ़ने की उम्मीद है. करामत हुसैन गर्ल्स इंटर कॉलेज के प्रबंधक नावेद ने बताया कि नए दाखिलों की संख्या में 70 से 80 प्रतिशत तक का उछाला है. वहीं, छात्रसंख्या करीब 25 प्रतिशत तक बढ़ी है. टेक्निकल इंटरमीडिएट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. देवेंद्र कुमार गर्ग ने बताया कि उनके स्कूल में कक्षा 7 में 12, कक्षा 8 में 6, कक्षा 9 में 19 और कक्षा 11 में 27 नए दाखिले हुए हैं.

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