लखनऊ: राजधानी के बिजली उपभोक्ता बिजली तो जला रहे हैं, लेकिन बिजली के बिल की माफी की उम्मीद में बिल जमा करने से कतरा रहे हैं. लॉकडाउन से पहले मार्च माह में 85 फीसदी उपभोक्ताओं के बिजली बिल जमा करने का आंकड़ा था, लेकिन लॉकडाउन के बाद अप्रैल और मई में ये आंकड़ा घटकर सिर्फ 21 फीसदी ही रह गया है. काफी कम लोग ही अपना बिल जमा करने के लिए बिजली घर तक पहुंच रहे हैं. ईटीवी भारत ने बिजली घर जाकर पड़ताल की. कि इन दिनों कितने लोग बिजली का बिल जमा कर रहे हैं और वह बिल माफी के बारे में क्या सोचते हैं. इस पर उपभोक्ताओं ने खुलकर अपनी राय रखी.
लोगों को बिजली बिल माफी की उम्मीद
राजाजीपुरम बिजली उपकेंद्र पर बिजली का बिल जमा करने के लिए उपभोक्ता कतार में खड़े हैं. पहले इस उपकेंद्र पर बिल जमा करने के लिए उपभोक्तों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ती थी. लेकिन लॉकडाउन में कुछ ही लोग लाइन में खड़े हैं. यह उपभोक्ता हर माह समय पर अपना बिजली का बिल जमा करते हैं. उन्हें सरकार से बिल माफी की उम्मीद कम ही है.
हालांकि ईटीवी भारत से बात करते हुए कुछ उपभोक्ताओं ने यह भी कहा कि सरकार बिजली का बिल माफ करे, अगर माफ नहीं कर सकती है तो आधा करे. उन्होंने कहा कि सरकार को कम से कम कुछ तो रियायत देनी ही चाहिए, क्योंकि लॉकडाउन के कारण किसी की कोई कमाई नहीं हुई है.
बिजली विभाग के अधिकारी बताते हैं कि पहले 50 फीसदी उपभोक्ता अपना बिजली का बिल जमा कर रहे थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण अब बिजली बिल जमा करने वालों का औसत सिर्फ 21℅ ही रह गया है. मार्च माह में लखनऊ विद्युत सम्पूर्ति प्रशासन (लेसा) ने 368 करोड़ रुपए बिजली का लक्ष्य पूरा किया गया था. इस बार अप्रैल से अभी तक सिर्फ 160 करोड़ रुपए ही जमा हो पाए हैं.