लखनऊः उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि योगी के रामराज में उत्तर प्रदेश शराबराज में तब्दील हो चुका है. प्रतिवर्ष जहरीली शराब पीने से लोगों की बड़ी संख्या में मौत हो रही हैं. जहां सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, वहां सरकार केवल खानापूर्ति में व्यस्त है. शराब का अवैध धंधा सरकार के गठजोड़ से चल रहा है. कांग्रेस कार्यालय पर रविवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जहरीली शराब को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कटघरे में खड़ा किया.
350 लोगों की हो चुकी है मौत
प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि 2017 में जब यह सरकार बनी थी तो इस सरकार ने वादा किया था कि कानून व्यवस्था सुधारेंगे. माफियाराज पर अंकुश लगाएंगे, लेकिन सरकार बनने के बाद सरकार पूरी तरह माफियाओं के कब्जे में संलिप्त नजर आ रही है. सहारनपुर, बाराबंकी, बुलंदशहर, लखनऊ, चित्रकूट, प्रयागराज, अयोध्या, कुशीनगर, उन्नाव, कानपुर देहात, कानपुर नगर, रायबरेली, महोबा, बागपत और मेरठ जैसे स्थानों पर 2017 से अब तक जहरीली शराब पीने से करीब 350 लोगों की मौत हो चुकी है. बाराबंकी में अभी कुछ दिन पहले ही कई लोगों की शराब पीने से मौत हो गई, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सरकार ने सिर्फ एक दो इंस्पेक्टर पर एक्शन लिया और खानापूर्ति कर पल्ला झाड़ लिया.
हाईकोर्ट के निर्देश भी ठेंगे पर
उन्होंने कहा कि पिछले समय हाईकोर्ट ने सरकार को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया था कि जो लोग इस घटना में लिप्त हैं उनके खिलाफ गंभीर कार्रवाई की जाए, साथ ही साथ जो लोग पकड़े जाते हैं उनको मृत्युदंड के प्रावधान की कार्रवाई का निर्देश हाईकोर्ट ने दिया. सरकार ने कानून बनाया लेकिन शराब माफिया ने कानून का मजाक बना डाला. सरकार के मंत्री आनंद शुक्ला ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा कि वहां के आबकारी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए, लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल लीपापोती हुई. यहां तक की शराब कारोबारी द्वारा 10 फरवरी को पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया. तीन अप्रैल को भी हमला किया गया और 28 मार्च को भी हमला हुआ. पिछले समय लगातार पुलिस पर हमले हुए, लेकिन सरकार शराब माफियाओं को पकड़ने के बजाय छोटी-मोटी कार्रवाई कर इतिश्री कर ली गई. पूरी तरह स्पष्ट है कि शराब माफिया को सरकार का संरक्षण प्राप्त है. मंत्री और संतरी इस कारोबार में लिप्त हैं. भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी भी लिप्त हैं.
संवेदनहीन योगी सरकार
मुख्यमंत्री दूसरे राज्य में बयानबाजी करते हैं और उत्तर प्रदेश की जनता को गुमराह कर रहे हैं. मुख्यमंत्री दूसरे प्रदेश में जाकर बयानबाजी और हवाबाजी में व्यस्त हैं. यह सरकार माफियाओं के साथ खड़ी है. लोगों की जिंदगी से उसे कोई लेना देना नहीं. प्रतापगढ़ में अभी घटना हुई थी तो प्रमोद तिवारी और नेता विधान मंडल आराधना मिश्रा ने मौके का मुआयना कर कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन मुख्यमंत्री दूसरे राज्य में प्रचार में व्यस्त हैं. उत्तर प्रदेश की जनता से कोई मतलब नहीं. सरकार को लोगों की मौत से कोई संवेदना नहीं. कांग्रेस इस मांग को सड़क और सदन में उठाने का काम करेगी.
स्वतंत्र न्यायिक एजेंसी से हो निष्पक्ष जांच
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 350 लोगों की जान जहरीली शराब पीने से गई है. उसके ऊपर सरकार अपनी स्थिति को प्रदेश की जनता के सामने स्पष्ट करे. स्वतंत्र न्यायिक एजेंसी से इसकी निष्पक्ष जांच कराई जाए. जो अधिकारी इसमें संलिप्त हैं उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हो. कांग्रेस पार्टी यह मांग करती है.
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हजारों करोड़ का हो रहा वारा-न्यारा
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के मीडिया कोआर्डिनेटर और बहुजन समाज पार्टी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने योगी सरकार पर प्रहार किया. कहा कि योगी सरकार में जितनी मौतें शराब पीने से हुईं, उतनी मौतें पांच साल में किसी भी सरकार में नहीं हुईं. सबसे बड़ी बात है कि यह विभाग भी मुख्यमंत्री के पास है. सवाल यह है कि मौतें क्यों हो रही हैं? जहरीली शराब क्यों बन रही है? कौन बना रहा है? इसकी पूरी सूची है. शराब की स्मगलिंग होकर यूपी आ रही है. जो शराब की दरें निर्धारित की हैं, उससे कहीं ज्यादा बोतल पर प्रिंट है. कई गुना दर बढ़ाकर दुकानों से वसूली की जा रही है. इससे कालाबाजारी बढ़ी है और हजारों करोड़ का खेल हो रहा है.