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'अब टू-थ्री नहीं बल्कि फाइव डाइमेंशनल डिजाइन में होगा मेट्रो स्टेशन का निर्माण' - यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन

यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने गुरुवार को 'रेल एंड मेट्रो टेक्नॉलजी कॉन्क्लेव' को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया. ट्रांसफॉर्मेशन ऑफ मेट्रो रेल सिस्टम एंड लॉजिस्टिक्स विषय पर मुख्य वक्ता के तौर पर उन्होंने लखनऊ मेट्रो के साथ आगरा एवं कानपुर में इस्तेमाल होने वाली तकनीकों के बारे में चर्चा की. परिचर्चा के दौरान उन्होंने लखनऊ मेट्रो की ओर से कोविड-19 के दौर में उठाए जा रहे विभिन्न कदमों की जानकारी दी.

अब मेट्रो स्टेशन का निर्माण थ्री डाइमेंशनल डिजाइन नहीं
अब मेट्रो स्टेशन का निर्माण थ्री डाइमेंशनल डिजाइन नहीं
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Published : Sep 25, 2020, 3:19 PM IST

लखनऊः यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने गुरुवार को 'रेल एंड मेट्रो टेक्नॉलजी कॉन्क्लेव' को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया. ट्रांसफॉर्मेशन ऑफ मेट्रो रेल सिस्टम एंड लॉजिस्टिक्स विषय पर मुख्य वक्ता के तौर पर उन्होंने लखनऊ मेट्रो के साथ आगरा एवं कानपुर में इस्तेमाल होने वाली तकनीकों के बारे में चर्चा की. परिचर्चा के दौरान उन्होंने लखनऊ मेट्रो की ओर से कोविड-19 के दौर में उठाए जा रहे विभिन्न कदमों की जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि सात सितंबर को लखनऊ में मेट्रो के संचालन के साथ-साथ यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था की गई है. उन्होंने ट्रेन और स्टेशन सैनिटाइजेशन के साथ-साथ यात्रियों के लिए कॉन्टैक्सलेस ट्रेवल मुहैया कराने की जानकारी दी. ये भी बताया कि गो-स्मार्ट कार्ड को विभिन्न सेवाओं के साथ भविष्य में इंटीग्रेट करने की भी योजना है.

केशव ने बताया कि लखनऊ मेट्रो ने विस्तृत बिजनेस कंटिन्युटी प्लान तैयार किया है. जिसमें सुरक्षित, कॉन्टैक्टलेस यात्रा के साथ मेट्रो द्वारा किए गए सभी इंतजामों की जानकारी दी गई. यूपी मेट्रो की आगरा और कानपुर मेट्रो परियोजनाओं के निर्माण में बिल्डिंग इंन्फॉर्मेशन मॉडलिंग तकनीक का प्रयोग किया जाएगा. इसे इस तरह समझा जा सकता है कि मेट्रो स्टेशन का निर्माण अब दो डाइमेंशनल या थ्री डाइमेंशनल डिजाइन के बजाय फाइव डाइमेंशनल होगा.

आधुनिक तकनीक से निर्माण में लगने वाले समय से लेकर वित्तीय लागत को नियंत्रित किया जा सकता है और संरचना भी बेहतर बनती है. कानपुर और आगरा में इससे जुड़ा टेंडर भी आमंत्रित किया जा चुका है. एमडी कुमार केशव ने कहा कि मेट्रो शहरी परिवहन का सबसे सुरक्षित विकल्प है और यात्रियों को अधिक से अधिक संख्या में इसका प्रयोग करना चाहिए. कोविड के दौर में कम राइडरशिप के सवाल पर उन्होंने कहा कि यात्रा के दूसरे साधनों को मेट्रो के साथ इंटीग्रेट करने की आवश्यकता है और इसके लिए स्थानीय प्रशासन से लेकर राज्य स्तर पर सरकार के समर्थन की जरुरत है.

उन्होंने कहा कि लखनऊ मेट्रो ने सेवाओं के संचालन की शुरुआत से ही यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को सबसे ऊपर रखा है. यही वजह है यात्रियों का भरोसा धीरे- धीरे लौट रहा है. जिसके आने वाले हफ्तों में और बढ़ने की संभावना है. वेबिनार मे पीपीपी मॉडल पर संचालित हो रही एलएंड टी मेट्रो रेल, हैदराबाद की ओर से विभिन्न मेट्रो परियोजनाओं की कोविड के दौरान खराब हुई वित्तीय स्थिति का मुद्दा चर्चा के लिए उठाया. कुमार केशव ने कहा कि यूपी मेट्रो जहां केंद्र और राज्य सरकार की 50:50 की भागीदारी है. वहां भी सरकार की ओर से विभिन्न टैक्स में छूट मिलनी चाहिए. उन्होंने इसे समय की जरुरत बताया. इस वेबिनार में उत्तराखंड मेट्रो, पुणे और नागपुर मेट्रो की संस्था महा मेट्रो, डीएफसीसीआईएल और जाइका के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.

लखनऊः यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने गुरुवार को 'रेल एंड मेट्रो टेक्नॉलजी कॉन्क्लेव' को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया. ट्रांसफॉर्मेशन ऑफ मेट्रो रेल सिस्टम एंड लॉजिस्टिक्स विषय पर मुख्य वक्ता के तौर पर उन्होंने लखनऊ मेट्रो के साथ आगरा एवं कानपुर में इस्तेमाल होने वाली तकनीकों के बारे में चर्चा की. परिचर्चा के दौरान उन्होंने लखनऊ मेट्रो की ओर से कोविड-19 के दौर में उठाए जा रहे विभिन्न कदमों की जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि सात सितंबर को लखनऊ में मेट्रो के संचालन के साथ-साथ यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था की गई है. उन्होंने ट्रेन और स्टेशन सैनिटाइजेशन के साथ-साथ यात्रियों के लिए कॉन्टैक्सलेस ट्रेवल मुहैया कराने की जानकारी दी. ये भी बताया कि गो-स्मार्ट कार्ड को विभिन्न सेवाओं के साथ भविष्य में इंटीग्रेट करने की भी योजना है.

केशव ने बताया कि लखनऊ मेट्रो ने विस्तृत बिजनेस कंटिन्युटी प्लान तैयार किया है. जिसमें सुरक्षित, कॉन्टैक्टलेस यात्रा के साथ मेट्रो द्वारा किए गए सभी इंतजामों की जानकारी दी गई. यूपी मेट्रो की आगरा और कानपुर मेट्रो परियोजनाओं के निर्माण में बिल्डिंग इंन्फॉर्मेशन मॉडलिंग तकनीक का प्रयोग किया जाएगा. इसे इस तरह समझा जा सकता है कि मेट्रो स्टेशन का निर्माण अब दो डाइमेंशनल या थ्री डाइमेंशनल डिजाइन के बजाय फाइव डाइमेंशनल होगा.

आधुनिक तकनीक से निर्माण में लगने वाले समय से लेकर वित्तीय लागत को नियंत्रित किया जा सकता है और संरचना भी बेहतर बनती है. कानपुर और आगरा में इससे जुड़ा टेंडर भी आमंत्रित किया जा चुका है. एमडी कुमार केशव ने कहा कि मेट्रो शहरी परिवहन का सबसे सुरक्षित विकल्प है और यात्रियों को अधिक से अधिक संख्या में इसका प्रयोग करना चाहिए. कोविड के दौर में कम राइडरशिप के सवाल पर उन्होंने कहा कि यात्रा के दूसरे साधनों को मेट्रो के साथ इंटीग्रेट करने की आवश्यकता है और इसके लिए स्थानीय प्रशासन से लेकर राज्य स्तर पर सरकार के समर्थन की जरुरत है.

उन्होंने कहा कि लखनऊ मेट्रो ने सेवाओं के संचालन की शुरुआत से ही यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को सबसे ऊपर रखा है. यही वजह है यात्रियों का भरोसा धीरे- धीरे लौट रहा है. जिसके आने वाले हफ्तों में और बढ़ने की संभावना है. वेबिनार मे पीपीपी मॉडल पर संचालित हो रही एलएंड टी मेट्रो रेल, हैदराबाद की ओर से विभिन्न मेट्रो परियोजनाओं की कोविड के दौरान खराब हुई वित्तीय स्थिति का मुद्दा चर्चा के लिए उठाया. कुमार केशव ने कहा कि यूपी मेट्रो जहां केंद्र और राज्य सरकार की 50:50 की भागीदारी है. वहां भी सरकार की ओर से विभिन्न टैक्स में छूट मिलनी चाहिए. उन्होंने इसे समय की जरुरत बताया. इस वेबिनार में उत्तराखंड मेट्रो, पुणे और नागपुर मेट्रो की संस्था महा मेट्रो, डीएफसीसीआईएल और जाइका के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.

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