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लखनऊ: गेम्स नहीं, इस वीआर बॉक्स में मिलेगा नॉलेज का एडवेंचर - बच्चे अब वीआर बाक्स से करेंगे पढ़ाई

राजधानी लखनऊ में अब बच्चें वीआर बाक्स के जरिेए पढ़ाई करेंगे. एक कंपनी ने वीआर बाक्स में एनसीआरटी के विज्ञान, तकनीक और गणित के समूचे पाठ्यक्रम को शामिल किया गया है जो बच्चों के लिए काफी फायदेमंद है.

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वीआर बॉक्स से पढ़ेंगे अब बच्चे.
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Published : Dec 13, 2019, 5:27 PM IST

लखनऊ: वीआर बॉक्स को अब तक इंटरटेनमेंट और गेम्स एक्सपीरियंस के लिए जाना जाता था, लेकिन तकनीक का यह जादू अब स्कूलों में भी देखने को मिलेगा. भारत के 100 से ज्यादा स्कूलों में वीआर बॉक्स की मदद से विज्ञान, तकनीक और गणित की जटिलताओं को विद्यार्थियों के लिए आसान बनाया जा रहा है. अनूठे तरीके से जानकारी हासिल करने का रोमांच बच्चों ही नहीं बड़ों को भी अपना दीवाना बनाने में कामयाब है.

वीआर बॉक्स से पढ़ेंगे अब बच्चे.

वीआर बाक्स से पढ़ेगें अब बच्चे

  • पिछले दो दशक के दौरान स्कूलों में पढ़ने-पढ़ाने के तरीकों में तेजी के साथ बदलाव देखने को मिला है.
  • ब्लैक बोर्ड, कॉपी और पेंसिल के दायरे से निकलकर शिक्षा अब स्मार्ट क्लासेज तक पहुंच गई है.
  • इसका एक नजारा उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग के स्कूल समिट आयोजन के दौरान भी देखने को मिला.
  • यहां ऐसी कंपनियां मौजूद हैं जो शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा दे रही हैं.
  • ऐसे नवाचार लोगों के द्वारा ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं जिसमें तकनीक का समावेश अत्याधुनिक तरीके से किया गया है.
  • ऐसी ही एक कंपनी वीआर बॉक्स लेकर आई है.

अब स्कूलों में वीआर बाक्स से होगी पढ़ाई

  • वीआर बॉक्स का इस्तेमाल अब तक मनोरंजन की दुनिया में होता रहा है.
  • लोग फिल्म और गेम्स के आनंद को कई गुना बढ़ाने के लिए इसका सहारा लेते रहे हैं.
  • वीआर बॉक्स स्कूलों में बच्चों को जटिल विषयों को आसान बनाने में सहायक बन रहे हैं.
  • वीआर बॉक्स पर एनसीआरटी के विज्ञान, तकनीक और गणित के समूचे पाठ्यक्रम को शामिल किया गया है.
  • सब चीज को इस तरह शामिल किया गया कि बच्चे इनकी मदद से 3D चित्रों को देखते हुए सारी जानकारी हासिल कर सकते हैं.

इसे भी पढ़ें- समान शिक्षा मिलेगी तभी आएगा समानता भाव: सीएम योगी आदित्यनाथ

100 से अधिक स्कूलों में हो रहा वीआर बाक्स का उपयोग

  • इस तकनीक को भारत पर लेकर आने वाली कंपनी के अधिकारियों की माने तो अब तक 100 से ज्यादा स्कूलों में वीआर बॉक्स की मदद से पढ़ाई हो रही है.
  • स्कूल समिट में शिरकत करने पहुंचे ज्यादातर लोग वीआर बॉक्स की मदद से पढ़ाई के अनोखी अनुभव से चमत्कृत दिखाई दिए.
  • यही वजह है कि सबसे ज्यादा भीड़ भी वीआर बॉक्स वाले स्टॉल पर दिखाई दी जहां लोग अपनी पसंद की जानकारी और स्थानों के बारे में 3D अनुभव हासिल करते देखे गए.
  • कंपनी के प्रतिनिधियों के अनुसार उन्होंने कक्षा 1 से लेकर 12 तक एनसीईआरटी के पूरे पाठ्यक्रम को वीआर बॉक्स हब में समेट लिया है.

लखनऊ: वीआर बॉक्स को अब तक इंटरटेनमेंट और गेम्स एक्सपीरियंस के लिए जाना जाता था, लेकिन तकनीक का यह जादू अब स्कूलों में भी देखने को मिलेगा. भारत के 100 से ज्यादा स्कूलों में वीआर बॉक्स की मदद से विज्ञान, तकनीक और गणित की जटिलताओं को विद्यार्थियों के लिए आसान बनाया जा रहा है. अनूठे तरीके से जानकारी हासिल करने का रोमांच बच्चों ही नहीं बड़ों को भी अपना दीवाना बनाने में कामयाब है.

वीआर बॉक्स से पढ़ेंगे अब बच्चे.

वीआर बाक्स से पढ़ेगें अब बच्चे

  • पिछले दो दशक के दौरान स्कूलों में पढ़ने-पढ़ाने के तरीकों में तेजी के साथ बदलाव देखने को मिला है.
  • ब्लैक बोर्ड, कॉपी और पेंसिल के दायरे से निकलकर शिक्षा अब स्मार्ट क्लासेज तक पहुंच गई है.
  • इसका एक नजारा उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग के स्कूल समिट आयोजन के दौरान भी देखने को मिला.
  • यहां ऐसी कंपनियां मौजूद हैं जो शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा दे रही हैं.
  • ऐसे नवाचार लोगों के द्वारा ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं जिसमें तकनीक का समावेश अत्याधुनिक तरीके से किया गया है.
  • ऐसी ही एक कंपनी वीआर बॉक्स लेकर आई है.

अब स्कूलों में वीआर बाक्स से होगी पढ़ाई

  • वीआर बॉक्स का इस्तेमाल अब तक मनोरंजन की दुनिया में होता रहा है.
  • लोग फिल्म और गेम्स के आनंद को कई गुना बढ़ाने के लिए इसका सहारा लेते रहे हैं.
  • वीआर बॉक्स स्कूलों में बच्चों को जटिल विषयों को आसान बनाने में सहायक बन रहे हैं.
  • वीआर बॉक्स पर एनसीआरटी के विज्ञान, तकनीक और गणित के समूचे पाठ्यक्रम को शामिल किया गया है.
  • सब चीज को इस तरह शामिल किया गया कि बच्चे इनकी मदद से 3D चित्रों को देखते हुए सारी जानकारी हासिल कर सकते हैं.

इसे भी पढ़ें- समान शिक्षा मिलेगी तभी आएगा समानता भाव: सीएम योगी आदित्यनाथ

100 से अधिक स्कूलों में हो रहा वीआर बाक्स का उपयोग

  • इस तकनीक को भारत पर लेकर आने वाली कंपनी के अधिकारियों की माने तो अब तक 100 से ज्यादा स्कूलों में वीआर बॉक्स की मदद से पढ़ाई हो रही है.
  • स्कूल समिट में शिरकत करने पहुंचे ज्यादातर लोग वीआर बॉक्स की मदद से पढ़ाई के अनोखी अनुभव से चमत्कृत दिखाई दिए.
  • यही वजह है कि सबसे ज्यादा भीड़ भी वीआर बॉक्स वाले स्टॉल पर दिखाई दी जहां लोग अपनी पसंद की जानकारी और स्थानों के बारे में 3D अनुभव हासिल करते देखे गए.
  • कंपनी के प्रतिनिधियों के अनुसार उन्होंने कक्षा 1 से लेकर 12 तक एनसीईआरटी के पूरे पाठ्यक्रम को वीआर बॉक्स हब में समेट लिया है.
Intro:लखनऊ. वीआर बॉक्स को अब तक इंटरटेनमेंट और गेम्स एक्सपीरियंस के लिए जाना जाता था लेकिन तकनीक का यह जादू अब स्कूलों में भी देखने को मिलेगा भारत के 100 से ज्यादा स्कूलों में वी आर बॉक्स की मदद से विज्ञान,तकनीक और गणित की जटिलताओं को विद्यार्थियों के लिए आसान बनाया जा रहा है. अनूठे तरीके से जानकारी हासिल करने का रोमांच बच्चों ही नहीं बड़ों को भी अपना दीवाना बनाने में कामयाब है.


Body:पिछले दो दशक के दौरान स्कूलों में पढ़ने-पढ़ाने के तरीकों में तेजी के साथ बदलाव देखने को मिला है. ब्लैक बोर्ड,कॉपी और पेंसिल के दायरे से निकलकर शिक्षा अब स्मार्ट क्लासेज तक पहुंच गई है. इसका एक नजारा उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग के स्कूल समिट आयोजन के दौरान भी देखने को मिला यहां ऐसी कंपनियां मौजूद हैं जो शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा दे रही हैं ऐसे नवाचार लोगों के द्वारा ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं जिसमें तकनीक का समावेश अत्याधुनिक तरीके से किया गया है। ऐसी ही एक कंपनी वीआर बॉक्स लेकर आई है वीआर बॉक्स का इस्तेमाल अब तक मनोरंजन की दुनिया में होता रहा है लोग फिल्म और गेम्स के आनंद को कई गुना बढ़ाने के लिए इसका सहारा लेते रहे हैं। यही वीआर बॉक्स स्कूलों में बच्चों को जटिल विषयों को आसान बनाने में सहायक बन रहे हैं वीआर बॉक्स पर एनसीआरटी के विज्ञान,तकनीक और गणित के समूचे पाठ्यक्रम को इस तरह शामिल किया गया है की बच्चे इनकी मदद से 3D चित्रों को देखते हुए चाइना की दीवार से लेकर ताजमहल, आंख और कान की बनावट से लेकर पत्तियों और पौधों के बारे में सारी जानकारी हासिल कर सकते हैं। इस तकनीक को भारत पर लेकर आने वाली कंपनी के अधिकारियों की माने तो अब तक 100 से
ज्यादा स्कूलों में वीआर बॉक्स की मदद से पढ़ाई हो रही है।

बाइट /अशोक मेहता, सीबीओ,वीआटीवी

स्कूल समिट में शिरकत करने पहुंचे ज्यादातर लोग वीआर बॉक्स की मदद से पढ़ाई के अनोखी अनुभव से चमत्कृत दिखाई दिए। यही वजह है कि सबसे ज्यादा भीड़ भी वीआर बॉक्स वाले स्टॉल पर दिखाई दी जहां लोग अपनी पसंद की जानकारी और स्थानों के बारे में 3D अनुभव हासिल करते देखे गए। कंपनी के प्रतिनिधियों के अनुसार उन्होंने कक्षा 1 से लेकर 12 तक एनसीईआरटी के पूरे पाठ्यक्रम को वीआर बॉक्स हब में समेट लिया है जो किसी भी आधुनिक स्कूल के लिए बेहद जरूरी हिस्सा हो सकता है।


बाइट /नीलू वर्मा , प्रतिभागी स्कूल समिट

बाइट /सचिन, कंपनी प्रतिनिधि

पीटीसी /अखिलेश तिवारी



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