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डायल 112 पर लोकल बोली में बताएं अपनी समस्या, इन 5 बोलियों में मिलेगा जवाब

यूपी पुलिस की सेवा 112 में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है. यूपी में डायल 112 पर अब भोजपुरी, अवधी, ब्रज, बुन्देली आदि क्षेत्रीय बोलियों मे भी बातचीत की जा सकेगी.

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डायल 112 में शुरू क्षेत्रीय भाषा का काम.
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Published : Oct 23, 2020, 12:29 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस को बेहतर व सुविधाजनक बनाने के लिए योगी सरकार लगातार प्रयास करती हुई नजर आ रही है. इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए योगी सरकार ने एक कदम और आगे बढ़ाया है. अब जब आप पुलिस सहायता के लिए डायल 112 पर फोन करेंगे तो आप हिंदी के साथ-साथ भोजपुरी, अवधी, ब्रज, बुंदेली व पहाड़ी क्षेत्रीय (लोक) बोलियों में भी संवाद कर सकेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के बाद डायल 112 ने यह कदम उठाया है.

एडीजी डायल 112 असीम अरुण ने बताया कि डायल 112 पर सहायता के लिए पूरे उत्तर प्रदेश में 15 से 17 हजार फोन कॉल्स प्रतिदिन आती हैं. उत्तर प्रदेश एक बड़ा प्रदेश है, लिहाजा यहां पर अनेक क्षेत्रीय (लोक) बोलियां बोली जाती हैं. शिकायतकर्ता या मदद मांगने के लिए अगर किसी क्षेत्र से व्यक्ति फोन करता है और उससे बात करने के लिए उसी की भाषा में संवाद अधिकारी तैनात होते हैं तो संवाद बेहतर होता है और समस्या को आसानी से समझ कर समाधान किया जा सकता है. इस बात को ध्यान में रखते हुए संवाद अधिकारियों का खास प्रशिक्षण किया गया है, जिससे कि वह क्षेत्रीय बोली में शिकायतकर्ता या मदद मांगने वालों की बात को समझ कर समाधान कर सकें.

विभिन्न क्षेत्रीय (लोक) बोलियों से संबंधित डेस्क का निर्माण किया गया है और फोन कॉल आने पर संबंधित क्षेत्रीय बोली के जानकार संवाद अधिकारी को यह फोन कॉल ट्रांसफर की जाती है. जिससे कि बेहतर संवाद किया जा सके. वर्तमान में 5 क्षेत्रीय भाषाएं भोजपुरी, अवधी, ब्रज, बुंदेली व पहाड़ी भाषा में संवाद शुरू किया गया है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस को बेहतर व सुविधाजनक बनाने के लिए योगी सरकार लगातार प्रयास करती हुई नजर आ रही है. इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए योगी सरकार ने एक कदम और आगे बढ़ाया है. अब जब आप पुलिस सहायता के लिए डायल 112 पर फोन करेंगे तो आप हिंदी के साथ-साथ भोजपुरी, अवधी, ब्रज, बुंदेली व पहाड़ी क्षेत्रीय (लोक) बोलियों में भी संवाद कर सकेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के बाद डायल 112 ने यह कदम उठाया है.

एडीजी डायल 112 असीम अरुण ने बताया कि डायल 112 पर सहायता के लिए पूरे उत्तर प्रदेश में 15 से 17 हजार फोन कॉल्स प्रतिदिन आती हैं. उत्तर प्रदेश एक बड़ा प्रदेश है, लिहाजा यहां पर अनेक क्षेत्रीय (लोक) बोलियां बोली जाती हैं. शिकायतकर्ता या मदद मांगने के लिए अगर किसी क्षेत्र से व्यक्ति फोन करता है और उससे बात करने के लिए उसी की भाषा में संवाद अधिकारी तैनात होते हैं तो संवाद बेहतर होता है और समस्या को आसानी से समझ कर समाधान किया जा सकता है. इस बात को ध्यान में रखते हुए संवाद अधिकारियों का खास प्रशिक्षण किया गया है, जिससे कि वह क्षेत्रीय बोली में शिकायतकर्ता या मदद मांगने वालों की बात को समझ कर समाधान कर सकें.

विभिन्न क्षेत्रीय (लोक) बोलियों से संबंधित डेस्क का निर्माण किया गया है और फोन कॉल आने पर संबंधित क्षेत्रीय बोली के जानकार संवाद अधिकारी को यह फोन कॉल ट्रांसफर की जाती है. जिससे कि बेहतर संवाद किया जा सके. वर्तमान में 5 क्षेत्रीय भाषाएं भोजपुरी, अवधी, ब्रज, बुंदेली व पहाड़ी भाषा में संवाद शुरू किया गया है.

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